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ताला तो खुलता है … वह नहीं दिखती हैं

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राजेश कुमार
04 अगस्त, 2021

बाढ़. बाढ़ प्रखंड मनरेगा कार्यालय का ताला प्रतिदिन खुलता है, इसे कोई झुठला नहीं सकता. लेकिन, कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन से मुलाकात हो पाना अति दुर्लभ है. मोबाइल पर संपर्क भी संभव नहीं. संपर्क होता भी है तो कुछ ही लोगों को. ऐसा इसलिए कि पखवारे में एक या दो दिन ही दफ्तर आना उनकी आदतों में शुमार है. इससे यही झलकता है कि नियम-कानून उनकी मुट्ठी में है. ऐसा प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण की वजह से है या सियासी रसूख के चलते, यह आमलोगों के लिए अबूझ पहेली है. स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि नवादा के एक तथाकथित प्रभावशाली शख्स से रिश्तेदारी को वह समय-समय पर भुनाती रहती हैं.

बाढ़ में कथित रूप से नियम-कानून से अलग अपने ढंग से सरकारी कामकाज निपटाने को लेकर चर्चा में रहने वाली कार्यक्रम पदाधिकारी की इस कार्यशैली पर लोग टिप्पणी करने से बचते हैं. यह कह कि महिला अधिकारी हैं, रहने दीजिये, चलने दीजिये, जैसे चल रहा है. अधीनस्थ कर्मियों की हालत तो बिल्कुल भीगी बिल्ली जैसी ही है. हर कोई कार्यक्रम पदाधिकारी के इस रवैये पर मुंह खोलने से हिचकिचाता है. पीटीए नंद कुमार वर्मा से कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन के नियमित रूप से कार्यालय नहीं आने पर बात की गयी तो उन्होंने चुप्पी साध ली. वहीं लेखापाल प्रवीण कुमार ने बड़ी चतुराई से बच निकलने का प्रयास किया. कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन के नियमित रूप से कार्यालय नहीं आने जैसे सवालों पर पर्दा डालने का प्रयास किया. बताया जाता है कि कार्यक्रम पदाधिकारी के विश्वासपात्र के रूप में लेखापाल प्रवीण कुमार ही मनरेगा कार्यालय को चलाते हैं. गौर करने वाली यह है कि प्रवीण कुमार को बेलछी प्रखंड का भी प्रभार मिला हुआ है, लेकिन आमतौर पर वह बाढ़ में ही अड्डा जमाये रहते हैं.पीटीए और पीआरएस आदि कर्मी भी उनके इशारे पर चलते हैं. सलालपुर गांव के जयराम सिंह उर्फ टुनटुन सिंह ने इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिन्हा से मनरेगा कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज की मांग सूचना के अधिकार के तहत की थी. मकसद कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन के सच को सामने लाना था. लेकिन, उसे प्रावधान के विपरीत बताते हुए उन्हें सूचना नहीं प्रदान की गयी. बताया जाता है कि जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह के कानों तक भी यह बात पहुंची है, लेकिन उनकी ओर से भी फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है. क्षेत्र में यह भी चर्चा का बहुत बड़ा विषय बना हुआ है.

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