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मामला मधुबनी के आर के कालेज का, जिला प्रशासन चुप क्यों?

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मदन मोहन ठाकुर
31 जुलाई 2022

SITAMARHI: मधुबनी (MADHUBANI) के रामकृष्ण कालेज ( R K COLLEGE) में छात्र संघ (STUDENT UNION) की वैद्यता का विवाद गहरा रहा है. छात्र संघ के पदधारी अपने रुख पर कायम हैं, तो कालेज प्रशासन उसके अस्तित्व को सीधे तौर पर नकार रहा है.प्रधानाचार्य डा. फूलो पासावान (PRINCIPAL DR. PHULO PASWAN)का कहना है कि राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के आदेशानुसार ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (L N M U, DARBHANGA) के तमाम अंगीभूत महाविद्यालयों के छात्र संघ का कार्यकाल 15 अगस्त 2020 को समाप्त हो गया. इस आलोक में उसी साल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. मुस्ताक अहमद (REGISTRAR DR MUSTAQE AHMED )ने एक अधिसूचना जारी की थी. उसमें छात्र संघों के संबद्ध पदधारियों से अनुरोध किया गया था कि उपस्करों और परिसंपत्तियों के साथ छात्र संघ कार्यालय की चाभी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को सौंप दें.

अनुपालन नहीं किया गया
आर के कालेज छात्र संघ के पदधारियों ने इसका अनुपालन नहीं किया. ये लोग प्रारंभिक काल से ही महाविद्यालय प्रशासन पर दबदबा कायम बनाये हुए हैं. इनसे पूर्व के कई प्रधानाचार्य त्रस्त रहे हैं. डा. फूलो पासवान के मुताबिक राहुल पासवान 2019 में ही आर के कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष पद से मुक्त हो गये. इसके बाद भी उनका ‘गिरोह’ सक्रिय है. उस ‘गिरोह’ में छात्र एक भी नहीं है. कथित रूप से सिर्फ शरारती तत्व ही हैं, जो कालेज में सामानांतर सत्ता बनाये रखना चाहते हैं. प्रधानाचार्य डा. फूलो पासवान ने इस आशय की सूचना जिला प्रशासन को दे रखी है. समुचित कार्रवाई की मांग की है. लेकिन, जिला प्रशासन मौन धारण किये हुए है. आखिर, क्यों?

पूरी नहीं हो रही चाहत
आर के कालेज, मधुबनी की शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों पर गहन दृष्टि रखने वालों की मानें, तो छात्र संघ के नाम पर कथित रूप से अराजक माहौल कायम करने के जो प्रयास किये जा रहे हैं, उसकी जड़ में वैसे तत्व ही मुख्य रूप से सक्रिय हैं जिन्होंने पूर्व के प्रधानाचार्य पर अपना वर्चस्व थोप रखा था. कहा जाता है कि तब प्रायः सभी विभागों में ऐसे ही तत्वों की मर्जी चलती थी. एक तरह से ‘समानान्तर प्रशासन’ काम कर रहा था. बीएड, बीसीए एवं अन्य पाठ्यक्रमों में नामांकन के नाम पर बहुत सारे खेल होते थे. वैसे तत्वों की वर्तमान व्यवस्था से भी वही चाहत है. जो पूरी नहीं हो पा रही है.

आतंकी का मतलब आतंकवादी नहीं
यहां बड़ा सवाल यह है कि 30 जुलाई 2022 को आर के कालेज में शोर-शराबा, नारेबाजी और प्रधानाचार्य डाॉ फूलो पासवान का पुतला दहन हुआ. उसकी विधिवत सूचना मिलने के बावजूद जिलाधिकारी (D M) या अनुमंडल पदाधिकारी (S D O) या फिर पुलिस अधीक्षक (S P) ने समुचित कार्रवाई क्यों नहीं की? जिला प्रशासन छात्र संघ के नये चुनाव होने तक उसके कार्यालय को अपने नियंत्रण में रखने की पहल क्यों नहीं कर रहा है? मांग यह भी उठ रही है कि उसे इसकी त्वरित जांच करानी चाहिये कि जिस छात्र संघ का बैनर इस्तेमाल हो रहा है, उसके पदधारी वैध हैं या नहीं? गौरतलब है कि 30 जुलाई 2022 को छात्र संघ के अध्यक्ष राहुल पासवान और संतोष यादव के नेतृत्व में छात्रों ने कालेज गेट पर प्रदर्शन किया और प्रधानाचार्य का पुतला जलाया. राहुल पासवान का दावा है कि आर के कालेज छात्र संघ वैध है. डा. फूलो पासवान ने उसकी तुलना आतंकी संगठन से की है जो निंदनीय है. राहुल पासवान की समझ जो हो, प्रधानाचार्य के आतंकी कहने का मतलब ‘आतंकवादी’ से नहीं है. जो आतंक फैलाता है उसे आतंकी कहा जाता है. प्रधानाचार्य की नजर में आर के कालेज में आतंक ही तो फैलाया जा रहा है.

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