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ज्योतिष शास्त्र : पंचक में शुभ कार्य की मनाही क्यों?

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तापमान लाइव डेस्क
10 अगस्त, 2021

भारतीय ज्योतिष के अनुसार अशुभ समय में किया गया काम मनचाहा परिणाम नहीं देता है. यही कारण है कि पांच दिनों के पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही होती है. जब चंद्रमा पांच नक्षत्रों यानि घनिष्टा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्व भाद्रपद और रेवती पर है तो पंचक कहलाता है. रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इसके प्रभाव से शारीरिक और मानसिक परेशानी होती है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये. हर तरह के मांगलिक कार्य में यह अशुभ माना जाता है. सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. यह शुभ माना जाता है. इसके प्रभाव से सरकारी कामों में सफलता मिलती है. संपत्ति से जुड़े काम के लिए भी यह शुभ होता है. मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट-कचहरी और विवाद के निपटारे से संबद्ध काम किये जा सकते हैं. इसमें अग्नि का भय होता है. किसी प्रकार का निर्माण कार्य, औजार और मशीन संबंधी कार्यों की शुरुआत अशुभ माना गया है. शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है. यह मृत्यु के समान परेशानी देता है. इन पांच दिनों में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि का खतरा रहता है. शुक्रवार से शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. विद्वानों के अनुसार इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है. लेन-देन, व्यापार या अन्य कोई सौदा भी नहीं करना चाहिए.

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