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मुख्यमंत्री की मौजूदगी पर भी भारी पड़ गया ‘भरत मिलाप’

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विशेष संवाददाता
09 नवम्बर, 2022

PATNA : सहरसा जेल (Saharsa Jail) में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) को अपनी पुत्री सुरभि आनंद (Surabhi Anand) की सगाई के मांगलिक आयोजन में शामिल होने के लिए 15 दिनों का पैरोल मिला. 7 नवम्बर 2022 को पटना में हुए भव्य आयोजन का वह स्वाभाविक महत्वपूर्ण हिस्सा बने. सुरभि आनंद को ‘आशीर्वाद’ देने वहां कौन आया कौन नहीं, यह कोई खास मतलब नहीं रखता.

कानून विरुद्ध कार्यों के लिए ही सही, दीर्घकाल तक एक- दूसरे के नाम के ‘पूरक’ रहे पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Rajesh Ranjan urf Pappu Yadav) के ‘आगमन’ ने सामान्य लोगों की नजर में अन्य – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) की भी-मौजूदगी को फीका कर दिया. दोनों आत्मीय अंदाज में गले मिले.

सगाई समारोह में आनंद मोहन के साथ नीतीश कुमार, तेजस्वी प्रसाद यादव आदि.

दृश्य वाकई अविस्मरणीय था
वर्तमान दौर के ‘भरत मिलाप’ सरीखा वह दृश्य वाकई अविस्मरणीय था. लोगों को हैरानी इस बात पर भी हुई कि आनंद मोहन (Anand Mohan) की राजनीति को मिट्टी में मिला देने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने पैरोल (Parole) की स्वीकृति की सदाशयता कैसे दिखायी? यह उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) तेजस्वी प्रसाद यादव की पहल का परिणाम था या फिर नीतीश कुमार की लौट आयी चेतना का, यह नहीं कहा जा सकता. वैसे, नीतीश कुमार भी आशीर्वाद देने पहुंच गये थे. आनंद मोहन (Anand Mohan) के पुत्र चेतन आनंद (Chetan Anand) राजद (RJD) के विधायक हैं.

ऐसे में तेजस्वी प्रसाद यादव को शामिल होना ही था. नीतीश कुमार की मौजूदगी चौंकाने वाली रही. इस कारण भी कि वह ऐसा बेवजह नहीं करते हैं. इसके पीछे कोई न कोई राजनीतिक (Political) स्वार्थ अवश्य रहता है. उनके इस आचरण के मद्देनजर विश्लेषकों की समझ है कि पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) प्रकरण से क्षत्रिय समाज में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जो साख खराब हुई है उसी की भरपाई के लिए वह पहुंचे थे. सगाई (Engagement) समारोह में उनके पुलकित चेहरे से वैसा कुछ झलक भी रहा था.

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