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कहत ‘भिखारी‘ नाई जीव हदसेला, चलऽ हरिहर छत्र मेला घुमेला…

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अवध किशोर शर्मा

14 नवम्बर 2024

कहत ‘भिखारी’ नाई जीव हदसेला,
चलऽ हरिहर-छत्र मेला घुमेला,
बहुत लोग संगम पर जाइके छपकेला.
आरिये पर नेहइह ना ता गोड़ घसकेला,
दया क के साधु लोग आके दर्शन देला,
छोड़िकर देह पाप तुरते भागेला,
हरिहर नाथ दुगो हवन गुरु चाहे चेला,
घर बाटे एके कइसे गुजर चलेला,
भितर माहीं ओड़ीयन फुल चमकेला.
बम बम हर कहीं जल ढरकेला,
दर्शन कइला से रस्ता बनेला.
सुनिला जे जरल-मरल कोख पलटेला.

लोक गायक पद्मश्री भिखारी ठाकुर (Bhikhari Thakur) के गीतों में हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला (Harihar Kshetra Sonpur Fair) का रोचक वर्णन है. मेला से उनका गहरा लगाव रहा है और उनकी टीम की यहां नाट्य प्रस्तुति भी होती रही है. अपनी रचना में वह बताते हैं कि गंगा स्नान (Ganga Snan) से पाप शरीर छोड़कर भाग जाता है. साथ ही, वह हिंदू धर्म (Hinduism) के सांप्रदायिक झमेले में भी नहीं पड़ते कि भगवान श्रीहरि (विष्णु) एवं हर (शिव) एक दूसरे से बड़े हैं या छोटे. लेकिन, कटाक्ष करने से नहीं चूकते कि एक ही छत के नीचे दोनों का गुजर-बसर कैसे होता है?

हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का उद्घाटन करते डा. दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा आदि.

श्रद्धालुओं को सलाह

यह भगवान श्रीविष्णु एवं शिव के उन भक्तों पर आक्षेप है जो वैष्णव एवं शैव के नाम पर आपस में झगड़ते रहते हैं. उन्हें बाबा हरिहरनाथ मंदिर (Hariharnath Temple) में आकर देखना चाहिये कि किस तरह उनके भगवान एक ही घर में रहते हैं. वे एक दूसरे के गुरु हैं या चेला इस झंझट से दूर, एक साथ गुजर-बसर करते हैं. भिखारी ठाकुर ने कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की भी सलाह दी है. वह कहते हैं कि घाटों पर काफी फिसलन है. श्रद्धालु लोग किनारे में ही स्नान करें. यहां भाग्यवान को ही साधु लोगों का दर्शन होता है.

पूर्ण होता है उनका भी मनोरथ

लोक चर्चा की बात करते हुए वह कहते हैं कि उन्होंने सुना है कि जिस माता की कोख उजड़ चुकी है या जिनकी कभी कोई संतान हुई ही नहीं, उनका भी बाबा हरिहरनाथ के दर्शन से मनोरथ पूर्ण हो जाता है. भिखारी ठाकुर की रचना में मेले में छोटी-मोटी चोरी व गिरहकटों की उपस्थिति का भी जिक्र है. मेले में लेन देन, कहीं रुदन आदि के दृश्य भी उनके गीतों की विश्वसनीयता बढ़ाते हैं. अपने गीतों में उन्होंने पुराने कसमर परगना का भी वर्णन किया है जिसके अंदर सोनपुर (Sonpur) का हरिहरक्षेत्र मेला लगता है. हाजीपुर (Hajipur) के घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान, हवन पूजन, गोदना, सेमरिया गौतम आश्रम, चिरांद ,सोनपुर से सटे मानपुर ग्राम आदि का भी वर्णन है.

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