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हैरान है पाकिस्तान : कौन मचा रहा घर में घुसकर कोहराम!

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शिवकुमार राय
27 जनवरी 2024

New Delhi : भारत में दहशतगर्दी फैलाने वाले पाक प्रशिक्षित आतंकियों में कोई ‘अनजान शख्स’ मौत बांट उन्हें ‘72 हूरों’ के पास पहुंचा रहा है. कभी दूसरों का खून बहा अट्टहास करने वाले आज खुद पनाह मांग रहे हैं. ऐसी अनेक चौंकाऊ खबरों के बीच वैसे ही किसी ‘अनजान शख्स’ द्वारा कराची में दाऊद इब्राहिम को जहर दिये जाने की खबर मीडिया में आयी तो अधिसंख्य लोगों ने इसे उसकी नयी कड़ी मान ली. पर, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. बल्कि बाद में उसी मीडिया में यह खबर भी आयी कि दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को न तो किसी ने जहर दिया और न उसकी मृत्यु हुई. लेकिन, यह सवाल अनसुलझा रह गया कि अगर जहर नहीं दिया गया तो दाऊद इब्राहिम अस्पताल में भर्ती क्यों हुआ?

अस्पताल क्यों गया?
सच क्या है और क्या नहीं, यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता. इसलिए भी नहीं कि दाऊद इब्राहिम के बारे में ऐसी बातें पहले भी आती रही हैं. कभी कहा गया कि हृदयाघात से वह मर गया. कभी कोरोना रूपी काल के गाल में समा जाने की बात सामने आयी. कभी ब्रेन हेम्रेज तो कभी गैग्रीन जैसी गंभीर बीमारी की चर्चा उठी. सच का खुलासा कभी नहीं हुआ. पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से एक बार बताया गया कि वह अफगानिस्तान (Afghanistan) में कहीं छिपा हुआ है. 17 दिसम्बर 2023 को दाऊद इब्राहिम को जहर दिये जाने की खबर की न तो पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की और न भारत का कोई बयान आया. गौर करनेवाली बात यह कि पुष्टि नहीं की, तो दोनों ने इस खबर का कोई प्रतिवाद भी नहीं किया. बात आयी गयी हो गयी.

इसलिए रहती है रुचि
इसी तरह नये साल के प्रथम दिन भारत के लिए सिरदर्द बना आतंकी मसूद अजहर के बम विस्फोट में मारे जाने की खबर सुर्खियों में रही. उसमें कहा गया कि मसूद अजहर पाकिस्तान में भावलपुर मस्जिद से लौट रहा था तभी ‘अज्ञात व्यक्ति’ ने बम विस्फोट कर उसे मौत के मुंह में झोंक दिया. खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. पाकिस्तान के पत्रकारों ने इसे असत्य करार दिया. ऐसे मामलों में मीडिया की दिलचस्पी और भारतीयों की रुचि इसलिए कुछ अधिक रहती है कि भारत के अति वांछित पांच कुख्यात आतंकियों, जिन्होंने इस देश को कभी अलग-अलग हिंसा की आग में झोंक रखा था, उनमें डी कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम पहले स्थान पर है.


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कराची में है ठिकाना
1993 के मुम्बई बम धमाके का यह गुनहगार कथित रूप से कराची में ठिकाना बनाये हुए है. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना और 2001 में संसद पर हुए हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर (Masood Azhar) का स्थान तीसरा है. दूसरे स्थान पर हाफिज सईद है. जमात-उद-दावा का संस्थापक और 2011 के मुम्बई हमले का मास्टररमांइड. दिसम्बर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी (International Terrorist) घोषित हाफिज सईद 12 फरवरी 2020 से पाकिस्तान सरकार की हिरासत में है. आतंकवाद के वित्त पोषण के सात मामलों में 78 वर्षों के कारावास की सजा काट रहा है. भारत ने कई आतंकी मामलों में वांछित हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के प्रत्यर्पण की मांग कर रखी है.

83 करोड़ का ईनाम
हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है. उसके नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है. अमेरिका के लिए भी वह अति वांछित है. अमेरिका (America) ने इस पर 83 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. मुम्बई हमले (Mumbai Attacks) में टाइगर मेमन भी शामिल था. अति वांछितों की सूची में पांचवा स्थान सैयद सलाह उद्दीन का है. हिजबुल मुजाहिदीन का यह सरगना कश्मीर (Kashmir) में आतंकवाद को विस्तार देता है. (जारी)

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