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पूछ रहे भक्त, भगवान जी का पता ठिकाना!

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विशेष प्रतिनिधि
08 अगस्त 2023

Patna : मोटा मोटी कोई भी आदमी भगवानजी का पता ठिकाना नहीं पूछता है. मान लेता है कि वह हर जगह हैं. हरेक प्राणी में हैं. उन सबमें हैं, जिनमें प्राण है. आस्था रखने वाले लोग तो यहां तक मानते हैं कि भगवान निर्जीव में भी हैं. यह सचमुच के भगवान की बात हुई. आजकल राजनीति में आदमी को भी भगवान मानने का चलन जोर पकड़ रहा है. केंद्र सरकार के मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को याद कीजिये. बड़े भाई रामविलास पासवान(Ramvilas Paswan) को जीते जी भगवान का दर्जा दे बैठे थे. भाई के निधन के बाद उन्होंने भगवान बदल दिया. इन दिनों नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) उनके भगवान हैं. कम से कम लोकसभा चुनाव तक नरेन्द्र मोदी ही उनके भगवान रहेंगे. इच्छित स्थान से टिकट मिल गया तो आगे भी वही इनके भगवान रहेंगे. टिकट कटा तो जो भी आदमी टिकट देगा, वही उनके भगवान हो जायेंगे.

पावर ही पावर था तब
खैर, उनका मामला अलग तरह का है. यहां हम दूसरे भगवानजी की बात करने जा रहे हैं. वही भगवानजी जिनके आगे पीछे भक्तों की कतार लगा करती थी. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी भाव देते थे. भाव क्या देते थे, समझ लीजिये कि अपना वाला पूरा पावर उन्हीं को दे दिये थे. पावर इतना कि लोग कहते थे कि उनके शरीर के उत्सर्जित पानी से भी चिराग जला करता था. मानों पूरे शरीर में पावर ही पावर हुआ करता था. उन्हीं भगवानजी का लोग इन दिनों पता ठिकाना पूछ रहे हैं. पूछ रहे हैं कि वे कहां हैं. वे कहां हैं, इस जिज्ञासा का शमन हो गया है. याद होगा कि पावर के दिनों में भगवानजी ने अपने गांव में ढेर सारा मंदिर बनवा दिया था. राम दरबार (Ram Darbar) से लेकर शिव परिवार तक का निर्माण किया गया. हरेक पर्व त्योहार पर वहां भक्तों की भीड़ लगी रहती थी. लोग ये वाले भगवानजी के चरण स्पर्श के बाद ही ओरीजिनल (Original) वाले भगवानजी की शरण में जाते थे. भक्तों की नजर में उनकी हैसियत असली वाले भगवानजी से अधिक थी.


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भक्तों में है घोर निराशा
किस्सा यह है कि बदली स्थिति में भक्तों की भीड़ कम हो गयी है. नयी पार्टी में वह तामझाम से शामिल हुए. लेकिन, उचित भाव नहीं मिलने से भक्तों में घोर निराशा है. इसलिए भगवानजी इस समय गांव वाले मंदिर (Temple) के आसपास ही अपना समय व्यतीत कर रहे हैं. दिन रात का ज्यादा समय मंदिर परिसर में ही गुजर रहा है. आसपास के लोग बताते हैं कि पावर कम होने के बाद भगवानजी अधिक विनम्र हो चले हैं. मन में विश्वास है कि 2024 में अच्छे दिन आ ही जायेंगे. वैसे, अच्छे दिनों की कोई उम्मीद अभी तो नजर नहीं आ रही है. हां, भगवान की कृपा से कुछ भी हो सकता है.

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