पूछ रहीं प्यासी-पथराई आंखें-कब होगा शपथ ग्रहण!
विशेष प्रतिनिधि
09 अप्रैल 2023
PATNA : वह जो भोजपुरी गाना है न, जिसका भाव यह है कि हमारा गवना (Gavna) कब होगा. यह भाव नव ब्याहता का है, जो शादी के बाद पिया के घर जाने के लिए बेचैन हो जाती है. गवना का इंतजार कर रही होती है. ऐसे में गाना गाने लगती है. गाना में ही सवाल भी करती है कि गवना कब होगा. हालांकि, गाने के बोल पर कोई उसके सवाल का जवाब नहीं देता है. पता नहीं, नायिका उसके बाद क्या करती है. दर्शक श्रोता भी यह जानने को व्याकुल नहीं होते हैं कि अंततः नायिका का क्या हुआ. गवना हुआ या बेचारी मायके में ही पड़ी ससुराल (Sasural) जाने का इंतजार कर रही है. सरकार में शामिल सभी दलों के विधायकों का तो नहीं, मगर पुरानी पार्टी के एक विधायक का इन दिनों यही हाल चल रहा है. उत्तर बिहार से आते हैं. वैश्य समुदाय के हैं.
जोश ठंडा नहीं पड़ा
उस दिन जब पुरानी पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष ने पदभार ग्रहण किया, मांग रख दी कि कैबिनेट में दो पद और चाहिये. बात राजा तक गयी. राजा ने जूनियर (junior) को अधिकृत कर दिया. जूनियर जिस दिन चाहें, नये मंत्रियों (Ministeres) का शपथ ग्रहण हो जायेगा. यह तकरीबन तीन महीने से चल रहा है. कई उम्मीदवारों की उम्मीद ठंडी पड़ गयी. अपने वाले विधायकजी का जोश ठंडा नहीं पड़ा. अध्यक्षजी ने जिस दिन मांग की थी, वह दिन और आज का दिन, बेचारे खुद से और दूसरों से भी यही सवाल पूछ रहे हैं कि कब होगा शपथ ग्रहण? कुछ दिनों पूर्व विधानसभा (Vidhan Sabha) का सत्र खत्म हुआ. सत्र के दौरान विधायकजी बिना समय गंवाये रोज लाबी का चक्कर लगा आते थे. राजा के सदन में प्रवेश करने वाले गलियारे में बेगाने की तरह घूमते रहते थे. ताकि मौका मिले तो राम सलाम करते हुए अपना चेहरा दिखा दें. इसलिए कि जब नाम जाये तो राजा (Raja) अपनी ओर से अड़ंगा नहीं लगायें. नाम गया और ओके या फिट है, लिखकर राज्यपाल (Governor) के पास भेज दें. लेकिन, वैसा कुछ नहीं हुआ.
तब भी पाल रखे हैं उम्मीद
उनकी पार्टी और उन्हें पहचानने वाले लोग विधायकजी को समझाते हैं कि पुरानी पार्टी में चचा केसरी के बाद किसी वैश्य की पूछ नहीं हुई. इसलिए अधिक उम्मीद नहीं पालिये. विधायकजी कुछ दिवंगत नेताओं का नाम लेकर इस आशंका को समाप्त करने का प्रयास करते हैं कि चचा के बाद भी कई पुरानी पार्टी में कई नेता महत्वपूर्ण पद पर रहे. इसके अलावा वह यह भी बताते हैं कि पार्टी के चार महत्वपूर्ण पदों में से दो-प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता पद पर सवर्ण (sawarn) हैं. दो मंत्रियों में से एक अनुसूचित जाति और एक अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. इसके बाद मेरी ही बारी है न?