सीतामढ़ी-शिवहर : संभावना अभी समाप्त नहीं हुई
मदनमोहन ठाकुर
10 जनवरी, 2022
SITAMARHI : बिहार विधान परिषद के आसन्न चुनाव में सीतामढ़ी-शिवहर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की बढ़ रही दावेदारी से राजनीतिक दल पशोपेश में पड़ गये हैं. हालांकि, दोनों ही गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवार करीब-करीब तय कर लिये हैं. घोषणा भर बाकी है. घोषणा नहीं होने से अन्य दावेदारों की उम्मीद पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. जोड़-तोड़ की राजनीति में वे अपनी संभावना टटोल रहे हैं. इस क्षेत्र से 2015 में राजद समर्थित उम्मीदवार दिलीप राय (Dilip Ray) की जीत हुई थी. मुख्य मुकाबले में भाजपा समर्थित देवेन्द्र साह (Devendra Shah) थे.
अलग-थलग हैं देवेन्द्र साह
वर्तमान में दिलीप राय सुरसंड से JDU के विधायक (MLA) हैं. देवेन्द्र साह की इस चुनाव में इस बार न तो अपनी कोई रुचि दिख रही है और न राजग में कोई संभावना ही बनती नजर आ रही है. ऐसे में दोनों गठबंधनों को नये चेहरे की तलाश है. महागठबंधन में यह सीट राजद के कोटे में जायेगी, यह लगभग तय है. मुख्य रूप से उसके तीन दावेदार सक्रिय हैं. शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर, शशिरंजन कुमार उर्फ मंटू यादव और सुधीर कुंवर. इस चुनाव के तमाम ‘कर्मकांड’ धन आधारित होते हैं. धन के साथ-साथ बेहतर प्रबंधन की भी जरूरत होती है. इस दृष्टि से भी तीनों लगभग बराबर की हैसियत रखते हैं.
उम्मीद बची है सुधीर कुंवर की
चर्चा है कि शशिरंजन कुमार उर्फ मंटू यादव (Shashiranjan Kumar urf Mantu Yadav) विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी की बाबत ठोस आश्वासन पर विधान परिषद के इस चुनाव से अलग हो जा सकते हैं. कहा जाता है कि राजद नेतृत्व की ओर से ऐसा कुछ आश्वासन उन्हें मिला है. सुधीर कुंवर (Sudhir Kunwar) भी पूरी तरह सक्षम-समर्थ हैं. उनकी संभावना अभी बनी हुई है. किसी कारणवश उन्हें मायूसी मिली तो वह RJD के लिए सेहतमंद कतई नहीं होगी. शिवहर (Sheohar) जिला Congress के अध्यक्ष मोहम्मद असद (Md. Asad) की दावेदारी की भी खूब चर्चा है. काग्रेस फिलहाल महागठबंधन से अलग है. मोहम्मद असद की उम्मीद इसी पर टिकी है. कांग्रेस का महागठबंधन से फिर से जुड़ाव हो गया तो उसे मोहम्मद असद के बागी रुख से दो-चार होना पड़ जा सकता है.
चर्चा डा. श्वेता गुप्ता की
राजग में भी कई दावेदार हैं. उनमें डा. मनोज (Dr. Manoj) और डा. श्वेता गुप्ता (Dr. Shweta Gupta) के नाम की चर्चा कुछ अधिक है. डा. मनोज सीतामढ़ी शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ हैं. उनकी पत्नी रेखा कुमारी (Rekha Kumari) जिला पार्षद निर्वाचित हुई हैं. डा. श्वेता गुप्ता प्रसिद्ध चिकित्सक डा. वरुण कुमार (Dr Varun Kumar) की पत्नी हैं. डा. वरुण कुमार की हैसियत का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि 2019 के संसदीय चुनाव में उन्हें सीतामढ़ी से JDU की उम्मीदवारी मिली थी. यह अलग बात है कि उन्होंने उसे लौटा दी. अवसर भाजपा के विधायक रहे सुनील कुमार पिंटू (Sunil Kumar Pintu) को उपलब्ध हो गया.
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डा. मनोज की भी है बड़ी दावेदारी
डा. वरुण कुमार और डा. श्वेता गुप्ता इस चुनाव में हाथ आजमाने में पूरी तरह सक्षम हैं. फिलहाल राजग का समर्थन (उम्मीदवारी) पाने के लिए डा. मनोज और डा. श्वेता गुप्ता के बीच होड़ है. डा. मनोज के पक्ष में जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू, जदयू विधायक दिलीप राय, विधान पार्षद देवश चन्द्र ठाकुर, जदयू नेता विमल शुक्ला आदि है. उन्हें मैदान में उतारने पर जीत की पूरी संभावना बताते हैं. दूसरी तरफ डा. श्वेता गुप्ता और डा. वरुण कुमार के पक्षधरों का मानना है कि डा. मनोज को राजग का समर्थन मिला तो वह महागठबंधन के चयनित राजद प्रत्याशी के मुकाबले कमजोर साबित होंगे.
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