तापमान लाइव | Tapmanlive

न्यूज़ पोर्टल | Hindi News Portal

पेपर लीक मामला : गिरफ्त में आया संजीव मुखिया, खुलेंगे गोरखधंधे के राज

तापमान लाइव ब्यूरो
25 अप्रैल 2025

PATNA : अंतर्राज्यीय परीक्षा माफिया गिरोह‌ का फरार सरगना संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया. पुलिस उस शातिर दिमागी को बिहार के बाहर खोज रही थी और वह बड़े इत्मीनान से पटना में जमा हुआ था. नीट पेपर लीक मामले में स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार 24 अप्रैल 2025 की देर रात तीन लाख के इस‌ सरगना को‌ दानापुर के सगुना मोड़ इलाके के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया. राष्ट्रीय स्तर पर नीट की परीक्षा पिछले साल 05 मई को हुई थी. पेपर लीक की साजिश कथित रूप से संजीव मुखिया ने रची थी. आरोपों के मुताबिक प्रति छात्र 30 से 40 लाख रुपये लिये गये थे.

नीट पेपर लीक होने से पूरा देश सन्न रह गया था .परीक्षा आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गये थे. इस मामले में 11 मई 2024 को झारखंड के देवघर से छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. उनमें संजीव मुखिया का रिश्तेदार चिंटू भी शामिल था. संजीव मुखिया का डाक्टर बेटा शिवकुमार और भांजा राकी उर्फ राकेश रंजन भी पेपर लीक के अलग-अलग मामले में जेल में बंद है. पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) भी मामले को देख रही है. संजीव मुखिया की गिरफ्तारी से बहुत सारे राज खुलने की उम्मीद की जा सकती है.

गांव-घर में लूटन मुखिया के नाम से चर्चित 51 वर्षीय संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र के शाहपुर बलवा गांव का रहने वाला है. इसी जिले के नूरसराय स्थित उद्यान महाविद्यालय में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था. उसके पिता जनक किशोर प्रसाद किसान हैं. मां यशोदा देवी नर्स रह चुकी हैं. पत्नी ममता देवी भुतहा खार पंचायत की मुखिया हैं. राजनीति में भी सक्रिय हैं. जुड़ाव जदयू से था. 2020 के चुनाव में हरनौत से दावेदार थीं. पार्टी नेतृत्व ने नकार दिया. लोजपा ने अवसर उपलब्ध करा दिया. जीत नहीं मिली. 38 हजार 163 मतों में सिमट दूसरे स्थान पर अटक गयीं.

पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि संजीव मुखिया अंतर्राज्यीय परीक्षा माफिया गिरोह का संचालन करता है. इस नेटवर्क में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के शातिर जुड़े हुए हैं. जानकारों के मुताबिक इन राज्यों में जब भी किसी भर्ती परीक्षा की सूचना निकलती है, यह गिरोह प्रश्न पत्र लीक करने की साजिश में लग जाता है. फिर साल्वर गैंग के जरिये इसे अंजाम दिलाता है. बिहार की पुलिस ने 07 अप्रैल 2025 को संजीव मुखिया पर तीन लाख का इनाम घोषित किया था. उसकी तलाश में बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों और नेपाल में भी व्यापक छापेमारी की गयी थी. लेकिन वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया.

गुरुवार देर रात एसटीएफ को संजीव मुखिया के पटना में होने की सूचना मिली. दानापुर के सगुना मोड़ इलाके में उसे दबोच लिया गया. संजीव मुखिया ने संभवतः पहली बार 2010 में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करके छात्रों को नकल करायी थी. इसी के बाद वह चर्चा में आया था. 2016 के बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक मामले में भी उसका हाथ था. बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा-III के पेपर लीक मामले में भी संजीव मुखिया का नाम सामने आया था. 2016 में उत्तराखंड में मेडिकल प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. गोरखधंधे पर उस गिरफ्तारी का कोई असर नहीं पड़ा. इस बार भी वैसा ही कुछ हो तो वह चौंकने वाली बात नहीं होगी.