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फिर यू-टर्न न लेना पड़ जाये सुशासन बाबू को…!

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विशेष प्रतिनिधि
07 फरवरी, 2022

PATNA : सभी लक्षण बता रहे हैं कि शराबबंदी (liquor ban) पर सुशासन बाबू को अपने जीते जी यू-टर्न (U-Turn) लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उनके जीते जी शराबबंदी खत्म नहीं हो सकती है. यह उनका संकल्प है. अब भाजपाई कह रहे हैं कि जीते जी वाला संकल्प वापस भले ही मत लीजिये. इसमें संशोधन जरूर कीजिये. क्योंकि आप तो जी रहे हैं. दूसरे लोग आपके संकल्प के फेर में जान गंवा रहे हैं. लोग जहरीली शराब (Liquor) पीकर मर रहे हैं. आपकी पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है.

समीक्षा की मांग
भाजपा (BJP) ने उन्हें सलाह दी है कि पांच साल पुराने कानून की समीक्षा कीजिये. मतलब, देखिये कि कैसे शराबबंदी (liquor ban) कानून को इस हद तक संशोधित किया जाये कि गरीबों की जान बच सके. अमीर लोग तो महंगी और बेहतर ब्रांड की शराब (Liquor) का सेवन कर मौज कर रहे हैं. जान उन गरीबों की जा रही है, जिनकी महंगी शराब खरीद कर पीने की हैसियत नहीं है.


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चैन मिलता है दो पैग से
भाजपा ने सुशासन बाबू पर दबाव बनाने के लिए सहयोगी दलों को सहमत करने का फैसला किया है. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के नेता जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) पहले से इस कानून (Act) का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने यह कह कर कानून का विरोध किया था कि दिन भर मेहनत करने के बाद अगर गरीब रात में दो पैग ले लेता है तो चैन की नींद सो पाता है.

वह भी तो संकल्प ही था
दूसरी बात यह कि इस कानून के तहत गिरफ्तार हुए लोग गरीब, दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के हैं. एक मुश्किल संकल्प भंग को लेकर हो रही है. आखिर कैसे सुशासन बाबू को इसके लिए राजी किया जाये. रास्ता निकाल लिया गया है. उन्हें मिट्टी में मिल जायेंगे, लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे वाले संकल्प की दुर्दशा की याद दिला रहे हैं.

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