जाति आधारित गणना: निशाना नीतीश पर साधा… घाव तेजस्वी को लग गया !
विकास कुमार
21 जनवरी 2025
Patna : लोकसभा (Lok Sabha) में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) संविधान की रक्षा की चिंता लिये 18 जनवरी 2025 को पटना आये थे. बापू सभागार (Bapu Auditorium) में कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित था. सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार (Bihar) की जाति आधारित गणना (Caste Based calculation) को फर्जी बता दिया. पाटलिपुत्र (Pataliputra) की यात्रा उनकी मात्र छह घंटे की थी. संविधान की रक्षा घोषित मुद्दा था. पर, मुख्य रूप से सांगठनिक शून्यता से हताश- निराश कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भरने और कांग्रेस का जनाधार परखने के लिए वह पटना पधारे थे. क्या कुछ लेकर लौटे, यह कहना कठिन है. पर, जाति आधारित गणना पर ‘अपरिपक्व बयान’ देकर वह राजनीति के लिए बहस का मुद्दा जरूर छोड़ गये.
जनाधार में भ्रम भर दिया.
जाति आधारित गणना को फर्जी और लोगों को बेवकूफ बनाने जैसा बता उन्होंने मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी पार्टी जदयू (JDU) को सुलगा दिया तो सहयोगी दल राजद (RJD) और तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) के जनाधार में भ्रम भर दिया. ‘अपरिपक्व बयान’ इस मायने में कि जिस जाति आधारित गणना को राहुल गांधी फर्जी बता गये वह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली उस सरकार का किया – कराया हुआ है जिसमें उनकी पार्टी कांग्रेस भी साझीदार थी. ऐसे में जाति आधारित गणना यदि फर्जी है तो उसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस भी है. यानी वह भी हैं.
तब श्रेय ले रहे थे
बयान की अपरिपक्वता का आधार यह भी कि कभी इसी जाति आधारित गणना का श्रेय लेते वह अघाते नहीं थे, आज उसी को फर्जी बता रहे हैं. याद कीजिये, साल भर पहले जनवरी 2024 में राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में बिहार से गुजरे थे. बात उस दौर की है जब जाति आधारित गणना कराने और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण (Reservation) की सीमा बढ़ाने के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन (grand alliance) से नाता तोड़ फिर से एनडीए (NDA) का हिस्सा बन गये थे. इस खीझ में राहुल गांधी जाति आधारित गणना का श्रेय नीतीश कुमार से छीन तेजस्वी प्रसाद यादव को दे रहे थे. कुछ अपने माथे भी ले रहे थे.
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भूल गये अपने कथन को
खुले तौर पर लोगों को बता रहे थे कि जाति आधारित गणना नीतीश कुमार के कारण नहीं, तेजस्वी प्रसाद यादव के सरकार में रहने से हुई. महागठबंधन में कांग्रेस की प्रभावी भूमिका का भी बड़ा योगदान रहा. इतना ही नहीं, राहुल गांधी यह भी कहा करते थे कि कांग्रेस और राजद ने दबाव देकर नीतीश कुमार से जाति आधारित गणना करवायी थी. लगता है जाति आधारित गणना को फर्जी बताते वक्त वह अपने उक्त कथन को भूल गये थे. इस गणना पर तेजस्वी प्रसाद यादव क्या दावा करते हैं, अब यह जानिये. तेजस्वी प्रसाद यादव कहते हैं, ‘हमने विकास के साथ-साथ जाति आधारित गणना करायी, आरक्षण की सीमा भी बढ़ायी, हमने जो कहा, वो किया.’ स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने जाति आधारित गणना को फर्जी बता नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी प्रसाद यादव को भी लपेट लिया.
राह अलग हो जाने का संकेत
राजनीतिक हलकों में राहुल गांधी के इस बयान को बिहार में कांग्रेस और राजद की राह अलग हो जाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. यहां गौर करने वाली बात है कि राजद अध्यक्ष (RJD President) लालू प्रसाद (Lalu Prasad) ने विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को सौंपने का पक्ष लिया था. दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के साथ नहीं जा राजद अरविंद केजरीवाल के पक्ष में खड़ा है. विश्लेषकों की समझ में राहुल गांधी का बयान उसी परिप्रेक्ष्य में है. वैसे, पटना यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों से बड़े ही खुशनुमा माहौल में मुलाकात की. उसमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा.
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