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तारापुर : महागठबंधन गढ़ेगा नया समीकरण!

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निरंजन कुमार मिश्र
24 जुलाई, 2021

मुंगेर. तारापुर विधानसभा क्षेत्र का आसन्न उपचुनाव सत्तारूढ़ राजग और विपक्षी के महागठबंधन, दोनों के लिए काफी महत्व रखता है. क्योंकि इससे राज्य की सत्ता और सियासत का भविष्य जुड़ गया है. सर्वविदित है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग की सरकार बिहार विधानसभा में ‘कामचलाऊ बहुमत’ पर टिकी है. इस दृष्टि से बहुमत की यथास्थिति बनाये रखने के लिए उपचुनाव में जद(यू) की जीत निहायत जरूरी है. दूसरी तरफ नीतीश कुमार की सरकार को पतन के और करीब ले जाने के लिए महागठबंधन इस पर काबिज होने में अपनी पूरी ऊर्जा लगा सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि इस दृष्टि से महागठबंधन की चुनावी रणनीति में बदलाव आ सकता है. खासकर उम्मीदवार चयन के मामले में. 2020 के चुनाव में महागठबंधन में यह सीट राजद के कोटे में थी. उम्मीदवारी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के करीबी माने जाने पूर्व मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री दिव्या प्रकाश को मिली थी. क्षेत्र के सामाजिक समीकरण को अनुकूल नहीं बना पाने के कारण वह कामयाब नहीं हो पायीं. समझा जाता है कि बदले हालात में राजद नेतृत्व जीत लायक नया सामाजिक समीकरण गढ़ने के ख्याल से गैर यादव उम्मीदवार मैदान में उतार सकता है. दावेदार कई हैं, पर महागठबंधन के रणनीतिकारों की नजर मुख्य रूप से सहकारिता के क्षेत्र में सिक्का जमा रखे बिहार हाउसिंग को-आॅपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह पर जमी बतायी जाती है. संसदीय राजनीति में कोई अच्छा सा मुकाम पाने की लंबी चाहत रखने वाले विजय कुमार सिंह फिलहाल जद(यू) में हैं. तारापुर से उम्मीदवारी की बाबत वहां कोई संभावना जगती-बनती नहीं दिख रही है. इसका फायदा महागठबंधन उन्हें अवसर उपलब्ध करा उठा सकता है.

विधानसभा की सदस्यता पाने के लिए विजय कुमार सिंह तकरीबन 20 वर्षों से प्रयासरत हैं. जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र में उन्हें लगातार चार बार मौका भी मिले. पर कभी किस्मत का साथ नहीं मिल पाया. दुर्भाग्य यह कि 2010 के चुनाव में वह सिर्फ 188 मतों से चूक गये. जीत-हार अपनी जगह है. चुनावों में अलग-अलग दल से उम्मीदवार रहने के बावजूद चकाई के मतदाताओं का उन्हें जो समर्थन मिला वह उनकी जनप्रियता को प्रदर्शित करता है. उनके समर्थकों का मानना है कि विजय कुमार सिंह तारापुर के चुनाव मैदान में पूरी मजबूती के साथ कभी उतरे नहीं हैं. इसलिए कोई बड़ा दावा नहीं किया जा सकता. पर, वहां भी उनका जनाधार जमुई जैसा ही है. महागठबंधन की उम्मीदवारी को जीत में बदल देने जैसा. विजय कुमार सिंह क्ष्त्रिय समाज के तारापुर विधानसभा क्षेत्र के संग्रामपुर प्रखंड के लश्करा गांव के रहने वाले हैं. क्षेत्रीय लोगों के साथ व्यवहार कुशलता, मिलनसारिता और उनकी समस्याओं के समाधान में सहकार की भावना की वहां खूब चर्चा होती है. इससे तारापुर के लोगों से उनका खास लगाव बना हुआ है. सिर्फ सवर्ण समाज में ही नहीं, समान रूप से प्रायः सभी जातियों में उनकी अच्छी पैठ है. अल्पसंख्यकों में भी. विश्लेषकों का मानना है कि उपचुनाव में महगठबंधन में अवसर मिला तो नया सामाजिक समीकरण गढ़ वह किला फतह कर ले सकते हैं. इसके बरक्स इस जमीनी हकीकत को नजरंदाज कर महागठबंधन पुनः दिव्या प्रकाश पर ही भरोसा जताता है तो 2020 के परिणाम की पुनरावृत्ति की संभावना को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता.

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