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बाजपट्टी : वैश्य समाज पर जमी है एनडीए की नजर

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मदनमोहन ठाकुर
14 फरवरी 2025

Sitamarhi : बाजपट्टी सीतामढ़ी जिले का एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है. 2020 में इस क्षेत्र से राजद (RJD) के मुकेश कुमार यादव निर्वाचित हुए थे. एनडीए में यह सीट जदयू (JDU) के हिस्से की है. 2010 और 2015 में इसी पार्टी की डा. रंजू गीता विजयी हुई थीं. 2020 में भी वही जदयू की उम्मीदवार थीं. मुकेश कुमार यादव से पार नहीं पा सकीं. 2025 के लिए भी उनकी दावेदारी बनी हुई है. पर, उम्मीदवारी मिलेगी इसकी संभावना नहीं के बराबर दिखती है. तर्क यह कि राजद में उम्मीदवारी स्वजातीय मतों पर मजबूत पकड़ रखने वाले विधायक मुकेश कुमार यादव को ही मिलेगी. डा. रंजू गीता भी उसी समाज से हैं. पर, स्वजातीय मतों पर पहले जैसी पकड़ अब उनकी नहीं रह गयी है.

चर्चा कई नामों की
इसके मद्देनजर एनडीए (NDA) के अंदर यह समझ बन रही है कि 2025 में भी यादव समाज (Yadav Society) के दो उम्मीदवारों- मुकेश कुमार यादव (Mukesh Kumar Yadav) और डा. रंजू गीता (Dr. Ranji Geeta) के बीच मुकाबला हुआ तो 2020 की तरह पलड़ा राजद का ही भारी हो जायेगा. इस समझ के तहत एनडीए का उम्मीदवार किसी गैर यादव को बनाने पर मंथन हो रहा है. संभावितों के रूप में चर्चा कई नामों की हो रही है. उनमें एक बोखड़ा (Bokhra) के प्रखण्ड प्रमुख सुधीर कुमार साह भी हैं. वैसे तो वह राजद से जुड़े रहे हैं, पर इधर के दिनों में सीतामढ़ी के जदयू सांसद (JDU MP) देवेश चन्द्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) के करीबी हो गये हैं. निकट भविष्य में विधिवत जदयू से जुड़ाव हो जाये तो वह चौंकने वाली कोई बात नहीं होगी. बताया जाता है कि इसके लिए उनकी जबर्दस्त तैयारी चल रही है.


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कोई प्रतिकूल स्थिति नहीं
सुधीर कुमार साह वैश्य (Vaishya) बिरादरी की तेली जाति से हैं. बाजपट्टी में वैश्य मतों की बहुतायत है. विश्लेषकों का मानना है कि राजद का खूंटा वहां वैश्य बिरादरी की पीठ पर हाथ रख कर ही उखाड़ा जा सकता है. 2025 के विधानसभा चुनाव की बाबत एनडीए के रणनीतिकारों की समझ है कि संसदीय चुनाव में वैश्य बिरादरी में उसके उम्मीदवारों के प्रति जो नाराजगी दिखी उसे बाजपट्टी से इसी समाज का उम्मीदवार उतार दूर की जा सकती है. एनडीए में वैश्य समाज से रेखा गुप्ता भी दावेदार हैं. लेकिन, 2015 और 2020 की निराशाजनक मत उपलब्धियां उनकी राह में अड़चन पैदा कर दे सकती हैं. सुधीर कुमार साह के साथ ऐसी कोई प्रतिकूल स्थिति नहीं है.

अवसर मिला तो…
बाजपट्टी (Bajpatti) में सुधीर कुमार साह के जनाधार का इससे भी अंदाज लगाया जा सकता है कि 2001 में वह हुक्मदेव नारायण यादव जैसे दिग्गज के अंगदी पांव को उखाड़ कर बोखड़ा के प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर काबिज हुए थे. उस अप्रत्याशित कामयाबी के बाद उनका जनाधार और अधिक विस्तृत हुआ है. विश्लेषकों का मानना है कि यह इतना मजबूत हो गया है कि विधानसभा चुनाव में अवसर मिला तो इसके बूते वह नया गुल खिला दे सकते हैं. चर्चा है कि उनके इस दमखम पर एनडीए के रणनीतिकारों की भी नजर है. विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना उन्हें वैश्य बिरादरी के पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू, रमा देवी और राजद की प्रखर महिला नेता रितु जायसवाल के समानांतर उभारने की पहल की जा सकती है.

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