डांट ऐसी पड़ी कि कांपने लगे चौधरी जी!
विशेष प्रतिनिधि
16 नवम्बर 2024
PATNA : चौधरी जी सामान्य रहते हैं. बस, कभी-कभी जोश में आ जाते हैं. इस अवस्था में वह होश गंवा बैठते हैं. आपा खो देते हैं. मुंह से शब्द के साथ-साथ कुछ तरल भी निकलने लगता है. इस तरलता को सामने वाले महसूस करते हैं. रूमाल या गमछा-तौलिया से चेहरा साफ कर लेते हैं. उस दिन जहानाबाद (Jehanabad) में भी ऐसा ही हुआ. पहले वह जोश में आये. फिर होश गंवा बैठे. इस क्रम में मुंह से जो तरल पदार्थ निकला, उसे ब्रह्मर्षियों (Brahmarshis) ने अपने चेहरे पर पड़ा महसूस किया. एकदम से कोहराम मच गया. कुछ लोगों ने संभालने की कोशिश की. कहा कि अपने समधी हैं न. बिहारी समाज (Bihari Samaj) में समधी को, साले को और बहनोई को भी हंसी-मजाक की छूट मिली हुई है. समझदारों ने समझाया कि हंसी-मजाक समझ के मामला रफा-दफा करो.
कांप रहे हैं मुंगेर वाले दुर्वासा भी
यह बात जमी नहीं. शाम तक सुशासन बाबू (Sushashan Babu) तक मामला पहुंच गया. तलब किये गये. गवाह बताते हैं कि बैठने के लिए भी नहीं कहा गया. सुशासन बाबू गरम थे. इतना कस कर डांटा कि चौधरीजी (Choudhary Ji) कांपने लगे. कुछ लोग कह सकते हैं कि वह अपमान से कांप रहे थे. दूसरे कह सकते हैं कि गुस्सा से कांप रहे थे. इधर गवाह का दावा है कि चौधरीजी गुस्सा और अपमान से नहीं, बल्कि खालिस डर से कांप रहे थे. डर यह कि कहीं कैबिनेट से छुट्टी न हो जाये. वहां से निकले तो और बुरी खबर मिली. बताया गया कि मुंगेर (Munger) वाले दुर्वासा भी गुस्से से कांप रहे हैं. मुंगेर वाले तो उसी दिन से गुस्से से कांप रहे थे, जिस दिन सुशासन के भरे दरबार में चौघरीजी ने उन्हें चुनौती दे दी थी. लेकिन, तब से मौका नहीं मिला था. मौका मिला तो दुर्वासा कुटिल मुस्कान लेकर फैल गये. अपने शिष्यों को चौधरी जी के पीछे लगा दिया.
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दिख रहे हैं फिलहाल शांत
शुभचिंतकों ने चौधरीजी को समझाया कि दुर्वासा आधुनिक वाले हैं. इन्हें तंत्र-मंत्र से सिद्धि नहीं मिली है. भीषण षडयंत्र (Conspiracy) से सिद्धि मिली है. इनसे मत उलझिये. शुभचिंतकों के ऐसे वैसे वचन सुन चौधरीजी ने दुर्वासा को शांत करने का प्लान बनाया. करीब तीन सप्ताह की कठोर तपस्या के बाद दुर्वासा से उनकी भेंट हुई. अखबारों में तस्वीर छपी. अब लोग तस्वीर का विश्लेषण कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि दुर्वासा के चेहरे का भाव यही बता रहा है कि चौधरीजी का हिसाब होना तो अभी बाकी ही है. मौका आने पर बता देंगे कि हम क्या कुछ कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि चौधरीजी अभी शांत चल रहे हैं. जहानाबाद की घटना का असर तो है ही. पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में कई मंत्री रखे गये. चौधरीजी नहीं रखे गये.
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