दरभंगा : एम्स बना नहीं इलाज शुरू हो गया … है न कमाल !
विशेष प्रतिनिधि
30 अप्रैल 2024
Patna : सबको मालूम है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण नहीं हो पाया है. करीब पांच साल से निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. एक बार एक जगह का चयन हुआ. वह रद हो गया. दूसरे का चयन हुआ. वह भी रद हो गया. तीसरे का चयन हुआ. उस पर केंद्र और राज्य सरकार की सहमति बनी, लेकिन प्रक्रिया के पालन में इतनी देरी हो गयी कि अभी तक निर्माण शुरू नहीं हो सका. यह दरभंगा (Darbhanga) में लोकसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बना हुआ है. माना यह जा रहा है कि 2014 के चुनाव में जीते गोपालजी ठाकुर (Gopalji Thakur) और हारे संजय झा (Sanjay Jha) के आपसी झगड़े के कारण यह विवाद इतना आगे बढ़ गया कि एम्स का निर्माण ही ठहर गया. यह वही एम्स (AIIMS) है, जिसके निर्माण के बारे में प्रधानमंत्री तक को गलत सूचना दे दी गयी थी.
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पहला मरीज गोपालजी ठाकुर
खैर, गोपालजी ठाकुर और संजय झा के बीच अब लड़ाई नहीं है. दोनों एक ही गठबंधन में आ गये हैं. गोपालजी ठाकुर भंवर में फंसे हैं. उधर संजय झा राज्यसभा चले गये हैं. उनका रास्ता साफ हो गया है. फिर भी उन्हें जिम्मेवारी दी गयी है कि वह गोपालजी ठाकुर की नैया पार लगाने के लिए हर संभव प्रयास करें. संजय झा प्रयास करेंगे ही. कर भी रहे हैं. लेकिन, इधर क्षेत्र में जनता ने अपने स्तर से एम्स में इलाज शुरू कर दिया है. सुखद संयोग यह है कि इसके पहले मरीज सांसद गोपालजी ठाकुर ही हैं. जनता उनका इलाज कर रही है. दिलचस्प यह है कि उनका इलाज बिना किसी अस्पताल और डाक्टर के हो रहा है.
एम्स का क्या हुआ
वह अपने क्षेत्र में जिस किसी के दरवाजे पर वोट मांगने के लिए जाते हैं, पहला प्रश्न यही होता है कि दरभंगा एम्स का क्या हुआ? सांसद कुछ जवाब देते हैं, जवाब पूरा भी नहीं होता है कि अगला प्रश्न आ जाता है-आपके चलते ही एम्स लटक गया है. आपको वोट देकर क्या करें? किस्सा यह कि सांसद महोदय का वहां की जनता पूरे मनोयोग से इलाज कर रही है. हां, मोदी के नाम पर वोट मिलने की गारंटी कमजोर नहीं हुई है.
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