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माफिया राज : दाहू यादव हैं मुखौटा !

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अमन राय
14 जुलाई 2023
Sahibganj : राजेश यादव उर्फ दाहू यादव (Rajesh Yadav urf Dahu Yadav) कथित रूप से पंकज मिश्र के दाहिना हाथ रहे हैं. कहा जाता है कि मुख्य रूप से उन्हीं के जरिये उनका धंधा चलता है. कुछ लोग उन्हें उनका मुखौटा भी मानते हैं. साहिबगंज के सोभनपुर भट्ठा निवासी दाहू यादव का इस धंधे में लगभग एकछत्र राज है. पत्थर खनन और विपणन की गहन जानकारी रखने वालों के मुताबिक राजेश यादव उर्फ दाहू यादव कभी ‘पत्थर किंग’ प्रकाश चन्द्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव (Prakash Chandra Yadav urf Mungeri Yadav) के ‘सिंडिकेट’ में बड़ी हैसियत रखते थे. किसी मुद्दे पर विवाद हुआ और उससे अलग हो अपना खुद का साम्राज्य फैला लिया. वैध-अवैध धंधों और अन्य कुकृत्यों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले दाहू यादव को मुंगेरी यादव का मुख्य प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. तभी तो वह दर्जनों सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहते हैं. आरोपों के मुताबिक दाहू यादव के कथित अवैध धंधे से उनके पिता पशुपतिनाथ यादव, भाई सुनील यादव और पुत्र राहुल यादव का भी जुड़ाव था. सुनील यादव साहिबगंज जिला परिषद के उपाध्यक्ष हैं. मामले के उद्भेदन के बाद से दोनों भाई फरार हैं. अदालत ने ‘भगोड़ा’ घोषित कर रखा है. इधर, इनके घरों की कुर्की-जब्ती हुई है. इससे पहले अप्रैल में दाहू यादव के पिता पशुपतिनाथ यादव (Pashupatinath Yadav) की गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल जेल में हैं.

… हरि कथा अनंता!
काले कारनामों के साथ दाहू यादव की सामाजिकता व दयालुता की चर्चा भी खूब होती है. प्रवर्तन निदेशालय की छापामारी इनके यहां भी हुई. पत्थर खनन और अंतर्राज्यीय फेरी सेवा की कमाई के सिलसिले में. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का मानना है कि दाहू यादव ने अवैध धंधों से अकूत संपत्ति अर्जित की है. साहिबगंज में बिजली घाट के सामने उनके दो भूखंड हैं जिसकी कीमत तकरीबन 30 करोड़ रुपये आंकी जाती है. निदेशालय को सूचना यह भी है कि राजेश यादव उर्फ दाहू यादव एवं उनके पिता पशुपतिनाथ यादव ने चौक बाजार के समीप नेहा टिबरेवाल के मकान तथा एसडीओ कोठी के पास स्वीटी पैलेस पर जबरन कब्जा कर रखा है. कथित रूप से इसमें उन्हें पंकज मिश्र (Pankaj Mishra) का भी सहयोग मिला था. जानकारों की मानें, तो इन दोनों की कहानी ‘हरि अनंत हरि कथा अनंता’ की तरह है.

साहिबगंज में पत्थर खनन का एक दृश्य.

अय्याशी के हैं कई किस्से
साहिबगंज में पत्थर माफिया के कई ढूह हैं. उनमें एक बच्चू यादव उर्फ पहलवान (Bachchu Yadav urf Pehelwan) का भी है. झारखंड (Jharkhand) राज्य में सत्ता बदलती है तो इस इलाके में पत्थर के अवैध कारोबार का समीकरण भी बदल जाता है. दबंग कारोबारी बच्चू यादव पहले प्रकाश चन्द्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव की छत्रछाया में पांव पसार सत्ता बदली तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के रसूखदार विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र की सरपरस्ती में उसे विस्तार देने लगे. फिलहाल जेल की रोटी तोड़ रहे हैं. मूल रूप से साहिबगंज जिले के रामपुर करारा (Rampur Karara) गांव के रहने वाले बच्चू यादव पहले गाय-भैंस पालते थे, दूध बेेचते थे. परिवार का परवरिश इसी से होता था. ऐसी ही अभावग्रस्तता में पत्थर के कारोबार से जुड़ाव हुआ.

दिन दुनी रात चौगुनी
प्रकाश चन्द्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव की शोहबत में दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की होने लगी. आज की तारीख में इस पहलवान के पास क्या नहीं है. साहिबगंज शहर के जिरवाबारी में अपना मकान है. सकरीगली के फाटक जमुनी एवं अम्बाडीहा में भी उन्होंने मकान बना रखा है.पश्चिम बंगाल (West Bengal) के आसनसोल (Asansol) में दो मकान और तीन भूखंड हैं. नामी-बेनामी बड़े वाहनों की कतार है. अय्याशी के लिए धन अपार है. प्रवर्तन निदेशालय ने उस दिन बच्चू यादव के ठिकानों पर भी छापा मारा था. दांव खाली गया था. इसका उन्होंने अपने अंदाज में जश्न मनाया. बार बालाओं को नचवाया. प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि ये तमाम संपत्ति अवैध खनन-परिवहन के काले धन से अर्जित हैं. दो भतीजे गोरा संजय और काला संजय बच्चू यादव के दायां-बांया हाथ हैं. काला संजय मां शीतला स्टोन वर्क्स के मालिक हैं. लेकिन, प्रवर्तन निदेशालय बच्चू यादव को ही उसका असली मालिक मानता है.


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हैं कई गंभीर आरोप भी
जानकारों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने सच या झूठ, यह जानकारी हासिल कर रखी है कि बच्चू यादव (Bachchu Yadav) ने अपने एक भतीजे संजय यादव उर्फ काला संजय (Sanjay Yadav urf Kala Sanjay) के साथ दो ऑटोमेटेड क्रसर मशीन लगा रखी थी. कथित रूप से इसमें पंकज मिश्र का भी धन लगा हुआ था. लगभग पांच साल पहले साहिबगंज के जिला परिवहन पदाधिकारी प्रदीप तिग्गा (Pradeep Tigga) पर जानलेवा हमला, तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी फेकू राम (Feku Ram) के साथ मारपीट का आरोप बच्चू यादव और उनके भतीजा गोरा संजय पर लगा था. गंगा नदी में अंतर्राज्यीय फेरीसेवा की नीलामी में भाग लेने से रोकने के लिए प्रतिद्वंद्वी प्रकाश चन्द्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव की चलती जहाज में आग लगाने का मामला भी दर्ज है. जमीन पर जबरन कब्जा, रंगदारी, हत्या जैसे गंभीर आरोपों में भी बच्चू यादव घिरे हुए हैं.

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