राज काज : यही हैं बिहार में सत्ता के असली सूत्रधार !
तापमान लाइव ब्यूरो
07 अप्रैल 2025
Patna : यह कोई छिपी बात नहीं है कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आजू बाजू भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के दो अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने महत्वपूर्ण जगह बना रखी है. वैसे तो नीतीश कुमार के प्रिय अवकाश प्राप्त अधिकारी अनेक हैं, पर उन सबकी तुलना में इन दोनों की हैसियत अपेक्षाकृत कुछ बड़ी है. एक अधिकारी ने सियासी मामलों में मोर्चा संभाल रखा है तो दूसरे ने प्रशासनिक मामलों में. सियासी मोर्चा संभालने वाले में मुखरता का अभाव है. परिणामस्वरूप पार्टी के पुराने ठेकेदारों के प्रपंच का आसान शिकार हो जाते हैं.
दूर-दूर रहने का प्रयास
शासनिक महकमे को हांकने वाले में इतनी जान है कि हर कोई उनसे दूर-दूर रहने का ही प्रयास करता है. संभवतः इस वजह से कि सत्ता के अघोषित सूत्रधार उनके ही रहने की चर्चाएं होती रहती है. ऐसी ही चर्चाओं के बीच महीने में दो-चार बार यह अफवाह जरूर फैलती है कि वह आज गये, कल गये. उधर बंदा डटा है सो डटा ही है. करीबी बता रहे हैं कि उनके हटने का कोई चांस नहीं है. क्यों भाई? इसलिए कि उन्हें दिल्ली (Delhi) के ‘शक्तिमान’ (Shaktiman) का वरदहस्त प्राप्त है. वह भी वाया-मीडिया नहीं, एकदम से डायरेक्ट.
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स्वयं सेवा में मस्त हो गये
वह चाहें तो दिल्ली के ‘शक्तिमान’ को कह कर किसी के पीछे ईडी (Ed) , आईटी (IT) और सीबीआई (CBI) फिट कर दें. सरकार के एक बड़े अधिकारी, जो इन दिनों अधिक खाने के कारण जेल काट रहे हैं, इसे भी प्रशासनिक महकमा संभालने वाले अवकाश प्राप्त अधिकारी के कोप से जोड़ कर देखा जा रहा है. जेल काट रहे अधिकारी ने शुरू में खूब सेवा भाव का प्रदर्शन किया था. मगर, बीच की अवधि में वह स्वयं सेवा में मस्त हो गये. अवकाश प्राप्त अधिकारी की सेवा में त्रुटि होने लगी. बस, वह नाराज हो गये. सेवारत अधिकारी पर ईडी बम गिर गया. नीतीश कुमार के दरबार में कई अधिकारी स्थायी रूप से रहते हैं.
शक्तिमान का आदेश
इन अधिकारियों के मन में विचार आया कि क्यों न अवकाश प्राप्त अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला जाये. कई बैठकें हुईं. उस आदमी की खोज की गयी जो गले में घंटी बांध सके. सभी अधिकारियों ने अपना अपना हाथ खींच लिया. हद तो यह हो गयी कि अवकाश प्राप्त अधिकारी को मोर्चाबंदी की खबर भी दे दी गयी. अभी हाल यह है कि सरकार के कई अधिकारी उनके कथन को दिल्ली वाले ‘शक्तिमान’ का आदेश मानते हैं. उस पर अमल करते हैं.
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