तारा शाहदेव : रकीबुल हसन के थे दो मंत्रियों से गहरे रिश्ते
विशेष संवाददाता
22 नवंबर 2023
Ranchi : रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान के चंगुल से मुक्त होने के बाद तारा शाहदेव (Tara Shahdev) ने जब एक-एक कर उसके कुकर्मों का खुलासा किया तब रंजीत सिंह कोहली और उसकी मां कौशल्या रानी दोनों फरार हो गये. झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद के निर्देशानुसार देवघर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव और बिहार (Bihar) के गया जिले के शेरघाटी के न्यायिक अधिकारी राजेश कुमार के सहयोग से वे दिल्ली पहुंच गये. 26 अगस्त, 2014 को दिल्ली में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान और उसकी मां कौशल्या रानी उर्फ कौसर परवीन की गिरफ्तारी हुई. उसकी गिरफ्तारी के बाद, उसके नेटवर्क के नेताओं, न्यायिक क्षेत्र के अधिकारियों, झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के खेल और वन विभाग के अधिकारियों आदि में खलबली मच गयी.
उपलब्ध कराता था ‘सबकुछ’
पुलिस की पूछताछ में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान ने स्वीकार किया कि उसने अनेक अधिकारियों और नेताओं को लड़कियां सप्लाई की थी. वह रांची रेलवे स्टेशन के निकट के एक होटल में भी कई मंत्रियों और अधिकारियों की सेवा में ‘सबकुछ’ उपलब्ध कराता था. उसने कुछ के नाम भी बताये. यह भी बताया कि उसके घर पर न्यायालय (Court) से फाइल पहुंच जाते थे और उसने कई लोगों को न्यायाधीशों के माध्यम से राहत दिलवायी, जमानतें करवायीं. वह अपने एनजीओ के माध्यम से अधिकारियों, नेताओं और प्रभावशाली लोगों से संपर्क बना कर उनसे अपना काम निकलवाता था. वन विभाग में उसकी गहरी पैठ थी.
एक लड़की थी ऋचा
इस पूरे प्रकरण में उस वक्त जो तथ्य सामने आये उसके मुताबिक रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान के छह न्यायाधीशों से गहरे ताल्लुकात थे. उनमें देवघर के दो, हजारीबाग, शेरघाटी और दिल्ली के एक-एक जज थे. पचास से अधिक बड़े नेताओं के साथ भी उसके गहरे संबंध थे. उनमें 15 के आसपास विधायक थे. झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) के अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता उसकी मित्रता सूची में शामिल रहे. सीआईडी और विजिलेंस के अनेक अधिकारियों से भी उसके निकट का संबंध था, ऐसा कहा गया. अपने गोरखधंधे में वह ऋचा नाम की लड़की का सहयोग लेता था जो बिलासपुर की रहनेवाली थी. रांची में लालपुर के निकट किसी हॉस्टल में रहती थी. शायद, यह वही लड़की थी, जिसने तारा शाहदेव को रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान से परिचय कराते हुए उसे अपना भाई बताया था.
दो पूर्व मंत्रियों से थे संबंध
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की तब की सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान से रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान के गहरे संबंध थे. इस बात का खुलासा खुद उसने भी किया था. उसका कहना रहा कि उसके एनजीओ का काम मुख्य रूप से इन्हीं दोनों मंत्रियों के विभाग से संबंधित था इसलिए वह उनसे मिला करता था. दोनों मंत्री उसके ठिकाने पर भी आया करते थे. तारा शाहदेव ने तब कहा था कि उसकी जब शादी हुई तो उसके कुछ दिनों बाद हाजी हुसैन अंसारी रकीबुल हसन खान के घर पर उपहार लेकर आये थे. तब तारा शाहदेव को देख उन्होंने कहा था कि रकीबुल मुझे निकाह में क्यों नहीं बुलाया. रकीबुल का कहना रहा कि जल्दीबाजी में शादी कर ली इसलिए नहीं बुलाया.
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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष से भी…
शादी समारोह में झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष इन्दर सिंह नामधारी समेत कई महत्वपूर्ण लोग शामिल हुए थे. सुरेश पासवान और इन्दर सिंह नामधारी का उससे संबंध अदालती जरूरतों को लेकर बना था. बताया जाता है कि सुरेश पासवान का वाहन चालक एक आपराधिक मामले में आरोपित था. पूर्व मंत्री के कहने पर रकीबुल हसन खान ने उस आपराधिक मामले से उसे बरी करा दिया था. मामला देवघर की अदालत (Deoghar court) में लंबित था. इसी तरह इन्दर सिंह नामधारी ने भी हत्या के एक मामले में जेल में बंद अपने एक करीबी भाजपा कार्यकर्त्ता को उसकी मदद से जमानत दिलवायी थी. वैसे, हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान ने रंजीत सिंह कोहली से किसी भी तरह का संबंध रहने से साफ इनकार किया था. (जारी)
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