गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र : आ सकता है चौंकाऊ परिणाम
संजय वर्मा
25 मार्च, 2023
GAYA : बिहार विधान परिषद (BIHAR VIDHAN PARISHAD)के गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र (GAYA TEACHER CONSTITUENCY )के चुनावी मुकाबले की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. वैसे तो 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. मजबूत स्थिति में संघर्ष में रहने के सब के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा (BJP) के जीवन कुमार (JEEVAN KUMAR) और जदयू (JDU)के संजीव श्याम सिंह (SANJIV SHYAM SINGH) के बीच ही दिख रहा है. ऐसे चुनाव के लिए हर दृष्टि से सक्षम-समर्थ जीवन कुमार के साथ राजग (NDA) की ताकत है तो संजीव श्याम सिंह के पीछे महागठबंधन (MAHAGATHBANDHAN) के घटक दल मजबूती के साथ खड़े हैं. अभी संजीव श्याम सिंह ही विधान पार्षद हैं. पिछले चुनाव में उनकी जीत हुई थी. उससे पहले के चुनाव में भी. इस बार भी वह मुख्य मुकाबले में तो हैं, लेकिन 12 वर्षीय कार्यकाल के ‘सत्ता विरोधी रुझान’ से उन्हें जूझना पड़ रहा है. भाजपा प्रत्याशी जीवन कुमार के समक्ष ऐसी कोई समस्या नहीं है.
उभर रहा तीसरा कोण
पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं, अधिसंख्य शिक्षक मतदाताओं में यह समझ बन रही है कि ‘एक बार परख लेने में क्या हर्ज है!’
जीवन कुमार युवा हैं. आरएसएस (RSS) की पृष्ठभूमि से आने के कारण इस चुनाव से भाजपा के साथ-साथ उसकी (आरएसएस) प्रतिष्ठा भी जुड़ गयी है. इसलिए दोनों संगठनों के लोग एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं. जदयू प्रत्याशी संजीव श्याम सिंह के लिए ऐसी ही रणनीति महागठबंधन ने बना रखी है. राजद, जदयू और कांग्रेस (RJD, JDU AND CONGRESS) समेत सभी घटक दलों के तमाम नेता उनके लिए पसीना बहा रहे हैं. परन्तु, दिक्कत की बात यह है कि पिछले दो चुनावों में संजीव श्याम सिंह की जीत में भाजपा समर्थक शिक्षक मतदाताओं का बड़ा योगदान रहा है. इस बार उन शिक्षक मतदाताओं के समर्थन से वह वंचित रह जा सकते हैं. हार-जीत अपनी जगह है, संघर्ष को डाॉ अभिराम शर्मा (DR. ABHIRAM SHARMA) ने दिलचस्प बना दिया है.
उनकी भी थी चाहत
इस रूप में कि स्वजातीय शिक्षक मतदाताओं की उनके पक्ष में गोलबंदी होती नजर आ रही है. इस गोलबंदी में दरार पैदा नहीं हुई तो फिर भाजपा उम्मीदवार के लिए बड़ी परेशानी की बात हो जा सकती है.चुनाव मैदान में डाॉ डी एन सिन्हा भी हैं. 2017 में भी थे. लोजपा उम्मीदवार के रूप में. इस बार निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं. क्या कुछ हासिल कर पाते हैं, यह चुनाव परिणाम बतायेगा. भाजपा की उम्मीदवारी की चाहत वयोवृद्ध पूर्व विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह भी रखते थे. जीवन कुमार की किस्मत खुल जाने के बाद वह शांत पड़े गये. वर्तमान में उनका समर्थन किसे हासिल है, इसको लेकर दुविधा की स्थिति है. कभी वह जीवन कुमार के पक्ष में दिखते हैं तो कभी स्वजातीय डाॉ अभिराम शर्मा की ओर झुकते नजर आते हैं. मतदान के दिन इनका रुख क्या रहता है, परिणाम बहुत कुछ उस पर भी निर्भर करेगा.
करना होगा इंतजार
पूर्व विधान पार्षद डाॉ अजय कुमार सिंह (DR. AJAY KUMAR SINGH) कांग्रेस से दावेदार थे. महागठबंधन में सीट जदयू के कोटे में ही रहने से उन्हें निराशा के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं हआ. गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का दायरा आठ जिलों में फैला हुआ है. गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर तक. इसमें 102 प्रखंड हैं. लगातार दो चुनावों में जीत हासिल करने वाले संजीव श्याम सिंह का जमा-जमाया ‘चुनाव तंत्र’ है. जीवन कुमार ने भी लगभग सभी प्रखंडों में पहुंच अपना मजबूत चुनाव मंत्र खड़ा कर लिया है. शिक्षक मतदाताओं से संपर्क स्थापित कर उनका आश्वासन भी हासिल कर रखा है. यह आश्वासन मतदान के वक्त तक बना रहता है या नहीं, देखना दिलचस्प होगा. चुनाव 31 मार्च 2023 को होगा. मतगणना 5 अप्रैल 2023 को. तब तक इंतजार करना होगा.