ऑपरेशन सिन्दूर : संघर्ष विराम पर यह सोच है भारतीयों की …

तापमान लाइव ब्यूरो
20 मई 2025
New Delhi : पहलगाम (Pahalgam) की पाक (Pak) निर्देशित आतंकी नृशंसता का जवाब देने में थोड़ा वक्त भले लगा, लेकिन भारत (Bharat) ने जिस आक्रामक अंदाज में सबक सिखाया उससे सिर्फ पाकिस्तान (Pakistan) ही नहीं, लगभग सम्पूर्ण विश्व (World) सिहर उठा. पराक्रमी भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Opareshan Sindoor) के तहत पड़ोसी मुल्क के घर में घुसकर उसके पोषित-संरक्षित आतंकवादियों को तो मार गिराया ही, आतंक (Atank) के अनेक अड्डों को भी मिट्टी में मिला दिया. प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने अघोषित सैन्य कार्रवाई की तो उसका भी मुंहतोड़ जवाब दिया. ऐसा कि दुनिया को मुंह दिखाने के लायक नहीं रह गया. इस दरमियान तीन दिनों तक युद्ध जैसी स्थिति रही. भारत का सधा जवाबी प्रहार नहीं झेल पा रहा पाकिस्तान ने अघोषित रूप से हथियार डाल दिये. भारत के कदम मजबूरन रुक गये.
पांच प्रतिशत लोग नहीं हैं संतुष्ट
पहलगाम आतंकी हमले के बाद नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार द्वारा चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इसके प्रतिक्रिया स्वरूप भारत एवं पाकिस्तान के बीच उत्पन्न युद्ध जैसे हालात पर विराम को लेकर देश की सोच क्या है? पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से कितने लोग संतुष्ट हैं और कितने लोगों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्थगित करना पसंद नहीं आया, इन सवालों को लेकर सी वोटर ने सर्वे किया है. सी वोटर के मुताबिक यह सर्वे 10 से 12 मई 2025 तक किया गया. इंडिया टुडे (India Today) पर प्रसारित सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, टेलिफोनिक तरीके से लोगों से पूछा गया कि क्या वे सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं ? 68.1 ने प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया. 05.3 प्रतिशत लोग संतुष्ट नहीं हैं. 15.3 प्रतिशत लोग अनिर्णय की स्थिति में रहे.

सैन्य क्षमता पर है भरोसा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ स्थगित करने से 63.3 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं, जबकि संतुष्ट नहीं रहने वालों की संख्या 10.2 प्रतिशत है. 17.3 प्रतिशत लोग अनिर्णय की स्थित में हैं. सी वोटर के सर्वे में भारत की सैन्य क्षमता से संबंधित सवाल भी था. इस पर संघर्ष विराम से पहले 91.1 प्रतिशत लोगों ने बहुत ज्यादा कहा, 06.1 प्रतिशत ने जवाब में कुछ हद तक का विकल्प चुना. भरोसा नहीं है, कहने वाले महज एक प्रतिशत रहे. वहीं, संघर्ष विराम के बाद 92.3 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा भरोसा है. कुछ हद तक कहने वाले 03.4 प्रतिशत ही रह गये जबकि भरोसा नहीं है कहने वाले भी 0.7 फीसदी ही बचे.
चीन है सबसे बड़ा दुश्मन
एक सवाल यह भी था कि भारत का बड़ा दुश्मन कौन है, पाकिस्तान या चीन? संघर्ष विराम से पहले इस सवाल के जवाब में 47.4 प्रतिशत लोगों ने चीन (China) का नाम लिया तो 27.7 प्रतिशत ने पाकिस्तान और 12.2 प्रतिशत ने दोनों का विकल्प चुना. वहीं, संघर्ष विराम के बाद 51. 8 प्रतिशत ने दुश्मन बताया. 19.6 प्रतिशत ने पाकिस्तान और 20.7 ने दोनों कहा
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