वास्तुशास्त्र: बांसुरी के सुरीले स्वरों से निकलती है समृद्धि…!
तापमान लाइव ब्यूरो
30 जून 2023
Patna : भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishn) की पहचान से जुड़ी बांसुरी देवताओं का सर्वाधिक प्रिय वाद्य यंत्र है. इस कारण सनातन धर्म में इसे खास महत्व मिला हुआ है. इस धर्म में बांस को पवित्र माना गया है. बांस से बनी होने तथा संगीत के मधुर शब्द व सुर निकालने की क्षमता रखने के चलते इसकी पवित्रता स्थापित है. इस दृष्टि से वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में भी इसे विशिष्टता हासिल है. वास्तुशास्त्र में बांसुरी से जुड़े ऐसे अनेक उपाय बताये गये हैं जो घर के बड़े से बड़े दोष का निवारण कर देते हैं. जानिये कुछ उपाय: किसी को नौकरी में दिक्कत हो अथवा कार्यालय में सहकर्मी परेशान कर रहे हों, तो ऐसे व्यक्ति को अपने घर तथा कार्यस्थल पर एक-एक बांसुरी रखनी चाहिये. वास्तु शास्त्र का कहना है कि ऐसा करने से सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा.
मिलने लगती है सफलता
ऐसा देखा जाता है कि लाख प्रयास के बाद भी कारोबार में कामयाबी नहीं मिल पाती है, निराशा गहराने लगती है. ऐसे समय पर अपने कार्यालय- प्रतिष्ठान में श्रीकृष्ण मंदिर से लायी गयी बांस की बांसुरी (Bamboo Flute) रख दें, तो निश्चित रूप से सफलता मिलने लग जाती है. वास्तु शास्त्र का तो यहां तक कहना है कि इससे बंद व्यापार भी चलने लग जाता है. पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहता है और संबंधों में दूरी आ गयी है तो उसके लिए भी बांसुरी एक उपाय है. ऐसे दंपत्तियों को अपने शयन कक्ष (Bedroom) की छत पर बांसुरी लटका लेनी चाहिये. वास्तु शास्त्र का मानना है कि इससे उनके संबंध मधुर होने लगते हैं, आपस में प्रेम बढ़ने लगता है.
बजाना भी होता है शुभ
घर में बांसुरी सिर्फ रखना ही अच्छा नहीं होता है, बांसुरी बजाना भी शुभ माना गया है. 5 से 10 मिनट सुबह या शाम में मधुर स्वर में बांसुरी बजायें तो घर में समृद्धि (Prosperity) आने लगती है. परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है और शांति आती है. कई लोगों में अनावश्यक चिंता करने की आदत होती है. ज्योतिष (Astrology) के अनुसार ऐसे लोगों को अपनी जेब में चांदी की बनी छोटी सी बांसुरी रखनी चाहिये. इस तरह से कि वह टूटे या मुड़े नहीं, अन्यथा यह शुभ की जगह अशुभ फल देने लगती है.
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