मुश्किल बड़ी है…भतीजा है कि मानता ही नहीं…!
विशेष प्रतिनिधि
17 नवम्बर 2023
Patna : भतीजा चिराग पासवान भी कुछ कम नहीं हैं. एक साथ दो चचा का प्रेशर बढ़ाये हुए हैं. एक चचा अपने हैं, पशुपति कुमार पारस. दूसरे पालिटिकल हैं, नीतीश कुमार (Nitish Kumar). राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad) भी उनके पालिटिकल चचा ही लगते हैं. इन दोनों पलिटिकल चचा को ज्यादा परेशानी नहीं है. राजद सुप्रीमो की नजर में भतीजा लायक है. भतीजा न का नजरिया भी कुछ वैसा ही है. जब कभी मौका हाथ लगता है, दोनों एक-दूसरे की तारीफ कर बैठते हैं. भतीजा को पता है कि पालिटिकल चचा नीतीश कुमार की मार की काट राजद सुप्रीमो के पास ही है.
प्रेशर हाई है चचा का
खैर, इधर का ताजा किस्सा यह है कि भतीजा के बार-बार और लगातार के प्रेशर से चचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का बीपी एकदम से हाई चल रहा है. दरबारी कह रहे हैं कि चचा चौतरफा प्रेशर झेल रहे हैं. एक दिन की बात है. प्रेशर बढ़ा हुआ था. डा .शाह के क्लीनिक में फोन कर टाइम मांगा. नहीं मिला. कम क्या होना था, इस बुरी सूचना से प्रेशर और बढ़ गया. दरबारी भी कम बदमाश नहीं होते हैं. प्रेशर बढ़ाने वाली खबरों को ही बटोर कर ले आते हैं.
कर दिया बेहोश
एक दरबारी ने सोशल मीडिया पर वायरल फोटो दिखाकर चचा को बेहोश होने लायक बना दिया. उस दिन भतीजा ने अपने राम से मुलाकात की थी. यह जानकारी चचा को पहले से थी. इससे परेशान नहीं हुए. परेशानी दूसरे फोटो से बढ़ी. चचा देख रहे हैं कि उनकी पार्टी की एमपी वीणा देवी भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) से मिल रही हैं. मिल ही नहीं रही हैं, हंसने वाला पोज दिये हुए है. चचा को गुस्सा आ गया. दरबारी को बताया कि एमपी के पति इनकम टैक्स के फेर में पड़े थे. मैंने पूरा पावर लगाकर बचाया. सिर पर हाथ मारा. मुंह से निकला कि सचमुच यह दुनिया बड़ी खराब है.
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हार होकर रहेगी
बदमाश दरबारी ने दूसरी सूचना दी. एक एमपी का राजद सुप्रीमो से लगन लग गया है. उनका बेटा पहले से सुप्रीमो की पार्टी का विधायक है. चचा की प्रतिक्रिया थी कि वह एमपी किसी पार्टी से लड़ें, हार होकर रहेगी. प्रेशर के उन्हीं क्षणों में चचा पशुपति कुमार पारस ने नीतीश कुमार को फोन लगाया. उधर से अभयदान मिला-आइए न. सब ठीक हो जायेगा. एक भरोसेमंद (Reliable) ठिकाना मिलने के आश्वासन से चचा ने राहत की सांस ली ही थी कि डा. शाह की क्लीनिक से फोन आया.
तसल्ली ऐसी कि…
कहा गया कि घबराइए नहीं. पुराना शरीर है. बेफिक्र रहिये. आप अपने भाई साहब के भक्त हैं. भाई साहब की तरह आपको भी राज्यसभा में जगह दे दी जायेगी. राज्यसभा के कुछ सांसदों को लोकसभा चुनाव लड़ाया जायेगा. उससे रिक्ति बनेगी. कई कटपीस सीटें निकल आयेंगी. उन्हीं में से किसी पर आपको सेट कर दिया जायेगा. बताने की जरूरत नहीं है कि ऐसी तसल्ली (Solace) से चचा का प्रेशर ही बढ़ता है. उधर भतीजा है कि हाजीपुर (Hajipur) हमारा है, वाला नारा लगाने का कोई अवसर चूक नहीं रहा है.
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