इसलिए फंसीं सींगें भाजपा के दो विधायकों की?
विजय शंकर पांडेय
07 अगस्त 2023
Darbhanga : प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप और यदा-कदा अससंदीय शब्दों (Unpleasant Words) का इस्तेमाल होता रहता है. अपने ही दल के नेताओं में ऐसा कभी-कभार ही देखने व सुनने को मिलता है. इधर के दिनों में दरभंगा ने ऐसा देखा और लगभग संपूर्ण बिहार (Bihar) ने सुना. इस पर जो प्रतिक्रिया होनी चाहिये थी वह तो हुई, पर हैरानी की बात यह रही कि नेतृत्व के स्तर पर जो कार्रवाई अपेक्षित थी वह काफी समय बीत जाने के बाद भी नहीं हुई है. स्थानीय राजनीति के गलियारे में वाकये के साथ-साथ यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है. मामला केवटी के भाजपा (BJP) विधायक डा. मुरारी मोहन झा (Dr. Murari Mohan Jha) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का है.
असर नहीं पड़ा
सोशल मीडिया (Social Media) पर ऐसी टिप्पणी दूसरा कोई नहीं, अलीनगर के भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव (Mishrilal Yadav) के दबंग पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज (Dhirendra Kumar Dheeraj) ने की. इस रूप में- ‘इस महापुरुष को आप पहचानते होंगे. यह केवटी पंचायत समिति के सदस्य मो. इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) हैं. केवटी के विधायक के आशीर्वाद से इलाके में शराब का धंधा करते हैं. केवटी पुलिस ने हिम्मत दिखाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. विधायक जी अपना होटल चलाते हैं और अपने लोगों से शराब की बिक्री करवाते हैं. केवटी को कलंकित करने वाले को जनता माफ नहीं करेगी’. इस टिप्पणी पर दरभंगा जिले की भाजपा की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया. पर, धीरेन्द्र कुुमार धीरज पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
मामला थाने में गया
छह दिन बाद उन्होंने डा. मुरारी मोहन झा की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला दूसरा पोस्ट भी डाल दिया. तिलमिलाहट पैदा होना स्वाभाविक था, डाॉ मुरारी मोहन झा में वैसा हुआ. उन्होंनेे विधायक पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज के खिलाफ बहादुरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी. आरोप अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट (Offensive Post) के जरिये उनके आत्मसम्मान को क्षति पहुंचाने का लगाया. धीरेन्द्र कुमार धीरज द्वारा खुद पर लगाये गये आरोपों को सच से परे मनगढ़ंत बताया. मो. इकबाल अंसारी से किसी भी तरह का कोई संबंध रहने से साफ इनकार किया. उनके मुताबिक धीरेन्द्र कुमार धीरज कई संज्ञेय आपराधिक मामलों में आरोपित हैं.
इसलिए पसरी रार
यह जिज्ञासा जरूर पैदा हुई होगी कि भाजपा विधायक और विधायक पुत्र के बीच ऐसी रार क्यों पसरी? इसकी वजह केवटी विधानसभा क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करना बताया जाता है. डा.मुरारी मोहन झा वहां के विधायक हैं. रहने वाले बहादुरपुर थाना क्षेत्र के डरहार गांव के हैं. यह गांव दरभंगा जिला मुख्यालय लहेरियासराय (Laheriyasarai) से लगभग दो किलोमीटर दूर है. लहेरियासराय के बेता चौक पर विधायक का तारा होटल संचालित है. इसके साथ ‘त्रिमूर्त्ति’ नाम से आधा दर्जन बसें चलती हैं. उधर अलीनगर के भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव केवटी प्रखंड की छाछा पचाढ़ी पंचायत के समैला गांव के रहने वाले हैं. यह गांव केवटी (Kevti) प्रखंड मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर बसा है.
दल बदलते रहे
छाछा पचाढ़ी पंचायत से धीरेन्द्र कुमार धीरज की पत्नी चंदा कुमारी (Chanda Kumari) मुखिया निर्वाचित होती हैं. वर्तमान में भी हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि लगभग 40 वर्षों का इतिहास है कि इस पंचायत का मुखिया जो भी रहा हो, नियंत्रण मिश्रीलाल यादव का ही रहता है. एक तरह से कहा जाये कि मुखिया मुखौटा होता था. सारा काम मिश्रीलाल यादव ही देखते-करते थे. पहले वह भाजपा की राजनीति करते थे. 1995 के विधानसभा चुनाव में केवटी से भाजपा की उम्मीदवारी नहीं मिली तब राजद (RJD) से जुड़ गये.2015 में दरभंगा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में मुंह की खा जाने के बाद भाजपा में लौट गये.
केवटी से चाहते थे
2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अलीनगर (Alinagar) से भाजपा की उम्मीदवारी मिली. लेकिन, जीत हासिल नहीं हो पायी . 2020 में राजग में यह सीट वीआईपी (VIP) के कोटे में गयी, भाजपा की पहल पर उम्मीदवारी उन्हें मिली. निर्वाचित भी हुए. 2022 में राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी बनी कि वह फिर से भाजपा में लौट आये. मिश्रीलाल यादव गृह विधानसभा क्षेत्र केवटी से चुनाव लड़ना चाहते थे. मंशा पूरी नहीं हुई. उम्मीदवारी डा. मुरारी मोहन झा को मिल गयी. डा. मुरारी मोहन झा की उम्मीदवारी विधायक पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज को पच नहीं पायी.
लगा दी थी पूरी ताकत
भाजपा से जुड़े स्थानीय लोगों की मानें तो 2020 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में उन्होंने डा. मुरारी मोहन झा को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. इसके बावजूद वह जीत गये. किसी और को नहीं, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी (Abdul Bari Siddiqui) जैसे राजद के कद्दावर नेता को परास्त कर. कहा जाता है कि धीरेन्द्र कुुमार धीरज केवटी प्रखंड कार्यालय एवं थाना में अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं. लेकिन, वैसा हो नहीं पा रहा है. केवटी से 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी चाहत है. भाजपा में संभावना नहीं देख वह महागठबंधन में ठांव तलाश रहे हैं.
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चर्चा का विषय यह भी
नब्बे के दशक के प्रारंभ में मिश्रीलाल यादव दरभंगा में वकालत करते थे. केवटी भाजपा मंडल के अध्यक्ष थे. 1995 में राजद से जुड़ गये. विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष गुलाम सरवर (Ghulam Sarwar) की कृपा से दरभंगा जिला राजद के अध्यक्ष बन गये. फिर केन्द्रीय राज्यमंत्री अली अशरफ फातमी (Ali Ashraf Fatmi) के सहयोग-समर्थन एवं आशीर्वाद से दरभंगा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधान पार्षद निर्वाचित हुए. तीसरी बार हार गये. इधर अली अशरफ फातमी की पुत्री की शादी में मिश्रीलाल यादव की उपस्थिति राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गयी. विधायक मिश्रीलाल यादव एवं उनके कथित दबंग इंजीनियर पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज आगे क्या गुल खिलाते हैं,यह देखना दिलचस्प होगा.
कोई कार्रवाई नहीं
अपने कारनामों को लेकर विधायक पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज पूर्व में भी चर्चाओं में रहे हैं. एक वाकया 9 सितम्बर 2022 का है. अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के तारडीह मंडल अध्यक्ष कन्हैया चौधरी के भाई शंकर चौधरी ने मिश्रीलाल यादव के नाम के सोशल मीडिया एकाउंट पर भ्रष्टचार (Corruption) को लेकर किये गये कॉमेंट के बाद धीरेन्द्र कुमार धीरज ने सोशल मीडिया में ही शंकर चौधरी को जान से मारने की धमकी दे डाली थी. बाद में फोन पर भी ऐसी धमकी दी. शंकर चौधरी ने धीरेन्द्र कुमार धीरज के खिलाफ सकतपुर (Sakatpur) थाना में प्राथमिकी दर्ज करा अपनी जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायी थी. उधर इन दोनों ही मामलों को लेकर भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने अनभिज्ञता जतायी. हैरानी की बात यह कि विधायक डा. मुरारी मोहन झा और विधायक पुत्र धीरेन्द्र कुमार धीरज के बीच हुए अशोभनीय प्रकरण की जानकारी दरभंगा जिला भाजपा के अध्यक्ष और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तक को है. लेकिन, किसी भी स्तर से किसी भी रूप में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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