सीतामढ़ी-शिवहर : तस्वीर हो गयी साफ, मुकाबला होगा जोरदार
मदनमोहन ठाकुर
14 जनवरी, 2022
SITAMARHI : विधान परिषद के सीतामढ़ी-शिवहर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र में मुकाबले की तस्वीर करीब-करीब साफ हो गयी है. हालांकि, उम्मीदवारों की बाबत अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. उलट-फेर की संभावना बनी हुई है. उलट-फेर नहीं हुआ तब महागठबंधन (Mahagathbandhan) के राजद (RJD) समर्थित शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर (Shailendra Kumar urf Kabu Khirhar) और राजग की जदयू (JDU) समर्थित रेखा कुमारी (Rekha Kumari) के बीच मुख्य संघर्ष होने के आसार बन रहे हैं. दोनों तरफ और भी दावेदार हैं. संभव है, निराशा की स्थिति में कुछ किसी दूसरे दल का समर्थन हासिल कर या निर्दलीय मैदान में कूद पड़ें.
श्रीनारायण सिंह की भूमिका
जीत और हार अपनी जगह है, इस चुनाव में सीतामढ़ी जिला परिषद की उपाध्यक्ष संझा देवी (Sanjha Devi) के पति श्रीनारायण सिंह (Shrinarayan Singh) की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. श्रीनारायण सिंह जिला परिषद (Zila Parishad) की राजनीति में बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं. उनके इस उभार में दोनों गठबंधनों के स्थानीय नेताओं का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग रहा है. ऐसे में उनके समक्ष विकट स्थिति पैदा हो गयी है कि विधान परिषद के चुनाव में खुलकर किसका साथ दें. जिला परिषद के उपाध्यक्ष के चुनाव में उनकी पत्नी संझा देवी का मुकाबला विधान परिषद (Vidhan Parishad) के चुनाव में राजग समर्थित उम्मीदवार बनने जा रहीं इसी रेखा कुमारी से हुआ था. इस दृष्टि से यह सवाल जवाब तलाश रहा है कि विधान परिषद के चुनाव में वह रेखा कुमारी (Rekha Kumari) का खुला साथ देंगे?
चकित हैं भाजपा के विधायक
रेखा कुमारी के लिए विधान पार्षद देवेश चन्द्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur), विधायक दिलीप राय (Dilip Ray) और वरिष्ठ जदयू नेता अधिवक्ता विमल शुक्ला (Vimal Shukla) आदि जोर लगाये हुए हैं. हालांकि, लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह (Arun Kumar Singh) राजग की दूसरी दावेदार डा. श्वेता गुप्ता (Sweta Gupta) के पैरोकार बने हुए हैं. रेखा कुमारी की तुलना में वह डा. श्वेता गुप्ता को ज्यादा सशक्त और सक्षम-समर्थ उम्मीदवार मान रहे हैं. उधर रेखा कुमारी के नाम पर भाजपा (BJP) के विधायकों में हर्ष-विषाद, कुछ भी नहीं दिख रहा है. डा. मिथिलेश, अनिल कुमार, मोतीलाल प्रसाद एवं गायत्री देवी आदि भाजपा विधायक इस चयन से चकित हैं. कई विधायकों का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है. पार्टी नेतृत्व का क्या निर्देश मिलता है, सबकुछ उसी पर निर्भर करेगा.
सीताराम यादव की आस
वैसे, राजग में यह सीट जदयू के कोटे में रहेगी या भाजपा के कोटे में, इसका निर्धारण भी अभी नहीं हुआ है. इसी को दृष्टिगत रख राजद से भाजपा में आये पूर्व मंत्री सीताराम यादव (Sitaram Yadav) ने अभी आस नहीं त्यागी है. अपनी पुत्रवधू जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष ऊषा किरण (Usha Kiran) को भाजपा की उम्मीदवारी (समर्थन) दिलाने के लिए पटना (Patna) से लेकर दिल्ली (Delhi) तक जोर लगाये हुए हैं. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Ray) पर भरोसा जमाये हुए हैं. उधर, डा. श्वेता गुप्ता को चुनाव लड़ाने पर आमादा उनके पति डा. वरुण कुमार (Dr. Varun Kumar) का मानना है कि जिला पार्षद रेखा कुमारी महागठबंधन समर्थित कबू खिरहर (Kabu Khirhar) के मुकाबले कमजोर साबित होंगी. उन्हें उम्मीद है कि राजग के रणनीतिकार इस पर जरूर गौर फरमायेंगे, डा. श्वेता गुप्ता को उम्मीदवार बनाने पर विचार करेंगे.
खिरहर को मिल रहा साथ
महागठबंधन के चयनित राजद समर्थित उम्मीदवार शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं. राजद में दावेदारी शशिरंजन उर्फ मंटू यादव (Shashiranjan urf Mantu Yadav) की भी थी. पार्टी नेतृत्व के ठोस आश्वासन के बाद उन्होंने शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. अनवारुल हक (Anwarul Hauqe) और शाहिद अली खान (Shahid Ali Khan) के बाद सीतामढ़ी में मुस्लिम नेता के तौर पर उभार पाये इसरारुल हक पप्पू (Israrul Haque Pappu) भी शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर के अभियान से जुड़ गये हैं. इसरारुल हक पप्पू सुरसंड (Sursand) विधानसभा क्षेत्र से राजद के दावेदार थे. उन्हें नजरंदाज कर पूर्व विधायक अबू दोजाना (Abu Dojana) पर दांव खेलना राजद नेतृत्व के लिए घाटे का सौदा रहा. संभवतः इसके मद्देनजर ही तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) ने इसरारुल हक पप्पू को इस अभियान से जोड़ा है. लोगों की नजर श्रीनारायण सिंह (Shrinarayan Singh) के रुख पर जमी है. उनके साथ विजय कुमार (Vijay Kumar) सरीखे मजबूत जनाधार वाले जिला पार्षद (Zila Parshad) भी हैं जो चुनाव परिणाम के रुख को मोड़ने की क्षमता रखते हैं.
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