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महागठबंधन में दांव-पेंच : हेमंत सोरेन ने अटका दी तेजस्वी की सांसें

विकास कुमार
06 मई 2025

Patna : घटक दलों की औकात से बाहर की दावेदारी की वजह से महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का मामला पहले से जटिल बना हुआ है ही, झारखंड (Jharkhand) के सहयोगी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी झामुमो (JMM) ने भी बड़ा दावा पेश कर इसे और उलझा दिया है. ऐसा कि झारखंड विधानसभा के चुनाव में अपनी बड़ी दावेदारी से झारखंड मुक्ति मोर्चा को परेशान कर देने वाला राजद (RJD) बिहार विधानसभा के चुनाव में झामुमो की हिस्सेदारी की उतनी ही बड़ी मांग से विचलित हो उठा है.

कांग्रेस ने समर्थन कर दिया

हालांकि, सीट बंटवारे की समस्या महागठबंधन की है, पर मुश्किलें राजद की इस वजह से बढ़ गयी हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के अड़ जाने की स्थिति में उसे अपने ही हिस्से की सीटों से झामुमो को संतुष्ट करना पड़ जा सकता है. विश्लेषकों की समझ में असहज स्थिति की एक वजह यह भी है कि झामुमो की दावेदारी को कथित रूप से कांग्रेस (Congress) ने समर्थन कर दिया है. मीडिया में जो बातें आयी हैं उनके मुताबिक झामुमो की ओर से राजद को यह बता दिया गया है कि बिहार (Bihar) में महागठबंधन के घटक के तौर पर वह चुनाव लड़ना चाहता है.

झामुमो को आ गया था गुस्सा

उसकी चाहत में सीमावर्ती इलाकों के साथ – साथ बिहार के उन बारह निर्वाचन क्षेत्रों पर दावेदारी भी है जहां आदिवासी मतों की अच्छी संख्या है. कहा जा रहा है कि महागठबंधन में सहमति बने या नहीं, झामुमो इन बारह क्षेत्रों में अपना उम्मीदवार उतारेगा ही. गौर करने वाली बात है कि झामुमो ने 2020 में भी महागठबंधन के सहयोगी के तौर पर बिहार में चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी. बड़ी बेरुखी से राजद नेतृत्व ने उसे निराश कर दिया था. इस बेरुखी पर झामुमो को गुस्सा इतना आया कि बात राजद से रिश्ता तोड़ लेने तक पहुंच गयी.

बन गया राजद की राह का रोड़ा

लेकिन, वैसा हुआ नहीं. रिश्ता बना रहा, पर सात निर्वाचन क्षेत्रों में झामुमो ने उम्मीदवार उतार दिये. जीत कहीं नहीं मिली, परन्तु, दो निर्वाचन क्षेत्रों-चकाई और कटोरिया में वह राजद की राह का रोड़ा जरूर बन गया. झामुमो के उम्मीदवार झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, नाथनगर और पीरपैंती में थे. अन्य क्षेत्रों में उपलब्धि उल्लेख करने लायक नहीं रही. चकाई में झामुमो उम्मीदवार एलिजाबेथ सोरेन को मिले 16 हजार 985 मत राजद उम्मीदवार सावित्री देवी की 581 मतों के मामूली अंतर से हार का कारण बन गये.

बारह निर्वाचन क्षेत्रों में है तैयारी

इसी तरह कटोरिया में झामुमो उम्मीदवार के रूप में अंजेला हांसदा के मैदान में रहने से राजद की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को जीत नहीं मिल पायी. बाजी भाजपा की निक्की हेम्ब्रम के हाथ लग गयी. इस बार झामुमो ने सात की जगह बारह निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का मन बना रखा है. पूर्व के झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और नाथनगर के अलावा बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, बलरामपुर और बनमनखी में उसकी तैयारी है. राजद के लिए परेशानी की बात यह है कि महागठबंधन में इन बारह क्षेत्रों में दस उसके हिस्से के हैं. मनिहारी कांग्रेस और बलरामपुर भाकपा-माले के हिस्से के हैं.

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