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सम्यागढ़ पंचायत : चमक सकती है मधुमिता की किस्मत

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राजेश कुमार
8 नवम्बर, 2021

BARH : पंचायत चुनाव को लेकर मोकामा (Mokama) के घोसवरी टाल इलाके में स्थित सम्यागढ़ पंचायत (Samyagarh Panchayat) की राजनीति फिर गरमाने लगी है. तकरीबन बीस साल की पंचायत राजनीति में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे नीरज कुमार (Neeraj Kumar) और मुरलीधर सिंह (Murlidhar Singh) के अलावा और भी कई लोगों की नजरें इस पंचायत के मुखिया (Mukhiya) पद पर जमी हुई हैं. मुखिया का पद महिला (सामान्य) के लिए है.

2016 के चुनाव में नीरज कुमार और मुरलीधर सिंह ने खूब ताकत खपायी, लेकिन, अपनी-अपनी पत्नी को मुखिया पद पर काबिज कराने में दोनों नाकामयाब रहे. बताया जाता है कि पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों के मतों के अलग-अलग ध्रुवीकरण ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.

पांच उम्मीदवारों ने दिखाये थे दम
चुनाव में दम पांच उम्मीदवारों ने दिखाये. उनमें बाजी अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अजय राम की पत्नी मीना देवी के हाथ लग गयी. 752 मत पाने वाली मीना देवी का मुकाबला रामप्रीत महतो की पत्नी धर्मशीला देवी से हुआ. धर्मशीला देवी को 730 मत मिले. यानी सिर्फ 22 मतों से वह पिछड़ गयीं.

मुरलीधर सिंह की पत्नी कुसुम देवी को 689 तथा नीरज कुमार की पत्नी मधुमिता कुमारी को 651 मत प्राप्त हुए. इस बार भी दर्जनभर से अधिक चेहरे चहक रहे हैं. उनमें नीरज कुमार की पत्नी मधुमिता कुमारी भी हैं. नीरज कुमार 2011 में मुखिया निर्वाचित हुए थे. पिछड़ा-अतिपिछड़ा मतों में बिखराव का लाभ मिला था.

सम्यागढ़ पंचायत की राजनीति से संबद्ध विभिन्न पहलुओं पर नीरज कुमार ने क्या कुछ कहा, सुनें…


हर वर्ग में है पैठ
पंचायत की राजनीति में वह बड़े ही धुरंधर माने जाते हैं. हर वर्ग के लोगों से उनका गहरा लगाव होने की बात कही जाती है. अपने मुखिया कार्यकाल में विवाद से परे रह उन्होंने विकास के जो कार्य कराये वे आज भी पंचायत की जनता के दिलो-दिमाग में रचे-बसे हैं. 2016 में चूक जाने के बाद भी मधुमिता कुमारी के लिए इसे एक मजबूत आधार माना जा रहा है.

दूसरा यह कि नीरज कुमार सत्ता से बाहर रहने के बाद भी सामाजिक कार्यों में लगातार जुटे रहे हैं. पंचायत वासियों के सुख-दुःख में सदैव उनके करीब खड़ा रहे हैं. नीरज कुमार की यह छवि मधुमिता कुमारी के लिए चुनाव में मददगार साबित हो सकती है. हालांकि, इस सीट पर जिन-जिन दिग्गजों की नजरें जमी हुई हैं उनकी ओर से भी हर दांव खेलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

मतों का विभाजन तय
बावजूद इसके नीरज कुमार की पत्नी मधुमिता कुमारी मोर्चे पर मजबूती से डटी हुई हैं. 2016 की हारी हुई बाजी को इस बार जीत में बदलने को प्रणबद्ध दिख रही हैं. जानकारों की मानें तो इस बार मतों के ध्रुवीकरण का वैसा आसार नहीं दिख रहा है जैसा पिछली बार हुआ था, लेकिन मतों का विभाजन तय माना जा रहा है. हालांकि, चुनाव में परिस्थितियां पल-पल बदलती हैं. कब क्या होगा, कहना मुश्किल है.

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