सुरसंड : तब भी निष्कंटक नहीं है उनकी राह

मदनमोहन ठाकुर
12 जून 2025
Sitamarhi : सीतामढ़ी जिले का लोक अभियोजक (public prosecutor) बनाये जाने से जितनी खुशी वरिष्ठ अधिवक्ता विमल शुक्ला (Vimal Shukla) को नहीं हुई होगी, उससे कहीं अधिक सुकून सुरसंड (Sursand) के विधायक दिलीप राय (Dilip Rai) और उस क्षेत्र से जदयू (JDU) की उम्मीदवारी की चाहत रखने वाले अन्य नेताओं को मिला होगा. इसलिए कि दिलीप राय की उम्मीदवारी के दोहराव को लेकर संशय की जो स्थिति है उसमें उनके विकल्प के तौर पर राजनीतिक चर्चाओं में वरिष्ठ जदयू नेता विमल शुक्ला का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था.
संभावना पूरी तरह समाप्त नहीं
कहा जा रहा था कि अपने इस खासमखास नेता के लिए सीतामढ़ी के जदयू सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) जोर लगा रहे हैं. उनके जोर लगाने को उम्मीदवारी तय के रूप में देखा जा रहा था. वह संकट टल गया. हालांकि, ऐसा भी नहीं कि लोक अभियोजक बन जाने के बाद विमल शुक्ला की उम्मीदवारी की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गयी है. सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर चाहेंगे तो जदयू नेतृत्व उन्हें उम्मीदवार बनाने पर विचार कर सकता है. वैसे, विमल शुक्ला अब शायद ही चुनाव लड़ना चाहेंगे.
एक चर्चा यह भी…
एक चर्चा यह भी है कि लोक अभियोजक के पद पर उनकी नियुक्ति देवेश चन्द्र ठाकुर की पहल पर ही हुई है. वैसे, कुछ लोगों का कहना है कि सांसद की यह पहल विमल शुक्ला को उम्मीदवारी से वंचित रखने के लिए हुई है. अब बात विधायक दिलीप राय (Dilip Rai) की. विमल शुक्ला की इस ‘उपलब्धि’ से वाकई उन्हें खुशी हुई होगी. उम्मीदवारी के दोहराव में एक ‘बाधा’ तो दूर हुआ! ऐसा हुआ भी, पर राह पूरी तरह निष्कंटक नहीं हुई है.

राह में खड़ी हैं डा. इकरा अली खान
दूसरे ‘बाधा’ के तौर पर डा. इकरा अली खान (Dr. Iqra Ali Khan) उनकी राह में खड़ी नजर आ रही हैं. डा. इकरा अली खान सुरसंड से विधायक रहे मरहूम पूर्व मंत्री शाहिद अली खान (shahid ali khan) की पुत्री हैं. 06 अक्तूबर 2024 को वह जदयू में शामिल हुईं. तब कहा गया था कि सुरसंड से उम्मीदवारी के आश्वासन पर उन्हें पार्टी से जोड़ा गया है. कहते हैं कि उनके इस जुड़ाव में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान (Jama khan) की अहम भूमिका थी. डा. इकरा अली खान को जदयू की उम्मीदवारी दिलाने के लिए जमा खान अब भी प्रयासरत हैं.
इंतजार करना होगा
जदयू के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक उनकी इसी पहल के मद्देनजर सुरसंड से दूसरे बड़े दावेदार विमल शुक्ला को लोक अभियोजक बना दिया गया है. अब उम्मीदवारी के मामले में दिलीप राय और डा. इकरा अली खान में किस्मत किसकी चमकती है, यह देखने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. वैसे, सुरसंड से उम्मीदवारी की चाहत विधान पार्षद रेखा कुमारी (Rekha Kumari) के पति डा. मनोज (Dr. Manoj) एवं पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा (Ramkumar Sharma) ने भी पाल रखी है.
सांसद की धारणा ठीक नहीं
विश्लेषेकों का मानना है कि इन दोनों की चाहत इसलिए पूरी नहीं हो पायेगी कि सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर की धारणा कथित रूप से इनके प्रति ठीक नहीं है. उनकी ऐसी धारणा संसदीय चुनाव में मिले कड़वे अनुभव पर आधारित है. बहरहाल, इस निर्णय का राजनीतिक निहितार्थ जो हो, लोक अभियोजक बनाये जाने से विमल शुक्ला संतुष्ट ही नहीं, गदगद हैं. इसका संपूर्ण श्रेय वह जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर को दे रहे हैं.
सबका आभार जताया
खुद पर भरोसा जताने के लिए विमल शुक्ला ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की. जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सांसद संजय झा (Sanjay Jha), केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajiv Ranjan Singh alias Lallan Singh) , बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary), सीतामढ़ी जिले के प्रभारी ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary), विधि मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) एवं महाधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही (Prashant Kumar Shahi) का भी उन्होंने आभार जताया. सुशासन की नीतियों के अनुरूप ईमानदार लोक अभियोजक के रूप में दायित्व निभाने का भरोसा दिलाया.
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