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सीतामढ़ी : तरक्की की राह बढ़ रहा आर के गोयनका कालेज

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मदनमोहन ठाकुर
02 दिसम्बर, 2022

SITAMARHI : तकरीबन साढ़े तीन साल पहले डा. रामनरेश पंडित (Dr. Ramnaresh Pandit) ने भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (BRA University, Muzaffarpur) की अंगीभूत इकाई आर के गोयनका कालेज, सीतामढ़ी (R K Goyanka College, Sitamarhi) के प्रधानाचार्य का पद सभाला था. उनके समक्ष तब समस्याओं की शृंखला थी. उन सब का निराकरण कर पठन-पाठन को सुव्यवस्थित करने की बड़ी चुनौती थी. उन समस्याओं से वह विचलित नहीं हुए. महाविद्यालय को पटरी पर लाने का बुलंद हौसला लिये अभियान में जुट गये. इस क्रम में पहली समस्या के समाधान के लिए उन्हें पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) की शरण में जाना पड़ गया. मामला प्रधानाचार्य (Principal) का पदभार ग्रहण करने से संबंधित था. कुछ प्राध्यापकों की ओर से अड़चन खड़ी कर दी गयी थी. अदालत (Court) में उसका निपटारा हो गया. फैसला (Decision) पक्ष में आया.

आर के गोयनका कॉलेज का विज्ञान भवन और आर्ट्स एंड कॉमर्स ब्लॉक

सब कुछ ध्वस्त था तब
उस समय 1949 में स्थापित इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय (College) की स्थिति बहुत बदतर थी. भवन (Building) जर्जर हो गये थे. प्रधानाचार्य का आवास रहने लायक नहीं रह गया था. महाविद्यालय का मुख्य प्रवेश द्वार ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया था. भवन की कमी थी सो अलग. अनुशासन का घोर अभाव था. पठन-पाठन की व्यवस्था अस्त-व्यस्त थी. डा. रामनरेश पंडित (Dr. Ramnaresh Pandit) ने एक-एक कर लगभग सभी समस्याओं का निदान कर दिया. मरम्मति के साथ महाविद्यालय भवनों का रंग-रोगन हुआ. चमक लौट आयी. प्रधानाचार्य आवास एवं महाविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार कराया गया. विज्ञान, कला एवं वाणिज्य संकायों में अध्ययन-अध्यापन के लिए नये भवनों का निर्माण कराया गया. एक तरह से महाविद्यालय का रूप-रंग ही बदल गया.


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प्रयत्नशील हैं प्रधानाचार्य
डा. रामनरेश पंडित के प्रयास से महाविद्यालय में इग्नू (IGNOU), मौलाना अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (Maulana Abdul Kalam), नालंदा खुला विश्वविद्यालय (Nalanda Open University) का अध्ययन केन्द्र सुचारू ढंग से चल रहा है. इससे छात्र-छात्राओं के साथ-साथ नौकरी करने वालों को भी इच्छानुसार उच्च शिक्षा (Higher Education) की डिग्री प्राप्त करने में सहूलियत हो रही है. बीसीए (BCA), बीबीए (BBA), बीएससी बायो टेक्नोलॉजी (BSc Bio Technology) जैसे रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम लगभग एक दशक से चल रहे हैं. फैशन डिजायनिंग (Fashion Designing) एवं सीएसडी पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रयास कामयाबी के करीब है.

गरीब एवं मेधावी छात्रों को हो रहा फायदा 
महत्वपूर्ण बात यह कि महाविद्यालय (College) में बिहार सरकार के पाक शिक्षण केन्द्र भी सुचारू ढंग से संचालित है. इससे गरीब एवं मेधावी छात्रों (Students) को फायदा हो रहा है. डा. रामनरेश पंडित इतिहास, मनोविज्ञान (Psychology) एवं वाणिज्य (Commerce) में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की व्यवस्था के लिए सतत प्रयत्नशील हैं. भीम राम अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय से लगातार पत्राचार कर रहे हैं. निकट भविष्य में ही सफलता हासिल होने की संभावना है. महाविद्यालय में दो बार नीट की परीक्षा आयोजित हुई. इससे प्रधानाचार्य (Principal) की कुशलता सिद्ध हुई.

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