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दारा सिंह भी दिखायेंगे दम पंडारक में!

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राजेश कुमार
30 सितम्बर 2021

BARH. पटना जिला परिषद के पंडारक उत्तरी निर्वाचन क्षेत्र को राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. 2016 में इस सीट पर बाढ़ विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता रणवीर कुमार सिंह पंकज की पत्नी स्वाति सिंह ने परचम लहराया था. उसमें पति की साफ-सुथरी छवि का लाभ उन्हें मिला था.

चुनाव मैदान में कई चेहरे थे. मुख्य मुकाबला गोवासा शेखपुरा के मोख्तार आलम की पत्नी शबाना आजमी से हुआ था. पंडारक निवासी सुनील कुमार शर्मा की पत्नी रिंकी देवी उर्फ प्रेमलता तीसरे स्थान पर रही थी.

इस बार नहीं लड़ेंगी
इस बार हालात बदले-बदले से दिख रहे हैं. बाढ़ नगर परिषद (Barh Nagar Parishad) का वार्ड पार्षद निर्वाचित हो जाने के कारण शबाना आजमी इस बार जिला परिषद का चुनाव नहीं लड़ेंगी. रिंकी देवी उर्फ प्रेमलता ने भी इस चुनाव से खुद को किनारा कर लिया है.

अन्य कुछ के अलावा पंडारक के दारा सिंह (Dara Singh) की नजरें इस पर जमी हुई हैं. कई महीनों से वह अपनी पत्नी विभा देवी (Vibha Devi) के लिए चुनावी रणनीति बना रहे हैं. गांव-गांव और गली-गली चक्कर लगा रहे हैं. लोगों से विभा देवी का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं.


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है सामाजिक छवि
दारा सिंह की सामाजिक छवि है. क्षेत्र में कभी किसी से कोई राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं रही है. अपनी इस साफ-सुथरी छवि का चुनावी फायदा विभा देवी को दिलाने का वह पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. दारा सिंह का कहना है कि पूर्व में जिन लोगों ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया वे सब अपने-अपने कार्यकाल में क्षेत्र की जनता से अलग-थलग रहे.

कभी किसी ने चुनाव के बाद क्षेत्र की ओर रुख नहीं किया. उनके सुख-दुख से कोई सरोकार नहीं रखा. विकास के नाम पर क्षेत्र को छलने का काम किया. उनका दावा है कि इस बार जनता अवसरवादी छवि के ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव में नकारने का मन बना चुकी है.

स्वाति सिंह का भी चल रहा अभियान
उधर, निवर्तमान जिला पार्षद स्वाति सिंह (Swati Singh) की ओर से भी चुनावी शंखनाद किया जा चुका है. चुनाव अभियान की कमान उनके पति रणवीर कुमार सिंह पंकज (Ranvir Kumar Singh Pankaj) ने संभाल ली है. रणवीर कुमार सिंह पंकज को चुनावी राजनीति का धुरंधर नेता माना जाता है.

लंबे अरसे से बिहारी बीघा पंचायत के मुखिया पद की कमान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन्हीं के हाथों में रही है. बिहारी बीघा के शंभू सिंह उन्हें पंचायत की राजनीति से उखाड़ फेंकने के लिए नाक रगड़ते रहे, लेकिन विफलता के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा.

ज्ञानू के खिलाफ उतरे थे मैदान में
2016 में रणवीर कुमार सिंह पंकज ने पंडारक उत्तरी जिला परिषद क्षेत्र में कदम रखा और अपनी पत्नी स्वाति सिंह को जीत दिलाने में कामयाब हो गये. 2020 के चुनाव में बाढ़ विधानसभा क्षेत्र पर उनकी नजरें जमी. दलीय उम्मीदवारी के लिए उन्होंने खूब हाथ-पांव मारे. कामयाबी नहीं मिली तो निर्दलीय मैदान में कूद पड़े.

भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) से बगावत करने की कूबत दिखा दी. चुनाव में उन्हें मात मिली, लेकिन विधायक विरोधी तेवर को लेकर बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में वह चर्चाओं में रहे.

मंझे खिलाड़ी माने जाते हैं पंकज
2021 के चुनाव में बिहारी बीघा पंचायत का मुखिया पद और पंडारक उत्तरी जिला परिषद सीट से रणवीर कुमार सिंह पंकज की प्रतिष्ठा एक बार फिर जुड़ गयी है. इसे बरकरार रखना उनके लिए एक चुनौती जैसी ही है.


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विधानसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक हालात में पर्दे के पीछे छुप कर ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और सत्येन्द्र बहादुर (Satyendra Bahadur) की ओर से अवरोध पैदा करने की संभावना से जरा भी इनकार नहीं किया जा सकता. वैसे, रणवीर कुमार सिंह पंकज पंचायत स्तर की राजनीति के दांव-पेंच में काफी मंझे खिलाड़ी माने जाते हैं.

अब्दुल खालिक भी हैं
रणवीर कुमार सिंह पंकज और दारा सिंह के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय से अब्दुल खालिक (Abdul Khalik) भी चुनावी अखाड़े की ओर बढ़ गये हैं. अपनी बेगम फरहत जहां (Farhat Jahan) के लिए सियासी जमीन तलाश रहे हैं.

उनका दावा है कि इस बार पंडारक उत्तरी जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र में 2011 का चुनावी इतिहास दुहराया जायेगा. जनता अल्पसंख्यक समुदाय की फरहत जहां के हाथ में नेतृत्व सौंपने का मन बना चुकी है.

24 नवम्बर को होगा चुनाव
दावे-प्रतिदावे अपनी जगह हैं. इन सबके अलावा और भी कई चेहरों के चुनावी मुकाबले में उतरने के आसार दिख रहे है. लिहाजा चुनाव परिणाम अप्रत्याशित भी हो सकता है. चुनाव 8वें चरण में 24 नवम्बर 2021 को होना है.

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