बोचहां उपचुनाव में मिलेगा 2024 का महामंत्र
विभेष त्रिवेदी
02 अप्रैल, 2022
MUZAFFARPUR : बोचहां उपचुनाव का परिणाम चाहे जो हो, भाजपा (BJP) यहां से बहुत कुछ हासिल कर सकती है. पूरे चुनाव पर बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया (Bhikhu Bhai Dalsaniya) की पैनी नजर है. उनके कंधों पर बिहार भाजपा को लोकसभा चुनाव (Parliament Election) के लिए तैयार करने का अहम दायित्व है. बोचहां (Bochaha) में भाजपा को चाहे जितना वोट मिले, भीखू भाई दलसानिया को आगामी महासमर के लिए पर्याप्त फीडबैक मिल रहा है.
इस चुनाव से बोचहां क्षेत्र में बूथ कमेटी, पंचायत कमेटी और पन्ना प्रमुख की कागजी सूची पर से पर्दा उठेगा. बोचहां में उनका साक्षात्कार बिहार (Bihar) के जातीय समीकरणों की जमीनी सच्चाई से हो रहा है. इससे सबक लेकर दल को 2024 के लिए लामबंद करने में लाभ मिलेगा. वहां भाजपा की गुटबाजी, लोकप्रिय नेता को किनारे लगाने की साज़िश सहित पार्टी की कई कमजोरियां उजागर हो रही हैं.
चरम पर है रोमांच
बताते चलें कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र में बोचहां प्रखंड की 13 और मुशहरी प्रखंड की 22 पंचायतें शामिल हैं. सहिला रामपुर ( बोचहां) से मणिका-डुमरी (मुशहरी) तक चौक-चौराहों पर, चाय-पान की दुकानों पर चुनावी चर्चा का रोमांच चरम पर है. शर्फुद्दीनपुर बाजार में नवीन कुमार एक सांस में बोलते चले जाते हैं- ‘सवाल सिर्फ भाजपा प्रत्याशी बेबी कुमारी (Bebi Kumari) के जनाधार और लोकप्रियता का नहीं है’ बोचहां बता देगा कि बिहार भाजपा (Bihar BJP) के महारथियों की लोकप्रियता कैसी है? उनका जनाधार क्या है?
ये महारथी आगामी लोकसभा चुनाव (Parliament Election) में पार्टी के खाते में कितना वोट ट्रांसफर करायेंगे? बोचहां से स्पष्ट हो जायेगा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Ray), प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal), राज्य सरकार के मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Ray) और सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad) की बदौलत आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को कहां कितना जनसमर्थन मिलेगा? ये महारथी जातीय समीकरणों को कितना मजबूत करेंगे?
जिला अध्यक्षों से बातें हुईं?
अहियापुर के एक विक्षुब्ध भाजपा नेता कहते हैं- ‘भीखू भाई दलसानिया मंजे हुए संगठनकर्ता हैं. वह पता कर सकते हैं कि बोचहां में चुनावी तैयारी के लिए मुजफ्फरपुर के पूर्व जिलाध्यक्षों की बैठक हुई या नहीं? इस कमेटी में पूर्व जिलाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा (Suresh Sharma), पूर्व जिलाध्यक्ष मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Ray), पूर्व जिलाध्यक्ष रवीन्द्र प्रसाद सिंह (Ravindra Prasad Singh) एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह (Arvind Kumar Singh) को एक साथ बैठाया गया या इनमें से पसंदीदा चेहरे को अलग से पूछा गया?
यह भी पता करना जरूरी है कि अलग-अलग पंचायतों के लिए प्रभारी बनाते समय, बोचहां का प्रभारी बनाते समय और स्टार प्रचारकों की सूची बनाते समय पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा (Suresh Sharma) को किसी लायक समझा गया या नहीं? सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि प्रदेश भाजपा ने सुरेश शर्मा को पूछा क्यों नहीं?’
बोचहां तीर्थ स्थल बना
बोचहां आज पूरे बिहार के भाजपा नेताओं के लिए तीर्थ स्थल बन गया है. पटना (Patna) समेत विभिन्न जिलों के भाजपाई बोचहां पहुंच रहे हैं. चुनावी महारथियों के मक्का में एक साजिश के तहत सुरेश शर्मा पर पत्थर चलाया जा रहा है. नरौली चौक पर हरी सब्जियों की खेप लेकर पहुंचे युवा किसान मुरलीधर प्रसाद कहते हैं – ‘जो मुखिया और वार्ड का चुनाव नहीं जीत सकते हैं, वे भी सुरेश शर्मा पर निशाना साध रहे हैं. एक सोची-समझी साजिश के तहत जिले में सर्वाधिक लोकप्रिय भाजपा नेता सुरेश शर्मा (Suresh Sharma) को अलग रखकर उनकी छवि धूमिल करने की संयुक्त साज़िश है.
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हाय-तौबा भूमिहार मतों के लिए!
बोचहां में भूमिहार के अलावा मल्लाह, यादव, पासवान, चमार, वैश्य, कुर्मी-कोइरी वोटरों की बड़ी आबादी है, लेकिन उन जातियों के भाजपाई लाचार नजर आ रहे हैं. सिर्फ भूमिहार वोटर के लिए हाय तौबा मची हुई है. क्या सिर्फ एक जाति की बदौलत जीत हासिल हो सकती है?’ मणिका (मुशहरी) निवासी नीलेश कुमार मंटू कहते हैं – ‘सिर्फ भूमिहार को मनाने-समझाने की नाटकबाजी में अन्य जातियों के नेताओं की विफलता को छिपाया जा रहा है. जहां तक भूमिहार वोटर की बात है, सुरेश शर्मा की गांव-गांव में पहचान है. हजारों परिवारों से उनका व्यक्तिगत संबंध है. सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर सुरेश शर्मा को अलग क्यों रखा गया है?’
चुनावी कमान किन हाथों में
रोहुआ चौक की चाय दुकान पर चुनावी चर्चा रोमांचक दौर में है. स्थानीय युवक संजय कुमार इशारे से सवाल उठाते हैं – ‘बोचहां की चुनावी कमान किन हाथों में है? चुनाव अभियान में ऐसे नेता अगली कतार में हैं, जिन पर पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और पूर्व विधायक चंद्रमाधव प्रसाद सिंह (Chandramadhav Prasad Singh) के पौत्र चुन्नू बाबू (बोचहां दरबार) को अपमानित करने और उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप है.’ कुछ ऐसा ही सवाल बोचहां बाजार में ऋतुराज कश्यप उठाते हैं-‘भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं पूर्व प्रदेश मंत्री नीरज नयन को आखिर किसने दल का प्राथमिक सदस्य नहीं बनने दिया?’
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