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छांछ भी फूंक-फूंककर पी रहे मंत्री पति

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विशेष संवाददाता
2 जुलाई, 2021

पटना. होशियार वही जो बुरे उदाहरण से सबक सीखे. नीतीश कुमार की सरकार की एक मंत्री के पति इसके उदाहरण दिख रहे हैं. सबको पता है कि हाल फिलहाल सरकार के दो मंत्री अपने रिश्तेदारों के चक्कर में बुरे फंस गये थे. सहनी जी के भाई का मामला आया. वह अपने मंत्री भाई की मदद में सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन कर आये. अखबारों में खबर छपी. हंगामा हुआ. मंत्री को माफी मांगनी पड़ी. दूसरे मंत्री के पुत्र सरकारी काम का मुआयना करने चले गये. इस पर भी हंगामा हो गया. इन मंत्रीजी को भी सफाई देनी पड़ी. हालांकि, इनकी मजबूरी बर्दाश्त करने लायक है. एक-दो नहीं, पूरे चार पुत्रों के पिता हैं. लंबे राजनीतिक जीवन में पहली बार काम लायक मौका मिला है. विभाग के अधिकारी भी पूरा सहयोग कर रहे हैं. बच्चों के आग्रह को मंत्री का आदेश मानकर उस पर अमल करते हैं. वह तो एक इंजीनियर के चलते उनकी बदनामी हो गयी. मुआयना तो उनके चारो पुत्र करते हैं. विभाग मंे भी आते-जाते हैं. सुविधा के लिए बच्चों ने अपना-अपना इलाका बांट लिया है. बेचारे एक-दूसरे के इलाके में दखल नहीं देते हैं. जिस इलाके का काम होता है, क्लाइंट को उस इलाके के लिए अधिकृत भाई के पास भेज देते हैं. इन दोनों मंत्रियों की दशा देखकर एक मंत्री पति ने तय किया कि वह मैडम के विभाग में एकदम से दखल नहीं देंगे. वैसा कर भी रहे हैं. सरकारी समारोह में जाने का सवाल ही नहीं उठता है. सरकारी आवास में भी बेवजह नहीं घूमते. सरकारी आवास पर आगंतुकों के स्वागत सत्कार की व्यवस्था उनकी ओर से है. किसी दूसरे मंत्री के आवास पर इतनी अच्छी व्यवस्था नहीं है. एक साथ 40-50 लोग विश्राम कर सकते हैं. भोजन के लिए भंडारा अलग से चलता है. क्षेत्र के मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है. हां, एहतियात की हद यह कि मंत्री पति आवासीय कार्यालय में भी कदम नहीं रखते हैं. करीबी कहते हैं कि मैडम इस टर्म में सिर्फ काम करेंगी. पटना का लक्ष्य पूरा हो गया है. नजर दिल्ली पर है. इसलिए बदनामी से बचने की पूरी कोशिश हो रही है. विभाग भी सूखा टाइप है. कोशिश भी करें तो माल कम, बदनामी अधिक होगी.

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