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ए एन कालेज में हिन्दी साहित्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

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देवव्रत राय
16 नवम्बर, 2022

PATNA: बिहार विधानसभा (BIHAR VIDHAN SABHA) के अध्यक्ष (SPEAKER) अवध बिहारी चौधरी (AWADH BIHARI CHOUDHARY) ने बुधवार को ए. एन. कालेज, पटना (A N COLLEGE, PATNA) तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम में हिन्दी साहित्य (HINDI SAHITYA) की भूमिका’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ए. एन. कालेज (A N COLLEGE ) लगातार प्रगति कर रहा है. उनका यह भी कहना रहा कि समतामूलक सोच के धनी अनुग्रह नारायण सिंह (ANUGRAH NARAYAN SINGH) की स्मृति में बना यह महाविद्यालय शिक्षा और शोध के प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. उनके मुताबिक साहित्यकारों की जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं हो सकती है. उन्हें साहित्य के साथ-साथ समाज के प्रति भी अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करना पड़ता है.

प्रो. कलानाथ मिश्र लिखित पुस्तक ‘सृजन के प्रतिमान’ का लोकार्पण.

बीज वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.सूर्य प्रसाद दीक्षित (SURYA PRAKSH DIXIT) ने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसार में साहित्यकारों की भूमिका का कोई समकालीन साक्ष्य नहीं है. 1880 के बाद साहित्यकारों के द्वारा राष्ट्रीय चेतना का प्रसार प्रारंभ हुआ. अजीमुल्ला खान, श्यामलाल तथा अन्य साहित्यकारों द्वारा झंडा गीत तथा अन्य गीतों के द्वारा भारत भूमि का मानवीकरण किया गया,जिससे राष्ट्रीय भावना का वृहत्तर विकास हुआ. इन कवियों में मैथलीशरण गुप्त, श्यामलाल, सियाराम शरण गुप्त आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो.एस.पी.शाही (Prof. S P SHAHI) ने कहा कि महाविद्यालय अध्यापन के साथ सामाजिक सरोकारों में भी सदैव आगे रहता है. महाविद्यालय के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंहा (SATYENDRA NARAYAN SINGHA) और उनकी धर्मपत्नी किशोरी सिन्हा (KISHORI SINHA) महाविद्यालय के विकास में हमेशा लगे रहते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधारभूत संरचना के विकास के लिए लगभग चालीस करोड़ की राशि दी है, जिसके लिए महाविद्यालय उनका सदैव आभारी रहेगा.

इस अवसर पर प्रो. कलानाथ मिश्र लिखित किताब ‘सृजन के प्रतिमान’ (SRIJAN KE PRATIMAN) का लोकार्पण भी किया गया. कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो.कलानाथ मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन डा. अमिता दुबे ने किया. प्रथम दिन के पहले सत्र में प्रो. प्रेम जनमेजय, प्रो.जावेद अख्तर खान, डा. वीरेंद्रनाथ मिश्र ने लोगों को संबोधित किया. प्रथम सत्र का संचालन डा. विद्या भूषण और धन्यवाद ज्ञापन डा. संजय कुमार सिंह ने किया.

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