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सिंह गर्जना रैली : कौन भरेगा हुंकार?

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मुकेश कुमार सिंह
26 दिसम्बर, 2021

PATNA : पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की जेल से रिहाई के लिए एक तरफ कानूनी लड़ाई की तैयारी है तो दूसरी तरफ जन आंदोलन की भी. ‘फ्रेंड्स ऑफ आनंद’ के तत्वावधान में 29 जनवरी 2022 को पटना में ‘सिंह गर्जना रैली’ होगी. मिलर हाई स्कूल के मैदान में. रैली के संयोजक आनंद मोहन के विधायक पुत्र चेतन आनंद (Chetan Anand) हैं. उन्होंने जानकारी दी कि उनके पिता आनंद मोहन की रिहाई के लिए ‘सिंह गर्जना रैली’ में पांच से दस लाख लोगों का जुटान होगा. इसके लिए वह अपनी मां पूर्व सांसद लवली आनंद (Lovely Anand) के साथ विभिन्न प्रदेशों के राजनेताओं और सामाजिक संगठनों के बड़े नेताओं को आमंत्रण दे रहे हैं.

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, योगेन्द्र सिंह कटार सहित संगठन के अन्य वरीय नेताओं, श्री राजपूत करणी सेना के प्रमुख महिपाल सिंह मकराना, लोकेन्द्र सिंह कालवी, करणी सेना के सूरजपाल सिंह अम्मू सहित महाराजा महेन्द्र सिंह, राजस्थान के नेता प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, उत्तरप्रदेश के दमदार नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, महेश पाटिल, शिवपाल सिंह यादव, पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष के पी सिंह, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश, गजेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, साध्वी देवा ठाकुर, विक्रम सिंह जूदेव, विश्व क्षत्रिय अखाड़ा मंच की अध्यक्ष ज्योति सिंह चौहान, नेपाली कांग्रेस के सांसद शेखर सिंह, गजेन्द्र सिंह चौहान, राजा अनिल सिंह, हरि सिंह चौहान, चंदन सिंह चौहान समेत कई दिग्ग्जों को आमंत्रण दे चुके हैं. इसके अलावा बिहार के नेता, प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव एवं अन्य को भी आमंत्रित किया गया है.


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विधायक चेतन आनंद के मुताबिक ‘सिंह गर्जना रैली’ के आयोजन का मतलब अन्याय, झूठ, फरेब और तानाशाही के खिलाफ जो भी सिंह गर्जना कर सकते हैं वे सभी इस रैली के साथी और अभिभावक हैं. इस रैली से एक ही आवाज गूंजेगी – ‘चप्पा-चप्पा डोल रहा है, आनंद-आनंद बोल रहा है.’ चेतन आनंद का मानना है कि ‘सिंह गर्जना रैली’ से बिहार सरकार को पता चल जायेगा कि एक निर्दोष क्रांतिवीर और महानायक की राजनीति एवं स्वाभिमान का कभी अवसान नहीं होता है. लाखों की भीड़ किसी अपराधी या हत्यारे के लिए इकट्ठी नहीं होती है.

यह सामाजिक रैली है या राजनीतिक? इस संदर्भ में चेतन आनंद का कहना रहा कि यह पूरी तरह से सामाजिक यानी सर्वसमाज की रैली है. चूंकि उनके पिता राजनेता रहे हैं और राजनीति ने ही उनके जीवन को निगला है, तो यह रैली राजनीति से अछूती नहीं रहेगी. चेतन आनंद के दावे जो हों, यह शक्ति प्रदर्शन के लिए सामाजिक और राजनीति की ‘कॉकटेल रैली’ होगी. ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि यह कितना सफल होती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है.

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