बाढ़ में उपला रहा बाढ़, टापू बन गया है टाल क्षेत्र
राजेश कुमार
14 अगस्त, 2021
बाढ़. गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ अनुमंडल के कमोबेश हर इलाके में त्राहिमाम-सी स्थिति है. टाल का इलाका तो टापू का रूप ले रखा है. स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया. अनुमंडल पदाधिकारी सुमित कुमार के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन भी बचाव व राहत के कार्यों में जुटा दिखा. इसके बावजूद बाढ़ पीड़ितों के समक्ष कहीं उजाला है तो कहीं अंधेरा. इस रूप में कि दियारा क्षेत्र के प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक किचेन की व्यवस्था की गयी है, लेकिन बाढ़ के पूर्वी मलाही, पश्चिमी मलाही, दहौर समेत गंगा किनारे के गांवों के लोगों, जिनके घरों के किचेन तक में पानी घुस गया है, उनकी असुविधा के प्रति सरकार गंभीर नहीं है. वहां के लोग सरकार की इस दोहरी नीति का दंश झेल रहे हैैं. उन्हें अभी राहत के नाम पर केवल पालीथिन शीट ही मिल रही है. जरूरी होने पर विस्थापन और आवासन के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा फिलहाल कोई नीति निर्धारित नहीं की गयी है. जद(यू) के स्थानीय नेता अजीत पटेल ने इस समस्या से जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को अवगत कराया.
अनुमंडलाधिकारी सुमित कुमार से भी उन्होंने इस बाबत बातचीत की. अनुमंडलाधिकारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस समस्या को वह बैठक में रखेंगे. हालात यह है कि गंगा का पानी नेशनल हाईवे को पर बह रहा है. गंगा किनारे के लोग भयभीत हैं. सांप-बिच्छू का खौफ भी जगह बनाये हुए है. दियारा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों के लिए खास सुविधा और गंगा किनारे के लोगों के लिए सुविधा और सुरक्षा की कोई नीति नहीं रहने को लेकर कई जनप्रतिनिधियों में सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन से नाराजगी है. भले ही किसी कारण से वे खुलकर प्रशासन के खिलाफ मुठ्ठी लहराने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन, आसन्न पंचायत चुनाव में जनविक्षोभ की चिंता उन्हें जरूर सता रही है.