गांठ जो कभी खुलती नहीं : ललन सिंह को माफ नहीं किया तो फिर…!
विशेष प्रतिनिधि
18 नवम्बर 2024
Patna : नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं. इस काम के लिए उनके पास ढेर सारे लोग हैं. हां, एक बार उन्होंने अपनी प्रशंसा की थी. कहा था कि उनके पिताजी वैद्यराज (Vaidyaraj) थे. वह दवा की पुड़िया बनाते थे. नीतीश कुमार उन दिनों स्कूल में पढ़ते थे. पिताजी के काम में हाथ भी बंटाते थे. उनका काम था पुड़िया बांधना. उनके मुताबिक उनका बंधा पुड़िया अगर कोई फेंक भी दे तो खुलता नहीं था. सचमुच यह गुण है. पिताजी नहीं रहे तो पुड़िया बांधने का सिलसिला भी समाप्त हो गया. लेकिन, बचपन का यह गुण उनमें दूसरे रूप में आज भी उपलब्ध है. वह गांठ बहुत अच्छा बांधते थे.
समय पर कर देते हैं हिसाब
आम आदमी को यह नजर नहीं आती है, क्योंकि वह इसे दिल में बांध कर रखते हैं. पूरी जिन्दगी में जिस किसी से कभी भी नीतीश कुमार को कभी तकलीफ हुई, वह उसके नाम से एक गांठ बांध कर दिल के अंदर रख लेते हैं. फिर वह इसे कभी नहीं खोलते. समय आने पर उसका हिसाब करते हैं. ऐसी ही एक गांठ उन्होंने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को लेकर बांध रखी है. 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी की बड़ी और बुरी हार हुई थी. सबकी राय बनी कि उनकी यह गति चिराग पासवान के कारण हुई. उस समय चिराग पासवान ने ऐसा दावा भी किया.
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नहीं होगा इससे कोई लाभ
लोकसभा (Lok Sabha) का चुनाव हुआ. उसमें नीतीश कुमार ने दिल खोलकर चिराग पासवान के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किया. लोगों को लगा कि पहली बार नीतीश कुमार के दिल में चिराग पासवान के नाम पर बंधी गांठ खुल गयी है. चिराग पासवान ने अपनी ओर से प्रदर्शित किया कि नीतीश कुमार को लेकर उनके मन में मलाल नहीं है. इधर के दिनों में तो चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के लिए ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) तक की मांग कर दी. मगर, समझदार लोग बता रहे हैं कि ‘भारत रत्न’ या ‘नोबल पुरस्कार’ (Nobel Puraskar) देने की मांग करने से कोई खास लाभ नहीं होने जा रहा है. समय आने पर नीतीश कुमार हिसाब जरूर लेंगे.
क्या-क्या नहीं झेलना पड़ा
चिराग पासवान को समझाया जा रहा है कि जब नीतीश कुमार ने अपने संघर्ष के साथी ललन सिंह (Lalan Singh) को नहीं माफ किया तो चिराग पासवान क्या चीज हैं. मनमुटाव होने पर ललन सिंह ने लखीसराय (Lakhisarai) की एक सभा में कहा था कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है. कोई और नहीं जानता है. हम जानते हैं. सर्जरी करके एक-एक दांत बाहर निकाल देंगे. कोई अभी ललन सिंह से पूछे कि पेट में दांत की खोज करने के बदले में उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ा है.
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