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विधायक नीतू कुमारी : खड़ी हुई नयी मुसीबत

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अरुण कुमार मयंक
27 जुलाई, 2021

नवादा. चुनाव जिला परिषद का और मुकाबला विधानसभा चुनाव जैसा. अन्य क्षेत्रों में जो हो, नवादा जिले के हिसुआ में आसन्न पंचायत चुनाव की बाबत बहुत कुछ ऐसी ही तस्वीर उभर रही है. उम्मीदवार भले कोई होंगे,प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष भिड़ंत पुराने प्रतिद्वंद्वियों में ही होगी. कांग्रेस की वर्तमान क्षेत्रीय विधायक नीतू कुमारी और भाजपा के पूर्व विधायक अनिल सिंह में. इसके लिए दोनों तरफ जोरदार तैयारी हो रही है. एक तरफ उखड़े पांव को फिर से जमने नहीं देने की, तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव की हार का बदला साधने की. मुकाबला इस वजह से भी दिलचस्प हो गया है कि दिवंगत पूर्व मंत्री आदित्य सिंह के परिवार में विरासत का विवाद सुलझ जाने के बाद उनकी मंझली बहू आभा देवी जिला परिषद के चुनाव में उतरने वाली हैं.यह परिवार पहले भी पंचायत चुनाव में भाग लेता था. आदित्य सिंह की दो बहुएं – नीतू कुमारी और आभा देवी एक बार जिला पार्षद निर्वाचित हुईं थीं. नीतू कुमारी को अध्यक्ष बनने का अवसर भी उपलब्ध हुआ था. आदित्य सिंह की पत्नी उर्मिला देवी नरहट पंचायत की मुखिया बनीं. लगातार चार चुनावों में उनकी जीत हुई. लेकिन, अनियमितताओं के आरोप में मुखिया पद से बर्खास्त हो गयीं. पांच वर्षों तक चुनाव लड़ने से वंचित भी कर दी गयीं. मुखिया पद की विरासत उनकी छोटी बहू प्रियंका कुमारी संभालेंगी जो चिकू सिंह की पत्नी हैं. बड़ी बहू नीतू कुमारी विधायक हो गयीं. जिला परिषद में धमक दिखाने का अवसर आभा देवी को उपलब्ध कराया जा रहा है.

नवादा जिला परिषद के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में तीन निर्वाचन क्षेत्र हैं -हिसुआ पूर्वी, हिसुआ पश्चिमी और नरहट. आभा देवी पूर्व में हिसुआ पूर्वी क्षेत्र से जिला परिषद का चुनाव लड़ती थीं. एक बार निर्वाचित भी हुईं थीं-2006 में. इस बार हिसुआ पश्चिम से उम्मीदवार होंगी. उस क्षेत्र से अभी भदसेनी गांव के वीरेन्द्र सिंह जिला पार्षद हैं. उनका जुड़ाव भाजपा से है और वह पूर्व विधायक अनिल सिंह के करीबी माने जाते हैं. वहां के चुनाव मैदान में आभा देवी के उतरने से मुकाबले का स्वरूप नीतू कुमारी बनाम अनिल सिंह के रूप में बदल जा सकता है. आभा देवी के पूर्वी की बजाय पश्चिमी से चुनाव लड़ने का एक कारण कांग्रेस नेता अभय सिंह के मैदान से बाहर रहने की संभावना को बताया जा रहा है. 2016 में वीरेन्द्र सिंह का मुकाबला रूपेश कुमार सिंह उर्फ बौआ जी से हुआ था. इस बार संभवतः उनकी पत्नी मीना देवी मैदान में उतरेंगी. भदसेनी गांव निवासी कांग्रेस के बहुचर्चित युवा नेता प्रभाकर झा भी जिला परिषद के चुनाव में किस्मत आजमाना चाहते थे. कुछ पारिवारिक तथा कुछ सामाजिक कारणों से उन्होंने अपना यह इरादा त्याग दिया. प्रभाकर झा हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दावेदार भी रहे हैं.

आभा देवी और नागेन्द्र कुमार उर्फ फुट्टुस.

दिवंगत पूर्व मंत्री आदित्य सिंह के मंझले पुत्र सुमन सिंह की पत्नी आभा देवी के लिए मुश्किल यह है कि उनकी राह में रोड़ा अटकाने के लिए मनवां गांव निवासी नागेन्द्र कुमार उर्फ फुट्टुस कमर कस रहे हैं. वह पूर्व मंत्री आदित्य सिंह के भांजा हैं. उनके चुनावी बाना भांजने से विधायक नीतू कुमारी के समक्ष भी असहज स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ऐसा इसलिए कि नागेन्द्र कुमार उर्फ फुट्टुस सिंह विधानसभा के चुनावों में पहले मामा आदित्य सिंह और फिर उनकी बड़ी बहू (पप्पू सिंह की पत्नी ) नीतू कुमारी के अभियान की कमान संभालते रहे हैं. ऐसे में उनको नजरंदाज करना नीतू कुमारी के लिए आसान नहीं होगा. फुट्टुस सिंह की खुद की भी राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि रही है. उनके भाई अनोज कुमार नालंदा जिला एनएसयूआई के अध्यक्ष रह चुके हैं. कांग्रेस की राजनीति में उनकी अच्छी पैठ है. इस कारण जिले के कई राजनीतिज्ञों का सहयोग-समर्थन उन्हें मिल सकता है, कुछ विधायकों एवं पूर्व विधायकों का भी. उनकी चुनाव पूर्व सघन सक्रियता से माहौल बहुत कुछ अनुकूल बनता दिख रहा है.

जिला परिषद का नरहट निर्वाचन क्षेत्र महिला (पिछड़ा वर्ग) के लिए सुरक्षित है. वीरेन्द्र चैहान की पत्नी धर्मशीला देवी जिला पार्षद हैं. इस बार भी वह चुनाव लड़ेंगी. हिसुआ पूर्वी पर विधायक नीतू कुमारी के विश्वस्तों में शुमार रंजीत कुमार उर्फ चुन्नू सिंह काबिज हैं. वह पहले कौशल यादव के करीबी थे. 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नीतू कुमारी के करीब हो गये. नवादा जिला परिषद के अध्यक्ष का पद महिला (पिछड़ा वर्ग) के लिए सुरक्षित है. आभा देवी को उपाध्यक्ष पद पर आसीन कराने का लक्ष्य विधायक नीतू कुमारी के चुनाव अभियान का मुख्य हिस्सा है. इस अभियान को पूर्व विधायक कौशल यादव का अप्रत्यक्ष साथ मिल जा सकता है. जैसा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कथित रूप से भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह के खिलाफ नीतू कुमारी को मिला था.

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