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यह भी रहा बर्बादी का एक बड़ा कारण

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प्रवीण कुमार सिन्हा
07 सितम्बर 2023

Samastipur : सलेमपुर गांव का ही रहने वाला रंजीत कुमार उर्फ डब्ल्यू झा पहले फुन्नू झा का शूटर सरीखा शागिर्द था. चर्चा है कि जीवित काल में फुन्नू झा (Phunnu Jha) ने झारखंड (Jharkhand) के एक बड़े नेता की हत्या के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी ली थी. उस कांड को कथित रूप से डब्ल्यू झा ने अंजाम दिया था, पर उसे सुपारी की रकम का समुचित हिस्सा नहीं मिला था. इससे भी वह फुन्नू झा से खार खाये हुए था. डब्ल्यू झा पर हत्या एवं अपहरण के कई आरोप हैं. सरायरंजन (Sarairanjan) के प्रखंड विकास पदाधिकारी (Block Development Officer) राम आशीष राम के पुत्र के अपहरण के मामले में भी वह आरोपित हैं. उसमें विनोद चौधरी, घनानंद मिश्र, राकेश झा, बमबम झा आदि भी नामजद किये गये थे. बाद में सबके सब अदालत से दोषमुक्त हो गये. इधर रंगदारी के एक मामले में रंजीत कुमार उर्फ डब्ल्यू झा को दो साल की सजा मिली है. अभी वह जेल में है.

सुपारी लेकर हत्या
बमबम झा की हथियार के लिए हत्या हाजीपुर (Hajipur) में हो गयी. आरोपों के मुताबिक कुख्यात अपराधी डब्ल्यू झा बिहार और झारखंड में सुपारी लेकर हत्या करता रहा है. विभूतिपुर थाना क्षेत्र में फरवरी 2023 में हुई सिंघिया बुजूर्ग पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेन्द्र प्रसाद सिंह एवं उनके सहयोगी सत्यनारायण सिंह की हत्या में भी उसकी संलिप्तता के आरोप हैं. डब्ल्यू झा के पास दो एके 47 रायफल है. उसे भी भाड़े पर लगाता है. राघोपुर (Raghopur) के बाहुबली लोजपा (LJP) नेता बृजनाथी सिंह (Brijnathi Singh) की हत्या के लिए भी उसने आरोपितों को भाड़े पर एके 47 दिया था. धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation) के पूर्व उपमहापौर नीरज सिंह की हत्या में भी उसकी संलिप्तता की बात सामने आयी थी. आमतौर पर वह पश्चिम बंगाल (West Bengal) में शरण लेता था. उसके गिरोह में कई शूटर हैं. जुलाई 2020 में समस्तीपुर में मारा गया मनमोहन झा भी उनमें एक था. सुमित झा की हत्या से पहले वह कथित रूप से अंशु झा एवं स्वास्थ्यकर्मी संजय झा की हत्या कर चुका था. अंशु झा की हत्या आपसी रंजिश में हुई तो संजय झा की हत्या मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के बथुआ गांव में एक लाख रुपये की सुपारी लेकर की गयी. संजय झा की पूर्व मुखिया से तू-तू-मैं-मैं हुई थी. कहा जाता है कि उसी ने हत्या की सुपारी दी थी.

मुखिया की भूमिका
पुलिस के अनुसंधान में यह तथ्य उभरकर सामने आया कि फुन्नू झा के पुत्र सुमित झा उर्फ गोविंद की पटना (Patna) के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के राजाबाजार में हत्या की साजिश मुखिया मनोरंजन गिरि ने रची थी. घटना को रंजीत कुमार उर्फ डब्ल्यू झा (Dablu Jha) के शूटर मनमोहन झा ने अंजाम दिया था. लाइनर की भूमिका नमन कुमार ने निभायी थी. हालांकि, प्राथमिकी में इन दोनों का नाम नहीं था. मनमोहन झा भी सलेमपुर (Salempur) गांव का ही था. हत्या का कारण पुरानी रंजिश और गैंगवार बताया गया. जिस समय पटना में हत्या हुई उस वक्त करिहारा पंचायत के मुखिया मनोरंजन गिरि उजियारपुर थाना में बैठ गप्प लड़ा रहे थे. पुलिस का मानना है कि ऐसा उन्होंने साजिश के तहत किया था ताकि उन पर संदेह न हो. कहते हैं कि मनोरंजन गिरि ने ही सुमित झा उर्फ गोविंद की हत्या के लिए चार लाख रुपये की सुपारी दी थी. वह बाहुबली फुन्नू झा की हत्या के मामले में भी नामजद थे.


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इस वजह से था खुन्नस
मनोरंजन गिरि के मुताबिक फुन्नू झा के पुत्रों ने मौत के घाट उतारने के लिए उन पर दो बार प्राणलेवा हमले किये. संयोगवश वह बचते रहे. 17 जनवरी 2016 को उन पर ग्रेनेड (Grenade) से हमला हुआ. इन मामलों में धनंजय ईश्वर,अभिजीत झा और सुमित झा के साथ-साथ रानी झा को भी आरोपित किया गया था. कहा जाता है कि अपनी जान पर खतरा देख मुखिया मनोरंजन गिरि ने कुख्यात डब्ल्यू झा से संपर्क कर सुमित झा की हत्या की योजना बना डाली. मनोरंजन गिरि भी पहले फुन्नू झा के साथ थे. साझे का शराब व्यवसाय था. कहते हैं कि उस व्यवसाय में लाखों रुपये का गबन करने को लेकर फुन्नू झा से उनकी नोंक-झोक हुई थी और तभी से वह ताक में थे. सुमित झा उर्फ गोविन्द की हत्या के मामले में मुखिया मनोरंजन गिरि ने अदालत में आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया.

आरोप कई हत्याओं के
इसके कुछ समय बाद 18 अक्तूबर 2017 को डब्ल्यू झा की गिरफ्तारी जमशेदपुर (Jamshedpur) एवं 24 जून 2018 को पप्पू चौधरी की पटना में हुई. इन दोनों पर फुन्नू झा और उनके पुत्र सुमित झा उर्फ गोविन्द की हत्या के अलावा हत्याओं के और भी कई आरोप हैं. मनोरंजन गिरि की तरह डब्ल्यू झा और पप्पू चौधरी भी फुन्नू झा हत्याकांड के प्राथमिकी अभियुक्त हैं. गौरतलब है कि इस मामले में डब्ल्यू झा और पप्पू चौधरी को छोड़ सभी आरोपित दोषमुक्त हो चुके हैं. बिहार की पुलिस के लिए मोस्टवांटेड (Most Wanted) रहे पप्पू चौधरी मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के उसी रूपौली गांव का रहने वाला है जहां के अपने जमाने में आतंक का पर्याय रहे उपेन्द्र राय हैं.

चर्चाएं कई तरह की
धनंजय ईश्वर बेगूसराय जिले के बछवाड़ा (Bachhwara) प्रखंड के भरौल गांव का है. रिश्ते में वह फुन्नू झा का ममेरा भाई लगता है. लंबे समय से उनके साथ था इसलिए परिवार में काफी घुल मिल गया है. हालांकि, गांव-जवार में कई तरह की चर्चाएं होती हैं. खुद शिवेन्द्र झा उर्फ टुन्ना झा भी कुछ वैसी ही बातें करते हैं. उनके मुताबिक फुन्नू झा के परिवार की बर्बादी का एक कारण धनंजय ईश्वर भी है. उनके मुताबिक वह दुश्मनों से मिला हुआ है. परिवार में उसकी ऐसी घनिष्ठता का फुन्नू झा ने भी विरोध किया था. एक बार मारपीट कर भगा दिया था. पर, पत्नी रानी झा (Rani Jha) के दबाव पर उसे फिर रख लिया था. टुन्ना झा के मुताबिक धनंजय ईश्वर की गिरफ्तारी भी हुई थी. रानी झा ने उसकी जमानत करवायी थी.

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