कटिहार : कहीं चुनाव की राजनीति से तो जुड़ा नहीं है मामला?
कुमार गंगानंद सिंह
30 जुलाई, 2021
कटिहार. रात गहरा ही रही थी कि कटिहार नगर निगम के निवर्तमान महापौर शिवराज पासवान उर्फ शिवा पासवान को मौत की नींद सुला दी गयी. इस वारदात से शहर एकबारगी सन्न रह गया.29 जुलाई की रात 9 बजे के आसपास ड्राइवर टोला के संतोषी चैक के समीप उनपर अंधाधुंध फायरिंग हुई. इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल ले जाने के क्रम में सांस सदा के लिए रुक गयी. पुलिस के मुताबिक शिवा पासवान को तीन गोलियां लगीं, दो सीधे सीने में और एक पेट में. हत्या क्यों हुई, इसका मुकम्मल खुलासा अभी नहीं हुआ है. कनफुसकियों में बातें कई तरह की हैं. जमीन की खरीद-बिक्री के कारोबार और मुहल्ले में दबंगता से लेकर कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र की चुनावी राजनीति से जोड़कर भी इसे देखा और कहा-सुना जा रहा है. कुछ और बातें भी हैं जिन पर पुलिस ने फिलहाल पर्दा डाल रखा है. मामले की गंभीरता के मद्देनजर जिलाधिकारी उदयन मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक विकास कुमार इसके उद्भेदन में पूरी तत्परता से लगे हुए हैं. पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुरेश चैधरी ने भी घटनास्थल का मुआयना किया. अभी तक चार गिरफ्तारियां हुई हैं. उनमें मुहल्ले की दो महिलाएं भी हैं.
शिवराज पासवान उर्फ शिवा पासवान कटिहार नगर निगम की राजनीति से गहरे रूप से जुड़े थे. वह खुद वार्ड संख्या 16 से और उनकी पत्नी मंजू देवी वार्ड संख्या 17 से निर्वाचित होती थीं. दोनों ही वार्डों में उनका मजबूत जनाधार है. जानकारों के मुताबिक स्थानीय राजनीति में उनका जुड़ाव कटिहार के विधायक और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं बरारी के जद(यू) विधायक विजय सिंह से था. इधर लोजपा सुप्रीमो सांसद चिराग पासवान के भी करीब हो गये थे.17 जुलाई 2021 की ‘आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान उनसे निकटता कायम हुई थी. इस आधार पर माना जा रहा है कि वह लोजपा से जुड़े थे या जुड़ने वाले थे. विजय सिंह कटिहार नगर निगम के महापौर थे. बरारी से उनके विधायक निर्वाचित हो जाने से महापौर का पद रिक्त हो गया था. उपमहापौर सूरज प्रकाश राय इसका प्रभार संभाल रहे थे. 24 मार्च 2021 को नये महापौर का चुनाव हुआ. लगभग तीन माह का संक्षिप्त कार्यकाल शेष रहने के कारण अन्य किसी निगम पार्षद ने इसमें खास रुचि नहीं दिखायी. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और विधायक विजय सिंह की पहल पर शिवराज पासवान उर्फ शिवा पासवान को निर्विरोध महापौर निर्वाचित होने का अवसर उपलब्ध हो गया.
महापौर के पद और लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान से निकटता से उनकी राजनीति को पर लग गये. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा जग गयी. हालांकि, पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरेश चैधरी ने राजनीतिक वजह से हत्या होने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है. पर, लोग इसे उस नजरिये से भी देख रहे हैं. आधार यह कि शिवा पासवान की हत्या के मामले में जिन 12 लोगों को आरोपित किया गया है उनमें एक-दो कोढ़ा की भाजपा विधायक कविता देवी के रिश्तेदार भी बताये जाते हैं. ये सब उसी ड्राइवर टोला में रहते हैं जहां शिवा पासवान का आवास है. कुछ लोग मुहल्ले की राजनीति और दबंगता से भी इस मामले को जोड़ते हैं. सच क्या है, यह पुलिस के अनुसंधान से ही सामने आयेगा. कविता देवी दिवंगत पूर्व विधायक महेश पासवान की पत्नी हैं. महेश पासवान भी पहले ड्राइवर टोला में रहते थे. विधायक बनने के बाद शिवपुरी मुहल्ले में मकान बना लिया. कविता देवी वहीं रहती हैं. ड्राइवर टोला में शिवा पासवान और उनकी पत्नी मंजू पासवान की काफी लोकप्रियता थी. यह भी शिवा पासवान की हत्या का कारण बन गयी. विवाद मुहल्ले के एक श्रीवास्तव परिवार से भी था, उसी श्रीवास्तव परिवार की दो महिलाएं गिरफ्तार हुई हैं. कटिहार पुलिस मामले का खुलासा कब और किस रूप में करती है, इसे जानने-समझने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.