कंकाली मंदिर : इस वजह से हुई पुजारी की हत्या
सत्येन्द्र मिश्र / राघव झा
17 अक्तूबर, 2021
DARBHANGA : कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी राजीव कुमार झा उर्फ अंटू की हत्या को लेकर सच और झूठ, कई तरह की बातें हवा में हैं. संभव है कि इसके पीछे कोई गहरा रहस्य हो, पर फिलहाल मोबाइल फोन के विवाद को ही हत्या का कारण माना जा रहा है. मंदिर परिसर के इर्द-गिर्द अड्डा जमाने वाले नशेड़ियों ने इसे अंजाम दिया है, ऐसा दरभंगा पुलिस और पुजारी के परिजनों, सब का मानना है.
राजीव कुमार झा उर्फ अंटू मूलतः सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिले के भिट्ठामोड़ ओपी क्षेत्र अंतर्गत कोरियाही गांव के रहने वाले थे. रामबाग स्थित कंकाली मंदिर दरभंगा राज की कुल देवी का मंदिर है. यह दिवंगत राजकुमार शुभेश्वर सिंह के महल के सामने है. राजीव कुमार झा उर्फ अंटू इस मंदिर के पुश्तैनी पुजारी थे.
पुजारी के सवाल पर हुआ था विवाद
राज परिसर में श्यामा मंदिर (Shyama Mandir) को छोड़ अन्य जितने भी मंदिर हैं उसके पुजारी इनके ही खानदान के लोग हुआ करते हैं. कुछ साल पूर्व तक उनके बड़े भाई कंकाली मंदिर के पुजारी थे. जानकारों के मुताबिक पुजारी के लिए दोनों भाइयों में कुछ विवाद भी हुआ था जिसे दोनों के निकट के लोगों ने आपसी बातचीत से सलटा दिया था.
दिवंगत पुजारी राजीव कुमार झा उर्फ अंटू के पुत्र आयुष वैभव का आरोप है कि मंदिर परिसर से सटे तालाब के आसपास नशेड़ियों ने अड्डा बना रखा है. अक्सर वहां उत्पात भी होते रहता था. पुजारी राजीव कुमार झा उर्फ अंटू विरोध करते थे. इसी को लेकर 14 अक्तूबर 2021 की भोर में उक्त नशेड़ियों ने मंदिर में घुसकर उनकी हत्या कर दी.
भीड़ की प्रतिशोधात्मक कार्रवाई
वहां मौजूद एक सहयोगी भक्त चूनाभट्ठी निवासी चिरंजीवी चौधरी उर्फ शंभु चौधरी ने उनका बचाव किया तो उन पर भी गोली चला दी. संयोगवश वह बच गये. प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के तहत स्थानीय लोगों ने हमलावरों की निर्मम धुनाई कर दी. एक अपराधी पुलकित राज सिंह की वहीं मृत्यु हो गयी. गंभीर रूप से घायल दो अपराधियों की जान इस वजह से बच गयी कि उसी वक्त वहां पुलिस पहुंच गयी. वाहन में लादकर अस्पताल ले गयी.
भीड़ की हिंसा का शिकार हुआ पुलकित राज सिंह. मूल रूप से पूर्वी चंपारण जिले के चकिया का रहने वाला था. उसके पिता रामउदार सिंह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कर्मचारी थे. उन्होंने दरभंगा के दिल्ली मोड़ पर एयरपोर्ट के सामने अच्छा-खासा मकान बना रखा है. जिस बलेनो कार से अपराधकर्मी पुजारी की हत्या करने गये थे वह रामउदार सिंह के नाम से ही है. पुलकित राज सिंह उनका एकलौता पुत्र था.
इतिहास का टॉपर था पुलकित
पुलकित राज सिंह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) का स्नातकोत्तर इतिहास का टॉपर था. छात्र जीवन का उसका जो इतिहास रहा है वह इस टॉपर (Topper) पर सवाल खड़ा करता है. गंभीर रूप से घायल अपराधकर्मी अभिजीत श्रीवास्तव लक्ष्मी सागर और अभिषेक राज शुभंकरपुर मोहल्ले का है.
हमलावरों के गिरोह ने उस इलाके में आतंक पसार रखा था. बहुत कुछ उसी प्रवृत्ति के झुनझुन झा उर्फ झुन्नू से उन सबकी वर्चस्व की जंग छिड़ गयी थी. पुजारी हत्याकांड उसी की खूनी परिणति है.
दरभंगा पुलिस जिस चौथे अपराधकर्मी की तलाश कर रही है वह आशु ठाकुर है जो मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले के कटरा प्रखंड के लखनपुर गांव का है. दरभंगा में इसी कंकाली मंदिर के पीछे किराये का मकान लेकर रह रहा था. किस मकसद से वहां रह रहा था, इसका खुलासा होना शेष है. पुलिस के अनुसार इन हमलावरों के खिलाफ दरभंगा में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. पर, आशु ठाकुर का इतिहास आपराधिक बताया जा रहा है.
निशाने पर झुन्नू था
कुछ लोगों का कहना है कि हथियारों से लैस चारो अपराधी पुजारी राजीव कुमार झा उर्फ अंटू (Rajiv Kumar Jha urf Antu) के भतीजा झुनझुन झा उर्फ झुन्नू को खोजते हुए मंदिर में घुसे थे. उसी दौरान पुजारी सामने आ गये और उन सबने उन्हीं पर गोलियां झोक दी. झुनझुन झा उर्फ झुन्नू से मोबाइल फोन को लेकर दिन में विवाद हुआ था. मारपीट भी हुई थी. पुलकित राज सिंह का सिर फट गया था.
कहा जाता है कि राजीव कुमार झा उर्फ अंटू भतीजा के बचाव में आ गये थे. उस भोर में इसी का बदला साधने के लिए वे लोग मंदिर में घुसे थे. उसके बाद तो खून-खराबा ही हो गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक झुनझुन झा उर्फ झुन्नू एवं पुजारी परिवार के अन्य लोगों से हमलावर पूर्व परिचित थे. ऐसा दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम का भी कहना है.
छिड़ी थी वर्चस्व की जंग
कुछ लोग यह भी बताते हैं कि हमलावरों के गिरोह ने उस इलाके में आतंक पसार रखा था. बहुत कुछ उसी प्रवृत्ति के झुनझुन झा उर्फ झुन्नू से उन सबकी वर्चस्व की जंग छिड़ गयी थी. पुजारी हत्याकांड उसी की खूनी परिणति है.