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रामनवमी : हरषित महतारी, मुनि मन हारी…

राजकुमार सिंह
06 अप्रैल 2025
रामनवमी (Ram Navami) रविवार को मनायी जा रही है. परंपराओं के अनुरूप रामकथा (Ramkatha) का पाठ , भगवान राम (lord ram) को समर्पित जुलूस, मंदिरों और घरों में प्रार्थना आदि अयोजित हो रही है.

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी .
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी

रामनवमी सनातनियों का ऐसा त्योहार है जो त्रेता युग में अयोध्या (Ayodhya) में श्रीरामचंद्र के प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

पूजनीय मानते हैं समस्त सनातनी
शास्त्रों के मुताबिक जगत के पालनकर्त्ता श्री नारायण सातवें अवतार में स्वयं भगवान रामचंद्र के रूप में प्रकट हुए, जिन्होंने संस्कृति, वीरता, सिद्धांतों, नैतिकता, सुशासन, विनम्रता, त्याग और मर्यादा का आदर्श प्रस्तुत करते हुए विविध लीलाएं की. धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि महाप्रभु भगवान विष्णु (Lord Vishnu) समस्त जैव जगत के कल्याण, दुष्टों के संहार के साथ-साथ दया एवं परोपकार रूपी मर्यादा का सिद्धांत स्थापित करने के लिए विभिन्न स्वरूपों में अवतरित होते रहे हैं. उनकी गतिविधियां ‘लीला’ के रूप में जानी जाती है, जिन्हें समस्त सनातनी पूजनीय मानते हुए उनका अनुसरण करते हैं. भगवान विष्णु के राम अवतार (Ram Avatar) की विशेषता दुनिया भर में उनके मर्यादित जीवन जीने की महत्वपूर्ण सीख है.


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अयोध्या में विशेष आयोजन
रामनवमी विशेष रूप से अयोध्या में मनायी जाती है, जो भगवान राम का जन्म स्थान है. कुछ लोगों का मानना है कि भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार थे जो इस दिन एक नवजात शिशु के रूप में स्वर्ग से अयोध्या आये थे. उस दिन भगवान राम को समर्पित भक्तों के घरों या धार्मिक स्थलों पर भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है. इस बार भी आयोजित हो रहा है. अयोध्या में पालने पर राम की छोटी मूर्तियों के साथ शोभा यात्रा निकाली गयी है. भगवान राम द्वारा रावण (Ravana) को हराने का एक नाटकीय चित्रण देश के कई हिस्सों में किया जाता है. यह नाटक आमतौर पर खुले मंच पर खेला जाता है. वैसे तो यह त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है, लेकिन मुख्य आयोजन अयोध्या, भद्राचलम, रामेश्वरम (Rameshwaram) और सीतामढ़ी (Sitamarhi) में आयोजित हो रहे हैं. इस दिन भगवान राम के अलावा सीता (Sita) , लक्ष्मण (Laxman) और हनुमान (Hanuman) की भी पूजा होती है.

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