बाढ़ : आगाज ऐसा है तो अंजाम क्या होगा?
राजेश कुमार
09 अगस्त, 2021
बाढ़. पंचायत चुनाव से पहले ही पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र में बंदूकें गरजने लगी हैं. बेखौफ अपराधकर्मी दिनदहाड़े खून बहाने लग गये हैं. ताजा मामला है भदौर थाना क्षेत्र के बकमा गांव का. 7 अगस्त 2021 को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा यह गांव. हमलावरों ने बकमा, बकमा बिगहा, सादिकपुर, पोखरपर समेत आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय माने जाने वाले कुख्यात रघुनाथ सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया. हमलावरों की फील्डिंग इतनी तगड़ी थी कि रघुनाथ को हमले से पूर्व ऐसी कोई भनक तक नहीं लगी. बताया जाता है कि खून से लथपथ रघुनाथ को काले रंग के स्कार्पियो में इलाज के लिए बाढ़ के एक निजी नर्सिंग होम में लाया गया और फर्स्ट एड के बाद उसे पटना रेफर कर दिया गया. पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पायी. वारदात के दिन ही एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रघुनाथ ने हमलावरों का नाम गिनाया. उसमें वह यह भी कह रहा है कि उसे कौन-कौन से गोली लगी है. हमले की साजिश का आरोप अनंत सिंह पर लगाया है. हमलावरों में छोटन सिंह, बुल्लू सिंह, कुंदन सिंह, रंजन सिंह, दीपक, माया शंकर पांडेय, अमित, बिट्टू, रंजन के अलावा जहानाबाद के मुन्ना सिंह का नाम लिया है. कारण पंचायत चुनाव बताया है.
वारदात की वजह पुलिसिया जांच का विषय है, लेकिन बकमा के जवाहर सिंह और प्रेम सिंह नागा हत्याकांड के बाद रघुनाथ की चर्चा बाढ़-मोकामा इलाके के अपराध जगत में खास जगह बना ली थी. उसकी गिरफ्तारी उन दिनों पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी. काफी मशक्कत के बाद बाढ़ शहरी क्षेत्र से उसकी गिरफ्तारी हुई थी तब पुलिस ने राहत की सांस ली थी. यह बर्षों पुरानी कहानी है. पिछले पंचायत चुनाव में अजगरा बकावां पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय सिंह ने रघुनाथ की ताकत को अपना चुनावी हथियार बनाया और जयश्री सिंह को मुखिया बनाने में भी वह कामयाब हो गया. हालांकि, संजय सिंह के लिए वह सहयोग बाद में गले की फांस भी बन गया. उसको शांत करने के लिए उसने अनंत सिंह का झंडा थाम लिया, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा. ऐसी चर्चा है कि इस बार पंचायत चुनाव में रघुनाथ अपने परिवार के किसी सदस्य को उतारना चाह रहा था ताकि खुलकर पंचायत की सत्ता का सुख भोग सके. चुनाव पूर्व ही गोलियों का निशाना बनाया जायेगा उसने भांप नहीं सका. रघुनाथ सिंह के खात्मे की बिसात किसने बिछायी फिलवक्त यह रहस्य है. पाताल लोक में एक चर्चा यह भी है कि जवाहर सिंह और प्रेम सिंह नागा हत्याकांड के बाद से ही जहानाबाद के मुन्ना सिंह के निशाने पर रघुनाथ था. मुन्ना सिंह के बारे में बताया जाता है कि वह जवाहर सिंह का नाती है. एक चर्चा यह भी है कि रघुनाथ पर गोलियों की बौछार की जबावी कार्रवाई की भी बड़ी तैयारी हो रही है. बहरहाल, 16 गोलियां खाकर भी रघुनाथ जीवित है.