तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

सकसोहरा पश्चिमी पंचायत : बन जायेगा इस बार नया इतिहास!

शेयर करें:

राजेश कुमार
16 नवम्बर, 2021

BARH : पटना जिले के बेलछी (Belachhi) प्रखंड की सकसोहरा पश्चिमी पंचायत की राजनीति में इस बार नया मोड़ दिख रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि जनसमर्थन के बूते पिंकु कुमार उर्फ टिंकू सिंह मुखिया पद को लेकर नया इतिहास रचने के करीब हैं. हालांकि, इस पर 2006 से ही बेबी रानी का कब्जा है. विरोध की लहर के बावजूद 2016 में उनकी कुर्सी बच गयी थी. इस बार उनके अभेद्य दुर्ग पर पिंकु कुमार उर्फ टिंकू सिंह की नजरें जम गयी हैं. मुखिया (Mukhiya) पद के चुनाव के लिए उनकी तैयारी तकरीबन डेढ़ साल से चल रही थी.

मांग रहे एक मौका
सामान्य समझ है कि जात-पात से ऊपर उठकर पंचायत के सभी वर्ग के लोगों के सुख-दुख में शामिल होकर पिंकु कुमार (Pinku Kumar) ने उनके बीच अपनी मजबूत पैठ बना रखी है. पंचायतवासियों से वह बस एक मौका मांग रहे हैं. ‘15 साल बनाम 5 साल’ की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले 15 साल में पंचायत का समुचित विकास नहीं हुआ. विकास की योजना राशि की बंदरबांट हुई है. गरीबों को उनके वाजिब हक से वंचित रखा गया है. पंचायत को इस बदहाली से उबारने के लिए पिंकु कुमार उर्फ टिंकू सिंह जनता से महज 5 साल का एक मौका मांग रहे हैं.

बेबी रानी को है विकास पर भरोसा
साफ-सुथरी छवि के पिंकु कुमार इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स किये हुए हैं. पंचायत की सत्ता पर काबिज होकर समाज सेवा और पंचायत का समुचित विकास करना चाहते हैं. उधर, बेबी रानी (Bebi Rani) अपने कार्यकाल में हुए विकास के कार्यों को लेकर चुनाव मैदान में चौथी बार डटी हुईं हैं. चुनावी कमान उनके पुत्र सदानंद यादव उर्फ मनीष के हाथ में है. उनकी ओर से भी हर दांव खेलने की तैयारी है. इन दोनों के अलावा तीन चेहरे और भी हैं.

सत्ता-संग्राम में हुआ खून-खराबा
सकसोहरा पश्चिमी पंचायत में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में खून की होली भी हुई है. यह बात किसी से छुपी नहीं है. इतिहास गवाह है कि मुखिया पद की अदावत ने मुकेश सिंह (Mukesh Singh) और विवेका यादव (Viveka Yadav) को एक-दूसरे के खून का प्यासा बना दिया. ऐसा कि बारी-बारी से दोनों की लाशें बिछ गयीं. सकसोहरा के समीप घात लगाकर पहले विवेका यादव को गोलियों से छलनी कर दिया गया.


यह भी पढ़ें :
सम्यागढ़ पंचायत : चमक सकती है मधुमिता की किस्मत
नालंदा जिला परिषद : पूनम ने बटोर ली बेन में चांदनी !
‘पीपुल’ से ‘पीपुल्स पद्म’ : संघर्षों से भरी दुलारी देवी की संकल्प सिद्धि
कौन है यह मुनमुन धमेचा?


अलग हो गयीं श्वेता रानी
इसके प्रतिशोध में बाढ़ के ढेलबा गोसाईं रोड में मुकेश सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया. उस हादसे के बाद मुकेश सिंह की पत्नी श्वेता रानी (Sweta Rani) ने खुद को पंचायत की राजनीति से अलग कर लिया, लेकिन, विवेका यादव की पत्नी बेबी रानी (Bebi Rani) कलेजे पर पत्थर रख पंचायत की राजनीति में डटी रहीं. फिलहाल पुत्र सदानंद यादव उर्फ मनीष उनका सहारा है.

नामांकन यात्रा भी चर्चा में रही
नामांकन यात्रा में गाड़ियों की लंबी कतार के साथ 28 अक्तूबर,2021 को बेबी रानी की ओर से भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखायी गयी. वहीं 1 नवम्बर, 2021को पिंकु कुमार उर्फ टिंकू सिंह ने बग्घी पर सवार होकर विशाल जनसमूह के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंच अपना नामांकन पर्चा भरा और विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराया. बाकी के तीन प्रत्याशियों की ओर से नामांकन यात्रा के रूप में कोई खास जोर आजमाइश नहीं की गयी.

मौजूदा हालात
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख समीप आ रही है, वैसे-वैसे पंचायत का सियासी पारा चढ़ रहा है. चुनाव तक चौतरफा पूछ होने से पंचायत की जनता का मन-मिजाज सातवें आसमान पर है. प्रत्याशियों की ओर से उनका खास ख्याल रखा जा रहा है. कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जो चहुंओर चुनावी शिविर में भ्रमण कर रहे हैं. ऐसे चेहरे को परख पाने को लेकर प्रत्याशी भी भ्रमित हैं.

अपनी राय दें