मेरा INDIA उनका I.N.D.I.A
बांके बिहारी साव
02 सितम्बर 2023
मंडली जमी हुई थी. मनमोहिनी नाश्ते और चाय का प्रबंध करने में व्यस्त थी. वह आजकल चिंतित रहती है क्योंकि उसका पति बिहारी एक वंशवादी पार्टी (Dynastic Party) का सक्रिय भ्रष्ट कार्यकर्त्ता बन गया था. मनमोहिनी दूसरी औरतों से बहुत अलग है. बेटा फुलेना बिल्कुल अपनी मां पर गया था. वह मनमोहिनी को अपने पास ही रखना चाहता था, लेकिन बूढ़े चरित्तर चाचा को छोड़कर वह कहीं जाना पसंद नहीं करती थी. इधर, चरित्तर चाचा कहते थे कि दुनिया छोड़ने तक वह अपनी मंडली को नहीं छोड़ सकते हैं.
एक दिन मनमोहिनी मन मारकर पूछी भी थी – ‘चाचा जी…, आप अपनी इस मंडली को क्यों नहीं छोड़ना चाहते हैं?’
इस पर चरित्तर चाचा ने साफ-साफ कहा था-‘देखो बेटी… हम INDIA हैं, I.N.D.I.A नहीं.’
‘मतलब….?’
‘हम INDIA इसलिए हैं कि हमारा अपना चरित्र (Character) है. खखरू का बेटा चोर निकला तो उसने इकलौते बेटे को छोड़ दिया. लूटन का बेटा पॉलिटिकल दलाली करने में बदनाम हो गया तो उसने भी अपने इकलौते बेटे को घर से निकाल दिया. रही बात झगड़ू की तो वह निःसंतान है इसलिए उसे देश-द्रोह की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी. अब तुम्हीं बताओ कि ऐसे लोग कहां मिलेंगे?’
‘आपने अपनी बात नहीं बतायी?’
‘अपनी बात क्या बताऊं बिटिया? हमारा पुत्र समान भतीजा यानी तुम्हारा पति स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) परिवार से होते हुए भी भ्रष्ट वंशवाद का झंडा लिये भारत जोड़ने की बात कर रहा है.’
‘ऐसे में आप चार आदमी क्या करेंगे चाचाजी?’
‘चार नहीं पांच…!’
‘पांचवां कौन…?’
‘तुम और कौन…! तुमने भी तो अपने भ्रष्ट (Corrupt) पति को छोड़कर एक मिसाल कायम की है. अपने देश में ऐसी कौन औरत है जिसने अपने पति को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह भ्रष्ट हो गया है. आजकल की पत्नियां तो भ्रष्ट पति को देवताओं की तरह पूजती है. ‘जिसके घर चोर: वही घर अंजोर’ का जमाना है बिटिया! रावण सोने की लंका में कल भी रहता था और आज भी रहता है.’
चाचा का उत्तर सुनकर उस दिन मनमोहिनी चुप हो गयी थी, लेकिन आज वह चाचा से कुछ पूछने के लिए प्रतिबद्ध (Committed) थी. मंडली के बीच पकौड़े का प्लेट रखकर उसने चाय की प्याली सबके सामने रख उनसे कुछ दूरी पर रखी हुई कुर्सी पर बैठते हुए चरित्तर चाचा से बोली-‘इस भारत जोड़ो का उद्देश्य क्या था?’
‘मैं क्या बताऊं, तुम खुद ही सोचो…!’
‘मेरे पास इतनी बुद्धि कहां?’
‘वह I.N.D.I.A बनाने के बाद तो एकदम साफ हो गया बेटी…! UNITED INDIA के बीच डॉट लगाकर इसे पांच खंडों में तोड़ना ही तो भारत जोड़ो का उद्देश्य है.’
‘इस I.N.D.I.A का फुल फार्म क्या है?’
‘वैसे तो । (India) , D (Development) , I (Inclusive) , A (Alliance)
बनाया गया है. लेकिन, मेरे विचार से इसका अर्थ कुछ और होना चाहिये.’
‘भैया…, तुम लटपट-पटपट छोड़कर इसका वास्तविक अर्थ बताओ!’ इस बार खखरू चाचा ने टोका.
‘इसका असली मतलब है Indian National Development Alliance with no extra charges Inclusive.
‘हिन्दी में बताओ.’
‘हिन्दी में इसका मतलब हुआ-बिना एक्स्ट्रा चार्ज लिये भारतीय राष्ट्रीय विकास मोर्चा.’
‘यह कोई Construction Company है क्या?’
‘मतलब…!’
‘यह तो मोर्चा के नाम से ही स्पष्ट है कि वह कोई अतिरिक्त शुल्क लिये बिना भारत का विकास करेगा.’
‘हां…!’
‘इसका मतलब यही हुआ कि इसके पहले ये सभी विकास कार्यों में अतिरिक्त कमीशन लेते थे?’
‘एकदम स्पष्ट है. तभी तो इस I.N.D.I.A के नेता कोई जमानत पर हैं तो कोई जेल में हैं और कइयों पर लगे घोटालों के आरोपों की जांच हो रही है.’
‘क्या INDIA Dott, NATIONAL Dott, DEVELOPMENTAL Dott, INCLUSIVE Dott, ALLIANCE Dott के बदले INDIA बोलना अपराध नहीं है?’
‘बहुत बड़ा अपराध है.’
‘फिर कानून चुप क्यों है?’
‘समय पर सबका हल निकलेगा.’
‘वैसे अपने INDIA का पूरा मतलब क्या है?’
‘इसका फुलफार्म है- I (Integrated) N (National), D (Democratic), I (Ideological), A (Application).’
‘इसका अर्थ हिन्दी में?’
‘ईमानदारी और चरित्र के साथ जनतांत्रिक आदर्शों का उपयोग करने वाला राष्ट्र.’
‘यह तो आज तक किसी ने नहीं बताया?’
‘समय सबका राज खोलता है.’
‘माना…, लेकिन हमारे नेताओं ने पिछले 75 वर्षों में यह क्यों नहीं बताया कि हमारे प्दकपं का मतलब इतना पवित्र और उद्देश्यपूर्ण है?’
‘इसकी पवित्रता से अनभिज्ञ लोगों ने ही शायद I.N.D.I.A का गठन किया है.’
लूटन चाचा ने अपनी मंशा व्यक्त की.
‘देखो लूटन…, सबका मालिक जनता है. वह आज जातिवाद और स्वार्थ के लिए महाभ्रष्ट, अयोग्य और पप्पू किस्म के वंशवादी नेताओं के पीछे पागल है तो इसमें हम और तुम सत्य बताने के सिवा और क्या कर सकते हैं?’
‘क्या वह जानती है कि वंशवाद व अयोग्यता एक दिन हमारी आजादी के लिए भी खतरा बन जायेगी?’
‘वंशवाद व भ्रष्टाचार ने ही तो एक इंडिया में दूसरा इंडिया बना डाला. कल तीसरा इंडिया भी बन जाये तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं!’
‘तीसरा कौन बनायेगा?’
‘वैसे लोग जिन्होंने INDIA की शक्ति से घबड़ाकर I.N.D.I.A बनाया. आगे इन दोनों से निराश लोग फिर I.N.D.I.A बना लेंगे.’
‘उस I.N.D.I.A का मतलब क्या होगा?’
‘इसका मतलब होगा इंडियन नेशनल डिसपेरेटेड एण्ड इगनोर्ड एलायंस.’
‘इसका अर्थ…?’
‘इसका अर्थ होगा- अखिल भारतीय असंतुष्ट एवं छंटनीग्रस्त मोर्चा.’
‘वाह भैया… वाह…! आपके दिमाग का कोई जोर नहीं!’
‘अभी क्या…, इसके बाद चौथा I.N.D.I.A भी बन सकता है.’
‘उसका मतलब क्या होगा?’
‘सब एक ही दिन नहीं. फिर भी इतना जरूर कहना चाहता हूं –
तोड़ने वाले सिर्फ दिल ही नहीं,
देश भी तोड़ते हैं.
सत्ता के लिए वे,
बुरे से बुरों को जोड़ते हैं.
पाप की कमाई वाले ही,
अच्छाइयों को कोसते हैं.
और यही जनता को मूर्ख बना,
वंशवाद का वृक्ष रोपते हैं.
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