नवरात्र में रखें इन बातों का विशेष ध्यान
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6 अक्टूबर, 2021
मां दुर्गा की पूजा में कलश स्थापना से लेकर भोग लगाने तक इन बातों का विशेष ध्यान रखना वास्तु शास्त्र के हिसाब से आवश्यक है. वास्तु शास्त्र के नियमानुसार आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. नवरात्र की शुरुआत गुरुवार 7 अक्तूबर को होगी. इस दौरान पूरे विधि विधान से शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की आराधना का प्रावधान है.वास्तुशास्त्र के अनुसार:
मुख्य द्वार पर स्वस्तिक
नवरात्र में माता का आगमन होता है. उनके आगमन को शुभ बनाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण सजाएं और हल्दी और चावल के मिश्रण से बने लेप से द्वार पर स्वस्तिक बनायें. घर के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी माता के पैरों के निशान बनाना बेहद शुभ होता है. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
लकड़ी के आसन पर मूर्ति
मां दुर्गा की मूर्तियों को लकड़ी से बने आसन पर स्थापित करना शुभ माना जाता है. मूर्ति स्थापना वाले स्थान पर पहले स्वस्तिक का चिन्ह बनाना शुभत्व प्रदान करता है.
आसन की दिशा
मां दुर्गा का आसन किस दिशा में है, इसका संबंध पूजा के फल पर पड़ता है. घर के उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में माता का आसन स्थापित करना शुभ होता है. इसी दिशा में कलश की भी स्थापना करनी चाहिये.
नौ दिनों तक जलायें ज्योत
नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना में इस बात का खास ख्याल रखें कि नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलती रहे.ज्योति को आग्नेयकोण में जलाकर रखना चाहिये. उसमें शुद्ध घी अथवा सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करें.
काले वस्त्र से बचें
मां दुर्गा की आराधना के दौरान काले वस्त्रों का उपयोग नहीं करें. मां दुर्गा को लाल रंग पंसद है इसलिए कमरे की सजावट में इस बात का ख्याल रखें और इसी रंग से मिलते -जुलते वस्त्र धारण करें.