मुश्किलों में घिरे पुलिस उपमहानिरीक्षक
रंजीत कुमार विद्यार्थी
11 अगस्त 2021
मुंगेर. हो सकता है, आने वाले दिनों में आरोप गलत साबित हो जाय. पर, वर्तमान में ऐसे आरोपों से इस धारणा को मजबूती मिलती है कि मुंगेर में अदृश्य कुटीर उद्योग का रूप ले रखे अवैध बंदूक निर्माण को पुलिस का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संरक्षण प्राप्त है. छापामारी, बरामदगी और गिरफ्तारी का जो सिलसिला चलता रहता है वह भी करीब-करीब सुनियोजित हुआ करता है. पहले वहां अवैध कट्टा और दोनाली बंदूकें बनती थीं. बाद में रायफल, कारबाइन, मशीनगन आदि भी बनने लगे. हाल फिलहाल ए के 47 रायफल की भी बरामदगी हुई. हालांकि, वे कहीं और से लाये गये थे. पर, आशंका उसके मुंगेर में भी निर्माण होने की जतायी गयी थी. बाबू राम और गौरव मंगला के अलग-अलग कार्यकाल में मुंगेर में विभिन्न ठिकानों से 22 ए के 47 रायफल की बरामदगी हुई थी जो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही. उस वक्त हरिशंकर प्रसाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थे. वही इस मामले के अनुसंधानक थे. गिरफ्तार अपराधियों के जो बयान आये थे उससे केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भी पसीना आ गया था. मामले के मास्टरमाइंड की स्वीकारोक्ति थी कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से जबलपुर के आयुध कारखाने से तकरीबन 90 ए के 47 रायफल उड़ाये गये थे. मांग के अनुरूप उन सबकी आपूर्ति कर दी गयी थी. मुंगेर में बरामद हुए 22 ए के 47 रायफल उन्हीं में से थे. मामले में अन्य अपराधियों के अलावा राजद के स्थानीय नेता परवेज चांद की गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस ने निर्धारित समय के अंदर अभियोग पत्र दाखिल नहीं किया, परवेज चांद इत्मीनान से जेल से बाहर आ गये. उस वक्त लगा कि पुलिस ने ऐसा आदतन किया है. लेकिन, बाद में मुंगेर के पुलिस उपमहानिरीक्षक रहे शफीउल हक के आचरणों पर आरोप लगे तब इस संदेह को बल मिला कि परवेज चांद के खिलाफ अभियोग पत्र दाखिल नहीं किये जाने के पीछे भी पुलिस की वैसी ही कुछ मंशा थी.
पुलिस उपमहानिरीक्षक शफीउल हक पर कोई आम नागरिक नहीं, मुंगेर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहे हरिशंकर प्रसाद ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे. इसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय से की थी. पुलिस मुख्यालय ने आरोपों की जांच का जिम्मा पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को दे रखा है. आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में तारापुर के पुलिस उपाधीक्षक पंकज कुमार. हवेली खड़गपुर के पूर्व थानाध्यक्ष मिन्टू कुमार सिंह, वरियारपुर के थानाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह, संग्रामपुर के थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, मुंगेर के पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय में तैनात एएसआई मोहम्मद इमरान, पूर्व रीडर संजय कुमार, सिपाही प्रभाकर कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक के रीडर प्रमोद कुमार तथा श्रीमतपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद शाहीन राजा उर्फ चिन्टू ठेकेदार से पूछताछ की है. शाहीन राजा उर्फ चिन्टू ठेकेदार और मोहम्मद इमरान पर आरोप है कि यही दोनों पुलिस उपमहानिरीक्षक के नाम पर पैसा मांगते थे. हालांकि, शाहीन राजा उर्फ चिन्टू का कहना है कि उसे जैसा कहा गया था उसने वैसा ही किया. सीधे तौर पर किसी से पैसे की कोई लेन-देन नहीं की.