किशनगंज : एमजीएम मेडिकल कालेज ने रच दिया इतिहास
अशोक कुमार
10 जुलाई, 2021
किशनगंज. सिर्फ सीमांचल ही नहीं, एक तरफ कोशी अंचल और दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के निकटवत्र्ती क्षेत्रों में सर्वसुलभ निःशुल्क चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता के मामले में निरंतर लोकप्रियता अर्जित कर रहे किशनगंज के माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कालेज-सह-लायंस हाॅस्पीटल ने पश्चिम बंगाल की एक महिला मरीज के कैंसर का सफल आॅपरेशन कर इस मामले में खुद को मुम्बई, कोलकाता और बेेंगलुरु जैसे स्थानों की कतार में ला दिया है. यह मेडिकल कालेज एवं अस्पताल माता गुजरी मेमोरियल यूनिवर्सिटी के तहत संचालित है. चिकित्सा के क्षेत्र में इसकी इस उपलब्धि से आमलोगों में और अधिक बेहतर इलाज की उम्मीद जगी है. माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कालेज एण्ड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. इच्छित भारत के अनुसार किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के गोहरह निवासी सर्बाइकल कैंसर से पीड़ित नायमा बीबी नयी जिन्दगी की उम्मीद लिये अस्पताल में भर्ती हुई थी. एमजीएम मेडिकल कालेज-सह-अस्पताल के निदेशक विधान पार्षद डा. दिलीप जायसवाल ने कैंसर पीड़िता की स्थिति को देखते हुए तत्क्षण आॅपरेशन की जरूरत महसूस की और अस्पताल की योग्य डाक्टर मानी जाने वाली डा. चांदनी सहगल के नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम का गठन कर दिया. उसमें डा. शेखर चक्रवर्ती, डा. पायल, डा. अग्निदीपा जाना, डा. डिम्पी, डा. जसप्रीत, डा. शैलेन्द्र, डाॉ सागर, डाॉ श्वेता, डा. जास्मिन को रखा गया. इन सबने सफल आॅपरेशन कर कैंसर पीड़िता की जान बचा ली.
डा. इच्छित भारत ने जानकारी दी कि कैंसर पीड़िता नायमा बीबी की संपूर्ण चिकित्सा पूर्णतः निःशुल्क हुई. आॅपरेशन के बाद उनका स्वास्थ्य लगातार सुधर रहा है. डा. दिलीप जायसवाल के अनुसार उम्मीद है कि कीमोथेरापी के बाद वह पूर्ण स्वस्थ हो जायेंगी. आॅपरेशन की सफलता से उत्साहित डा. चांदनी सहगल का कहना रहा कि वह इस तरह के मरीजों का आगे भी आॅपरेशन करती रहेंगी. जीवन से निराश लोगों में जिन्दगी की नयी आस पैदा करती रहेंगी. डा. दिलीप जायसवाल ने बताया कि मुम्बई या कोलकाता के अस्पताल में इस तरह का आॅपरेशन होता तो कम से कम पांच लाख रुपये खर्च बैठते. लंबी लाइन के कारण मरीज को लंबा इंतजार भी करना पड़ता. उन्होंने मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के खाते में यह चमकदार उपलब्धि दर्ज कराने वाली डाक्टरों की टीम की दिल खोलकर सराहना की.