सिकटा व नरकटियागंज : सजा रहे हैं मैदान पुत्र के लिए
सुनील गुप्ता
22 मार्च 2025
Bettiah : बिहार विधानसभा के चुनाव (Bihar Assembly elections) में पश्चिम चम्पारण (West Champaran) जिले के नरकटियागंज (Narkatiyaganj) में अद्भुत नजारा दिख सकता है. एक ही कुल-खानदान के तीन धुरंधरों के बीच भिड़ंत का नजारा! 2015 और 2020 में वर्मा परिवार के नाम से चर्चित इस खानदान के दो धुरंधर-रिश्ते में देवर-भाभी, रश्मि वर्मा (Rashmi Verma) और विनय वर्मा (Vinay Verma) आमने-सामने थे. 2015 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर विनय वर्मा की जीत हुई थी. 2020 में बाजी भाजपा प्रत्याशी रश्मि वर्मा के हाथ लग गयी थी. 2025 में भी दोनों अखाड़े में होंगे. यह लगभग तय है कि विनय वर्मा को कांग्रेस (Congress) की उम्मीदवारी मिलेगी. दूसरी तरफ विवादित छवि की रश्मि वर्मा की भाजपा (BJP) में उम्मीदवारी का दुहराव होगा, इसमें संदेह है. यही संदेह खानदान के तीसरे धुरंधर को नरकटियागंज के चुनावी अखाड़े में उतरने का आधार प्रदान कर रहा है. संदेश सच में बदल गया तब भी रश्मि वर्मा मैदान में होंगी. निर्दलीय या दूसरे किसी दल की उम्मीदवार के तौर पर.
बना हुआ है संशय
तीसरे धुरंधर हैं सिकटा (Sikta) के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा (Dilip Verma) . रश्मि वर्मा और विनय वर्मा की तुलना में इनका कद बहुत बड़ा है. पश्चिम चम्पारण जिले की राजनीति में ही नहीं, राज्यस्तरीय राजनीति में भी वह बड़ी पहचान रखते हैं. परिस्थितियां बनीं तो नरकटियागंज के चुनावी अखाड़े में वह खुद नहीं उतरेंगे, पुत्र समृद्ध वर्मा (Samridh Verma) के लिए मैदान सजायेंगे. वैसे, नरकटियागंज में संभावना नहीं बनने पर समृद्ध वर्मा को सिकटा के मैदान में उतारने की भी पुख्ता तैयारी है. प्राथमिकता भाजपा की उम्मीदवारी पाने की है. परन्तु, वहां थोड़ी दिक्कत यह है कि एनडीए में यह सीट जदयू (JDU) के हिस्से में रहती है. हालांकि, पिछले चुनावों में जदयू के उम्मीदवार रहे पूर्व विधायक खुर्शीद फिरोज अहमद (Khurshid Feroz Ahmed) के इस बार उसके प्रत्याशी के तौर पर चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से हालात कुछ बदल गये हैं. तब भी इसके भाजपा के हिस्से में आने पर संशय बना हुआ है.
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रश्मि वर्मा का पत्ता साफ हुआ तब…
समृद्ध वर्मा भी भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं. भाजयुमो के प्रदेश प्रवक्ता हैं. पार्टी में उनकी पहचान सिर्फ यही नहीं है कि वह दिलीप वर्मा के पुत्र हैं, बल्कि अपनी काबिलियत और समर्पण भरी कर्मठता से उन्होंने खुद की भी पहचान कायम कर ली है. अपने 35 वर्षीय लम्बे राजनीतिक जीवन में दिलीप वर्मा दल बदलते रहे हैं, पर अभी भाजपा में हैं. उन्हें आशंका है कि नरकटियागंज से भाजपा की उम्मीदवारी इस बार रश्मि वर्मा को नहीं मिलेगी. 2020 में विधायक निर्वाचित होने के बाद रश्मि वर्मा की जो संदिग्ध भूमिका दिखी और आचरण को लेकर जो आरोप उछले उसके मद्देनजर ऐसी आशंका आम है. ऐसे में रश्मि वर्मा का पत्ता साफ हुआ तब भाजपा में समृद्ध वर्मा के लिए वह जोर लगा सकते हैं.
लोग चाहते हैं प्रतिनिधित्व
हर पिता की तरह दिलीप वर्मा की इच्छा तो है ही, सिकटा विधानसभा क्षेत्र में गरीब-गुरबों के कल्याण को समर्पित उनके मधुरभाषी स्वभाव और व्यवहार कुशलता को देखते हुए नरकटियागंज के लोग भी चाहते हैं कि उनका (दिलीप वर्मा) नहीं, तो उनके पुत्र समृद्ध वर्मा का प्रतिनिधित्व उन्हें प्राप्त हो. इसलिए कि उनकी धारणा में पिता की तरह समृद्ध वर्मा भी मृदुभाषी और व्यवहार कुशल हैं, जनसेवा को समर्पित हैं. यह देख-सुन राजनीति हैरान है कि सिकटा और नरकटियागंज, दोनो क्षेत्रों में समृद्ध वर्मा को उम्मीदवार बनाने की मांग जोरदार तरीके से उठ रही है.
जनता से सीधा जुड़ाव
सिकटा विधानसभा क्षेत्र में दिलीप वर्मा के प्रति आम धारणा क्या है, इसको इस रूप में समझा जा सकता है. मैनाटांड़ (Manatand) प्रखंड क्षेत्र के रामपुरवा गांव के हैं संतोष यादव. उनके मुताबिक दिलीप वर्मा पहली बार 1991 में सिकटा से विधायक निर्वाचित हुए थे. तब से लेकर 2020 तक कई चुनाव हुए. कुछ में उनकी जीत हुई तो कुछ में पराजय का भी मुंह देखना पड़ गया. दोनों ही परिस्थितियों में उनका जनता से सीधा जुड़ाव बना रहा, संवाद कायम रहा. आम लोगों के सुख- दुख में उनका साथ मिलता रहा. वह क्रम अब भी जारी है. जनजुड़ाव की इसी भावना का पुण्य फल है कि दिलीप वर्मा जब कभी क्षेत्र भ्रमण पर निकलते हैं तब असंख्य लोग घरों से निकल उनके अभिवादन के लिए सड़क पर आ जाते हैं. अपने सुख-दुख से उन्हें अवगत कराते हैं. दिलीप वर्मा यथासंभव उनकी सहायता कर देते हैं. ऐसी सामान्य धारणा के बीच सिकटा विधानसभा क्षेत्र में समृद्ध वर्मा को पिता दिलीप वर्मा की विरासत संभालने का सुअवसर प्राप्त होता है तब लोग उन्हें शायद ही निराश होने देंगे.
परेशानी नहीं होगी
दिलीप वर्मा नरकटियागंज के शिकारपुर (Shikarpur) के रहने वाले हैं. इस कारण यह क्षेत्र उनके हृदय में बसा हुआ है. चंद्रकिशोर महतो नरकटियागंज में दर्जी का काम करते हैं. वह कहते हैं कि इस विधानसभा क्षेत्र में दिलीप वर्मा का खुद का मजबूत जनाधार है. पैतृक विधानसभा क्षेत्र से समृद्ध वर्मा भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हैं तो जीत हासिल करने में उन्हें कोई विशेष परेशानी नहीं होगी. नरकटियागंज में समृद्ध वर्मा 2014 से ही सक्रिय हैं. समाज सेवा में गहरी रुचि रखते हैं. पिता दिलीप वर्मा के सहयोग से लोगों की समस्याओं का समाधान करवाते हैं. सुमित कुमार केडिया नरकटियागंज बाजार के बड़े व्यवसायी हैं. उनका कहना है कि बाजार के तमाम व्यवसायियों से दिलीप वर्मा का आत्मीय संबंध है. समृद्ध वर्मा चुनाव लड़ते हैं तो इसका लाभ उन्हें मिल सकता है.
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