प्रयागराज महाकुंभ : मीडिया के देव-दानवों के कुंभ-मंथन से निकले तीन अनमोल रत्न!
नीरज ओमप्रकाश श्रीवास्तव
23 जनवरी 2025
Prayagraj Mahakumbh : भारत (India) में मीडिया (Media) , खासकर दृश्य-श्रव्य माध्यमों की लोकप्रियता जितनी तेजी से बढ़ रही है उससे अधिक गति से दिन-रात समाचार प्रसारित करने वाले अधिकतर न्यूज चैनलों (News Channels) की मानसिक कंगाली बढ़ रही है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण मीडिया के देव-दानवों का कुंभ-मंथन है. सस्ती लोकप्रियता और टीआरपी बढ़ाने की होड़ में बौद्धिक रूप से कंगाल मीडिया चैनलों, मानसिक रूप से बीमार यू-ट्यूबर्स (you-tubers) और नये जमाने की इंटरनेट रील (Internet reel) के निर्माताओं ने आध्यात्मिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक पक्ष को दरकिनार कर सदी के ऐतिहासिक प्रयागराज महाकुंभ से सुंदर साध्वी (Beautiful Sadhvi) , आईआईटीयन साधु (IITian Sadhu) और मोती-माला बेचती कत्थई आंखों वाली मोनालीसा (Monalisa) के रूप में तीन ‘अनमोल रत्न’ निकाल लिये. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इन रत्नों को इस आक्रामक अंदाज में पेश किया गया कि अप्रत्याशित लोकप्रियता स्वाभाविक ढंग से हासिल हो गयी.
मानसिक दिवालियापन
वैचारिक कंगाली का इससे बड़ा सबूत और कुछ नहीं हो सकता कि अधिसंख्य न्यूज चैनल हफ्ते भर इन्हीं तीनों पर नयी-नयी कहानियां गढ़ते और परोसते रहे. यह ऐसे न्यूज चैनलों में पर्दे के पीछे काम करने वाले कथित बौद्धिक वर्ग का मानसिक दिवालियापन ही दर्शाता है. बात पहले सुंदर साध्वी की. महाकुंभ में शाही स्नान (Shahi Snan) के लिए जाते साधुओं के एक दल के तथाकथित रथ पर आगे की सीट पर फूलमालाओं से लदी एक सुंदर-सी युवती बैठायी गयी थी. एक यू-ट्यूबर ने उस युवती से बात की. उसने बताया कि वह अध्यात्म में रुचि रखती है और एक गुरु की शिष्या है.
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सबसे सुंदर साध्वी
सामान्य बातचीत के बाद उस युवती को महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी के रूप में प्रचारित कर दिया गया. फिर देखते ही देखते वह युवती सोशल मीडिया में वायरल हो गयी. कई बड़े चैनलों पर इस वायरल लड़की को अनेक बार प्राईम टाईम पर दिखा दिया गया. महाकुंभ की वह सबसे सुंदर साध्वी और कोई नहीं, एंकर हर्षा रिछारिया (Anchor Harsha Richhariya) हैं. इंटरनेट पर लोग अलग-अलग तस्वीरें शेयर कर उसके बारे में लिख रहे हैं. दावा यह भी किया जा रहा है कि दो माह पहले ही हर्षा रिछारिया ने बैंकाक (Bainkak) में एक डेस्टिनेशन वेडिंग शो किया था.
साध्वी नहीं शिष्या
इसके बाद तो मीडिया के देव-दानव बावले हो गये. उनका मंथन कुंभ की आध्यात्मिकता से सरक कर सुंदर साध्वी की आकर्षक देहयष्टि और सुंदरता पर केंन्द्रित हो गया. साध्वी के अतीत और भविष्य की संभावनाओं पर केन्द्रित वीडियो सोशल मीडिया की स्क्रीन पर नजर आने लगे. महाकुंभ का समूचा आध्यात्मिक वातावरण इस तथाकथित साध्वी की सुंदरता पर ठहर गया. ‘सुंदर साध्वी’ के रूप में मशहूर हो गयी हर्षा रिछारिया कोई साध्वी नहीं बल्कि स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज (Swami Kailashanand Giri Ji Maharaj) की शिष्या हैं.
करोड़ों की मालकिन
मूल रूप से उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) के पास मऊरानीपुर (Mauranipur) में जन्मी-बढ़ी हर्षा रिछारिया आजकल भोपाल (Bhopal) में रहती हैं. हर्षा रिछारिया उर्फ ‘सुंदर साध्वी’ की खूबसूरती के साथ उनकी संपत्ति की भी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि वह करोड़ों की संपत्ति की मालकिन हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, हर्षा रिछारिया की सालाना आय लगभग 4 करोड़ रुपया है. वह हर महीने लगभग 2 लाख रुपया कमाती हैं. इनकी कमाई का मुख्य साधन सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट के प्रमोशन और एंकरिंग है. तो कुल मिलाकर महाकुंभ से मीडिया के महामंथन का पहला रत्न ये सुंदर साध्वी रहीं. (संपादित)
सौजन्य: विजय गर्ग, अवकाश प्राप्त प्राचार्य और स्तम्भकार.
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