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ओमान में ढह गये अरमान : बड़ी मुश्किल से लौट पाया हिन्दुस्तान!

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विनोद कर्ण
08 जनवरी 2025

Begusarai : नौकरी और मोटी पगार का ख्वाब हर बेरोजगार का होता है. लेकिन, कभी- कभी यह ख्वाब अभिशाप भी बन जाया करता है. होटल मैनेजमेंट (Hotel Management) किये एक युवक के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. मोटी तनख्वाह का सपना लिये वह युवक ओमान (Oman) गया. पर, एजेंट के चक्कर में ऐसा फंस गया कि तमाम अरमान ढह गये. यातनाएं तो झेलनी पड़ी ही, वीजा (Visa) भी जप्त कर लिया गया. स्वदेश लौटना मुश्किल हो गया. कोई उपाय नहीं देख परिवार वालों ने बेगूसराय के सांसद (MP) केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के समक्ष गुहार लगायी. गिरिराज सिंह ने सदाशयता दिखायी. तभी उस युवक की घर वापसी हो पायी.

खुशी मिली इतनी कि …
युवक अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है. उसकी वापसी से परिवार वालों को खुशी कितनी मिली होगी, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है. मामला बेगूसराय जिले के भगवानपुर (Bhagwanpur) प्रखंड क्षेत्र का है. वाकया दहिया गांव निवासी बढ़ई समाज के बलवंत शर्मा के पुत्र रौशन कुमार (Roshan Kumar) के साथ हुआ. रौशन कुमार होटल मैनेजमेंट किये हुए है. अच्छी नौकरी और मोटी तनख्वाह की चाहत में वह देहरादून (Dehradun) की एक प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में गया. प्लेसमेंट एजेंसी ने 80 हजार रुपये प्रतिमाह की तनख्वाह पर ओमान में नौकरी की बात तय कर दी.

होश फाख्ता हो गये
प्लेसमेंट एजेंसी की बात पर भरोसा कर उसने पासपोर्ट (Passport) बनवाया और 03 दिसम्बर 2023 को मुम्बई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) से ओमान के मस्कट (Muscat) के लिए चल पड़ा. यहां तक सब ठीक था. इसी बीच विमान में पांव रखने से कुछ ही क्षण पहले प्लेसमेंट एजेंसी की ओर से उसे एक कागज दिया गया जिसमें वेतन के रूप में 80 हजार रुपये प्रतिमाह की जगह 26 हजार रुपये प्रतिमाह ही लिखा था. यह देख वहीं उसके होश फाख्ता हो गये. चूंकि वहां से वह लौट नहीं सकता था. भरे मन से ओमान के मस्कट पहुंच गया.

पासपोर्ट जब्त कर लिया
मस्कट में जानकारी मिली कि प्लेसमेंट एजेंसी ने उसे भीएसफोर नामक कंपनी के हवाले किया है. ड्यूटी उसकी फाइव स्टार मैरक्योर होटल में लगी. रौशन कुमार के मुताबिक पांच महीने के बाद बैंक में एकाउंट खोलवाने के नाम पर कंपनी ने उसका पासपोर्ट ले लिया. फिर लौटाने से इनकार कर दिया. गुजरते वक्त के साथ उसे महसूस हुआ कि वहां वह फस गया है. पासपोर्ट मांगने पर धमकी भी मिलती थी. अगस्त 2024 में उस कंपनी के चंगुल से भाग कर उसने भारतीय दूतावास (Indian Embassy) से संपर्क किया.

गुरुद्वारा में ठहरा दिया
भारतीय दूतावास ने कंपनी से बात कर फिर उसे उसी के पास भेज दिया. वहां उसे रख तो लिया गया, पर प्रताड़ित किया जाने लगा. एक दिन छुपते-छुपाते भाग निकला. रात कहीं कटी. अगले दिन भारतीय दूतावास पहुंचा तो उसके गुरुद्वारा (Gurudwara) में रहने की व्यवस्था करा दी गयी. गुरुद्वारा में भोजन मिल जाता था. इधर उसके परिजन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बेगूसराय में मिले. गिरिराज सिंह ने विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) से हस्तक्षेप करने का निवेदन किया. तब वहां का भारतीय दूतावास हरकत में आया.


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सम्मानित किया युवक को
जिस कंपनी ने पासपोर्ट जप्त किया था उससे 26 दिसम्बर 2024 को पासपोर्ट लेकर पीड़ित रौशन रौशन कुमार को दिया. वहां से लखनऊ के लिए 28 दिसम्बर 2024 की तारीख में हवाई जहाज का टिकट भी बनवा दिया. पर, डरा-सहमा रौशन कुमार ने लखनऊ नहीं जाकर खुद 27 दिसम्बर 2024 की तारीख में मुम्बई का टिकट ले स्वदेश लौट आया. फिर अपने घर आ गया. वहां उससे मिलने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय पहुंचे और पूरा वृतांत सुना. उसे अंगवस्त्र से सम्मानित किया.

युवकों के लिए है यह संदेश
सांसद प्रतिनिधि के समक्ष रौशन कुमार ने जो व्यथा व्यक्त की उसमें युवकों के लिए यह संदेश भी है कि अपने देश में नोन-रोटी खा गुजर कर लें पर, प्लेसमेंट एजेंसी के झांसे में आ कभी विदेश नहीं जायें. वह तो गिरिराज सिंह की पहल से वापस आ गया, लेकिन सैकड़ों लोग वहां इसी रूप में फसे हुए हैं. रौशन कुमार के दादा और पिता बलवंत शर्मा ने गिरिराज सिंह का आभार जताते हुए कहा कि उनकी पहल नहीं होती तो उनके पुत्र की घर वापसी नहीं हो पाती. सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि जो परिवार रोते हुए केन्द्रीय मंत्री से से बेटे की वापसी के लिए मिले थे आज खुशी के आंसू बहा रहे थे. सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय के साथ प्रमोद कुमार, राम प्रवेश राय, बछवाड़ा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रौशन कुमार आदि भी थे.

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